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सोमवार, 29 अप्रैल 2013

घुमन्तू बच्चों को मिला नया ठिकाना

 देखरेख का अभाव में बन गए थे नशाखोर
पत्थलगांव/  रमेश शर्मा
    पूरे दिन शहर घमाचौकड़ी करके जीवन यापन करने वाले घुमन्तू बच्चों को षिक्षा का ज्ञान देकर उन्हें नई दिषा देने का प्रयास किया जा रहा है। राजीवगांधी षिक्षा मिशन व्दारा की गई पहल इन बच्चों को भी रास आने लगी है। इससे पहले बस स्टैण्ड पर भीख मांग कर तथा छोटी मोटी चोरयॉं कर ये बच्चे कई तरह के नशे के आदी हो गए थे। ये अनाथ बच्चे पानी की बोतल उठाने और बेचने के बहाने बस स्टैण्ड में यात्रियों की भीड़ भाड़ में शामिल हो जाते थे। इस दौरान मौके का फायदा उठा कर पॉकेटमारी और चोरी जैसे अन्य अपराधों को अंजाम देते थे। इनमें से कुछ बच्चों की कम उम्र होने के बाद भी ये लोशन, आयोडेक्स का नषा करने के आदी हो गए थे। रूमाल अथवा प्लास्टिक की पन्नी का उपयोग कर ये बच्चे पंचर बनाने का लोशन को सूंघ कर प्रसन्न रहते थे। बस स्टैण्ड, विश्राम गृह का पार्क अथवा अन्य सूनसान जगह पर विभिन्न तरह का नषा करते हुए इन बच्चों को सभी देख कर गुजर जाते थे। लेकिन इन बच्चों को सुधारने के लिए कहीं से भी पहल नहीं हो पाई थी।
           बच्चों की मदद के लिए बढ़ाया था हाथ
     पिछले दिनो यहॉं पर अग्रसेन भवन में आयोजित एक रंगारंग कार्यक्रम में इन घुमन्तू बच्चों के लिए शहर के युवाओं की टीम ने मदद करने के लिए हाथ बढ़ाया था। अन्तरराष्ट्रीय समाज सेवी संस्था के सदस्यों ने अपना सालाना जलसा के कार्यक्रम में इस तरह के बच्चों की खातिर जल्द ही कुछ कर गुजरने की जोर शोर से घोषणा भी की थी। इस कार्यक्रम में विधायक रामपुकार सिंह के अलावा अनेक गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। लेकिन समाजसेवी युवाओं व्दारा की गई इस घोषणा पर आज तक क्रियान्वयन नहीं हो पाया है।
                   शिक्षा मिशन की सार्थक पहल
घर में रह कर पढ़ाई लिखाई में ध्यान देने वाले बच्चे बने प्रेरणा
       राजीव गांधी षिक्षा मिशन के खंड स्रोत समन्वयक श्‍याम लाल साहु ने ऐसे बच्चों को देखने के बाद इन्हे षिक्षा की डगर पर चलाने का प्रयास किया है। प्रारम्भ में यह काम थोड़ा कठिन होने के बाद भी इन घुमन्तू बच्चों के लिए प्रयास जारी रहने से अब इन बच्चों को भी पढ़ाई रास आने लगी है। फलस्वरूप अब घुमन्तू कहलाने वाले बच्चों ने पुस्तकें उठाकर पढ़ने लिखने पर ध्यान देना शुरू किया है। श्री साहू का कहना है कि घुमंतू  बच्चों में एकाएक बदलाव लाना सम्भव नहीं है। इन बच्चों के अनुरूप षिक्षा का वातावरण बना कर समझाया जाए तो थोड़ी सफलता अवष्य मिलती है। श्री साहू ने बताया कि घर में रह कर पढ़ाई लिखाई के काम में सजग रहने वाले बच्चों के पास ले जाकर उनकी दिनचर्या दिखाने पर घुमन्तू बच्चे भी शिक्षा के प्रति प्रभावित हो जाते हैं।उन्होने बताया कि यहॉं चिन्हित किए गए घुमन्तू बच्चों को भी साथ में रख कर पहले घुमाया फिराया गया। उनकी बुरी आदतों के परिणाम के बारे में भी समझाइश दी गई।इस प्रयास के बाद घुमंतूबच्चों को साथ रख कर उन्हे घरों में रह कर सतत पढ़ाई में ध्यान देने वाले अन्य बच्चों से मुलाकात कराई गई थी। घरों में रह कर पढ़ने वाले अन्य बच्चों को देख कर घुमंतू बच्चों ने भी अब पुस्तकें उठा ली है। उन्होने बताया कि यहंा विश्राम गृह के पीछे, दर्रापारा और चट्टान पारा में रहने वाले कई बच्चों को इस योजना का लाभ मिलने लगा है। श्री साहू ने बताया कि राजीवगांधी षिक्षा मिशन व्दारा वैकल्पिक एवं नवाचारी शिक्षा  योजना के तहत पत्थलगांव विकास खंड अन्तर्गत कोतबा और पतराटोली में ऐसे ही दो केन्द्रांे का संचालन किया जा रहा है। इन केन्द्रों में घुमन्तू व कमजोर वर्ग के लगभग 100 बच्चों को रख कर उन्हे विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

