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मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी बदले जाने से नाराजगी

विष्णुदेव साय
  श्रीमती आरती सिंह
 साय चौथी बार मैदान में
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
           रायगढ़ की आदिवासी सुरक्षित संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने इस बार फिर नए चेहरे के रूप में जशपुर जिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती आरती सिंह पर दांव लगाया है। लेकिन रायगढ़ संसदीय सीट पर लगातार तीन जीत दर्ज करा कर चौथी बार चुनाव मैदान में उतरे भाजपा के दिग्गज नेता विष्णुदेव साय के मुकाबले को कांग्रेस के ही दिग्गज नेता इस बार  बेहद कमजोर मुकाबला मान कर यहां चुनाव में अधिक मेहनत करने की बात कर रहे हैं।
     रायगढ़ संसदीय सीट पर वर्ष 1998 में कांग्रेस की टिकट पर अजीत जोगी ने भाजपा के दिग्गज नेता नंदकुमार साय को पराजित करके यहां अपनी जीत दर्ज कराई थी। इसके बाद यहां भाजपा के मौजूदा सांसद विष्णुदेव साय से कांग्रेस को लगातार तीन बार पराजय का सामना करना पडा़ है।
     रायगढ़ संसदीय सीट पर वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विष्णुदेव साय ने कांग्रेस की पूर्व सांसद सुश्री पुष्पादेवी सिंह को पराजित करने के बाद इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। श्री साय ने वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व मंत्री रामपुकार सिंह को लगभग एक लाख बोट से पराजित किया था। इसके बाद वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पुनः उम्मीदवार बदल कर अपने युवा विधायक हृदयराम राठिया को चुनाव मैदान में उतारा था।लेकिन श्री राठिया कड़ी मेहनत के बाद भी भाजपा उम्मीदवार विष्णुदेव साय को रायगढ़ संसदीय सीट पर जीत की हेट्रिक बनाने से नहीं रोक पाए।
   इस  बार यहां कांग्रेस पार्टी ने सारंगढ़ रियासत के राजा एवं अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजा नरेशचन्द्र की बेटी डा.मेनका सिंह को टिकट दी थी। इस उम्मीदवार ने यहां पर जब तक अपना प्रचार अभियान शुरू किया उससे पहले अचानक कांग्रेस पार्टी ने डा.मेनका सिंह की टिकट काटकर जशपुर जिले से जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं कांग्रेस के पूर्व मंत्री रामपुकार सिंह की बेटी श्रीमती आरती सिंह को नया उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी थी।
   महज एक सप्ताह के भीतर कांग्रेस पार्टी में इस बदलाव के बाद यहां भी पार्टी कार्यकर्त्ताओं ने विरोध का स्वर तेज कर दिया था। लेकिन कांग्रेस पार्टी रायगढ़ संसदीय सीट पर अपने बदले गए फैसले पर आज भी अडिग है। यहां पर ज्यादातर कांग्रेस नेता ही श्रीमती आरती सिंह को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय से चुनावी मुकाबला में बेहद कमजोर उम्मीदवार मान रहे हैं। छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव का कहना था कि रायगढ़ संसदीय सीट पर कांग्रेस हाईकमान व्दारा अचानक उम्मीदवार बदले जाने से वे भी हतप्रभ हैं। उन्होने कहा कि इसके पहले डा.मेनका सिंह को पार्टी उम्मीदवार बनाने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने ही दिल्ली हाईकमान के समा प्रस्ताव दिया था। लेकिन अचानक डा.मेनका सिंह की टिकट काट देने से यहां कांग्रेस को अधिक मेहनत करने की जरूरत बन गई है।
   जशपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष का पद सम्हालने से पहले श्रीमती आरती सिंह ने वर्ष 2009 में पत्थलगांव नगर पंचायत का चुनाव लड़ा था। इसमें वे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार से बुरी तरह चुनाव हार गई थी। श्रीमती सिंह के नेतृत्व में इस बार वर्ष 2013 के विधानसभा के चुनाव में जशपुर जिले की तीनो विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की पराजय हो जाने से यहां कांग्रेस के नेता उन्हे लोकसभा  चुनाव में काफी कमजोर उम्मीदवार मान रहे हैं।
       भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय रायगढ़ संसदीय सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीतने के बाद यहां चौथी बार लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
  इस बार लोकसभा चुनाव में पूरे देश में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की चर्चा को लेकर विष्णुदेव साय अपनी जीत के प्रति काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं। जशपुर और रायगढ़ जिले की कुल आठ विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का छैः सीटो पर कब्जा है। विधानसभा के चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा 65 हजार मतों से कांग्रेस पार्टी से आगे थी। ऐसे हालात में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को बहुत अधिक मेहनत करने की जरूरत है।
     रायगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का कहना है कि इस बार देश में केन्द्रीय नेतृत्व को परिवर्तन की लहर चल रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के विकास कार्यो की वजह से उन्हे अपनी जीत का पूरा भरोसा है। श्री साय ने कहा कि रेल सुविधा से वंचित जशपुर जिले में कोरबा से लोहरदगा रेल लाइन का विस्तार को भी वे अपना चुनावी मुददा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि रायगढ़ जिले में रेल सेवाओं का विस्तार तथा किसानों के लिए सिंचाई योजनाओं को बढ़ावा देने से उन्हे मतदाताओं का अच्छा समर्थन मिलने की उम्मीद है।
      इधर कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती आरती सिंह को अचानक रायगढ़ संसदीय सीट की टिकट मिल जाने के बाद वे अपने कार्यकर्त्ताओं को ही एकजुट करने में व्यस्त हो गई हैं। श्रीमती सिंह का कहना है कि रायगढ़ और जशपुर जिले में महिला मतदाताओं का समर्थन के अलावा युवा वर्ग से उन्हे अपनी पक्की जीत की उम्मीद है। जशपुर जिले में बेराजगारी की समस्या के चलते यहां मानव तस्करी की बात को उन्होने अपना प्रमुख चुनावी मुददा बनाया है। श्रीमती आरती सिंह का कहना है कि जशपुर जिले में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर वे यहां बेरोजगारी की समस्या को दूर कर लेंगी। उन्होने बताया कि इन मुददों पर उनहे अपनी जीत का पूरा भरोसा है। जशपुर और रायगढ़ जिले दोनो प्रमुख राजनैतिक दल का चुनाव प्रचार का काम अभी तक जोर नहीं पकड़ पाने से यहां सब कुछ सुना सुना दिख रहा है।
      रायगढ़ संसदीय सीट पर भाग्य अजमाने के लिए उतरे कांग्रेस और भरतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जशपुर जिले के ही निवासी हैं। इसके बाद भी यहां चुनाव प्रचार की गहमागहमी दिखाई नहीं दे रही है। रायगढ़ संसदीय क्षेत्र के मतदाता इस बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव का 24 अप्रेल को मतदान होना है,इसके लिए अब महज तीन सप्ताह का ही समय बचा होने के बाद भी यहां किसी भी राजनैतिक दल के उम्मीदवार ने अपना प्रचार प्रसार के लिए एक भी झंडा और पोस्टर नहीं लगाया है। 
       दोनो प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार प्रसार में रूचि नहीं दिखाने से इस बार मतदान प्रतिशत में कमी आने की बात कही जा रही है। पाकरगांव के सरपंच नेहरू लकड़ा का कहना था कि वे लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन राजनैतिक दल के नेताओं का गांवों में कहीं भी जनसम्पर्क शुरू नहीं हो पाया है। उन्होने कहा कि इस बार रजनैतिक दल के नेताओं की चुनाव को लेकर उदासिनता और मतदान तिथि तक गर्मी का प्रकोप बढ़ जाने से यहां मतदान का प्रतिशत पर विपरित असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।

 

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