वनों की अवैध कटाई पर नहीं लग रही रोकथाम

तिलईखार जंगल के समीप अवैध कटाई के बाद इमारती लकड़ी की कटाई 
 पत्थलगांव/
   जशपुर जिले का पत्थलगांव वन परिक्षेत्र में जगंलों की धड़ल्ले से हो रही अवैध कटाई के कारण हरियाली पर विपरित असर पड़ रहा हैं। आस पास के जंगलों में हरे भरे पेड़ों की कटाई करने वालों पर अंकुश लगाने में यहॉं का वन अमला पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है।
 यहॉं आस पास के जंगलों में रखवाली का काम में वन अमला व्दारा ढीलाई बरते जाने से अवैध कटाई करने वालों के हौंसले बुलंद हो गए हैं। यही कारण है कि यहॉं तिलडेगा, सारसमार तथा तिलईखार जंगल में चलने वाली अवैध कुल्हाड़ी की दिन में भी आवाज सुनाई देने लगी है। यहॉं जगह जगह अवैध कटाई के बाद जंगल के समीप ही इमारती लकड़ी की भी कटाई की जा रही है। मंगलवार को तिलईखार जंगल से पेड़ों की अवैध कटाई के बाद समीप के खेत में धड़ल्ले से साईज की तैयार की जा रही थी। इस तरह का नजारा पर वन अमला की भी नजर पड़ती है लेकिन मुंह फेर लेने से लकड़ी चोरी करने वालों के हौसलें बुलंद हो रहे हैं। यहॉं के वन परिक्षेत्राधिकारी ने बताया कि तिलईखार जंगल में लकड़ी चोरों को पकड़ने के लिए कई बार दबिश दी गई लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। उन्‍होंने कहा कि आस पास के गांवों में वन सुरक्षा समिति के सदस्यों को सतर्कता बरतने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।


सरकारी धार्मिक यात्रा पर निकला बुजुर्गो का दल


धार्मिक यात्रा में शामिल पत्थलगांव का दल
कई यात्री पहली बार करेंगे रेल यात्रा का अनुभव
 पत्थलगांव/      रमेश शर्मा
  छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत 54 बुजुर्गो का दल गुरूवार को पत्थलगांव से गुजरात का प्रसिध्द धार्मिक स्थल द्वारकाधीश के लिए रवाना हो गया। एक सप्ताह की यात्रा के दौरान यह दल गुजरात स्थित द्वारकाधीश, सोमनाथ तथा नागेश्‍वर सहित विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेगा। धार्मिक यात्रा के इस दल में कई बुजुर्ग महिला भी शामिल थी। यहां बस से रायगढ़ रेल स्टेशन पहुंचने के बाद सभी यात्रियों का दल गुरूवार को विशेष ट्रेन से रवाना होगा।
  इस दल में कई ऐसे लोग थे जो पहली बार रेल यात्रा का अनुभव प्राप्त करेंगे। धार्मिक यात्रा में शामिल होने वाले आज यहॉं जनपद कार्यालय में एकत्रित हुए थे। सीईओ भजनसाय ने तीर्थ यात्रियों के दल को आवष्यक दिषा निर्देश तथा अन्य जानकारी देकर उन्हे शुभकामनाऐं दी। श्री साय ने बताया कि धार्मिक यात्रा में शामिल होने वालों का आवेदन मिलने के बाद उन्हे स्वास्थ्य परिक्षण के अलावा उनकी अन्य जरूरी तैयारिया करा दी गई थी।
   ग्राम पचंायत तिलडेगा की श्रीमती जेमाबाई ने राज्य सरकार की इस पहल की काफी सराहना की। उन्‍होंने कहा कि वह पहली बार प्रसिध्द धार्मिक स्थलों का भ्रमण के साथ रेल यात्रा का भी सुखद अनुभव करेगी। धार्मिक यात्रा में शामिल होने वाले कुछ बुजुर्ग अपने साथ सहायक को भी लेकर जा रहे हैं। ग्राम तिलडेगा का ही कुबेर राम अपने साथ एक सहायक को भी साथ लेकर पहुंचा था। ऐसे लोगों का कहना था कि उम्र अधिक होने के कारण यह धार्मिक यात्रा उनके लिए यादगार यात्रा साबित होगी। लुड़ेग की श्रीमती फुलो यादव, फुलमती, शिववरात्रि तथा ग्राम सुरंगपानी से यहॉं पहुंची सुलोचनी इस यात्रा को लेकर काफी उत्साहित थी। इन महिलाओं का कहना था कि घर में उनके बेटा बहु ने इस यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया था। धार्मिक यात्रा में शामिल अन्य बुजुर्ग भी अपने परिवार के सदस्यों को धन्यवाद दे रहे थे। इन बुजुर्गो का कहना था कि एक साथ आसपास के लोगों का दल में शामिल रहने से उन्हे अकेलेपन का अहसास नहीं होगा।  


गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

हेंडपंपों ने दम तोड़ा


हेंडपंप खराब होने की जानकारी मिलते ही पहुंच जाती है मैकेनिकों की टीम
 सुधार कार्य के लिए दो मोबाइल टीम तैनात
 पत्थलगांव/  रमेश शर्मा
  जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट के चलते आए दिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दफतर में बन्द हेन्डपम्पों की शिकायत दर्ज हो रही है। यहॉं पर खरकटटा, खारडोढ़ी, जामजुनगानी, भ्‍ कुकरगांव तथा काडरो क्षेत्र में जल स्तर में गिरावट के चलते ज्यादा हेंडपम्प बन्द होने की बात सामने आई है।
 लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने इस समस्या का त्वरित निराकरण के लिए मैकेनिकों की दो अलग अलग मोबाइल टीम तैनात की है। दूर दराज के गांवों में हेंडपंप खराब होने पर यहॉं जनपद कार्यालय तथा लोक स्वास्थ्य कार्यालय में षिकायत दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दूरभाष पर भी मिलने वाली षिकायत की पुष्टि करने के बाद तत्काल हेंडपंप संधारण करने वालों को रवाना किया जा रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता सीबी सिंह ने बताया कि गर्मी की शुरूवात होने के बाद विभिन्न ग्राम पचंायतों से 200 से अधिक हेंडपंप बिगड़ने की षिकायतें मिल चुकी हैं। श्री सिंग ने बताया कि ग्रामीण अचंल से हेंडपंप बिगड़ने की षिकायत के बाद तीन दिन से एक सप्ताह के बीच में सुधार कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि जल स्तर में गिरावट के बाद हेंडपंप में अधिकतम दस पाइप लगाए जाते हैं लेकिन कई गांवों में पेयजल की समस्या को देखते हुए 12 पाइप लगा कर हेंडपंप से पानी निकल रहा है। श्री सिंह ने बताया कि बीते तीन वर्षो में यहॉं भू जल स्तर में गिरावट की समस्या तेजी से बढ़ी है। उन्‍होंने बताया कि भू जल स्तर में तेजी से हो रही गिरावट रोकने के लिए वे ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणों को जल सरंक्षण के उपाय पर ध्यान देने की भी सलाह दे रहे हैं।
     जल सरंक्षण के बोस उपायों की जरूरत
  जिला पंचायत की पूर्व सदस्य श्रीमती ललिता पैंकरा ने बताया कि इन दिनों जल स्तर में तेजी से होने वाली गिरावट के चलते कुंऐं और तालाब का जल स्तर कम होने के साथ साथ हेंडपंप की सेवा पर भी विपरित असर पड़ रहा है। उन्‍होंने बताया कि चन्दागढ़ भैंसामुड़ा, खरकटटा, खारडोढ़ी क्षेत्र में भू जल स्तर में कमी आने की अधिक षिकायतें मिल रही हैं। श्रीमती पैंकरा का कहना था कि पानी की दिनो दिन बढ़ती समस्या के मददेनजर अब प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण के काम में अपनी भागीदारी देने का समय आ गया है। उन्‍होंने कहा कि भू जल स्तर की गिरावट को रोकने के लिए ठोस पहल नहीं होने से यह समस्या गम्भीर रूप ले सकती है। उन्‍होंने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत प्रत्येक गांव में कुंए छोटी डबरी और तालाबों का निर्माण के काम को प्राथमिकता से कराने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि जल ग्रहण सरंक्षण की दिषा में भी सार्थक पहल करनी होगी अन्यथा भू जल स्तर की गिरावट विकराल समस्या का रूप धारण कर सकती है।

मंगलवार, 23 अप्रैल 2013

बालिका शिक्षा और शराब बंदी पर दिया जोर


 
नागवंशी समाज का ग्रीष्मकालीन सम्मेलन
नागवंशी समाज का सम्मेलन
 पत्थलगांव/     रमेश शर्मा
     जशपुर जिले का नागवंशी समाज के लोगों ने समाज की एकजुटता को सुदृढ़ करने के लिए समीप के राईपारा में दो दिवसीय ग्रीष्मकालीन सम्मेलन का आयोजन किया।सोमवार को नागवंशी समाज का सम्मेलन के समापन अवसर पर लोगों ने बालिका षिक्षा और शराब बन्दी का संकल्प लिया।
    इस सम्मेलन में जशपुर के अलावा रायगढ़ एवं सरगुजा जिले से समाज के लोग काफी संख्या में उपस्थित हुए। नागवंशी समाज के सम्मेलन में धर्मान्तरण का पुरजोर विरोध करते हुए अपनी प्राचीन संस्कृति को बरकरार रखने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने शासन व्दारा शराब बनाने की छूट का जमकर विरोध किया। महिलाओं का कहना था कि आदिवासियों को शराब जैसी बुराई से दूर रखने की दिशा में समाज के लोगों को कड़े कदम उठाने होंगे। इसके बगैर युवा वर्ग अपराधों में उलझ कर विकास के कार्यो से विमुख हो रहा है। नागवंशी समाज का सम्मेलन में महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती प्यारो बाई ने कहा कि कच्ची शराब बना कर सेवन करने की बुराई में उलझ कर नागवंशी समाज का युवा वर्ग को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। 
 उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए समाज के वरिष्ठ लोगों को कुछ कड़े नियम बना कर इसका कड़ाई पूर्वक क्रियान्वयन करने की जरूरत है। श्रीमती प्यारोबाई ने महिलाओं की षिक्षा पर भी जोर देते हुए कहा कि बालिकाओं को उच्च षिक्षा का लाभ नहीं दिलाने से इस वर्ग की ज्यादातर महिलाएं घरेलू काम काज में ही उलझ कर रह जाती हैं। यहंा पर नागवंशी समाज के महासचिव आनंद नाग ने वैवाहिक खर्च के नाम पर पुरानी परम्पराओं पर भारी भरकम अपव्यय करना पड़ता है। उन्होंने अन्तर्जातीय विवाह से भी दूर रह कर अपनी सामाजिक एकता को सुदृढ़ बनाने की बात पर जोर दिया। श्री नाग ने कहा कि नशामुक्त समाज बनाकर युवा वर्ग आर्थिक रूप से उंचा उठ सकते हैं। श्री नाग ने कहा कि इस समाज में महिलाओं ने ही शिक्षा का मुद्दा उठा कर सराहनीय पहल की है। इस दिषा में सभी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। सामाजिक सम्मेलन में कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता अमर सिंह, लम्बोदर प्रसाद, मंगलसाय, पंचमराम, लक्खूराम ने भी समाज को एकजुट करने के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए। 
इस सम्मेलन में ज्यादातर लोगों ने शराब तथा पुरानी परंपराओं के नाम पर फिजूलखर्ची रोकने की बात कही। नागवंशी समाज के इस कार्यक्रम में युवाओं की समिति का भी गठन किया गया। युवा वर्ग को नागवंशी समाज में नाग देवता की पूजा तथा उनके वंशज के बारे में समुचित जानकारी दी गई। इस समाज का उद्यम और खेती के कार्य में उनके योगदान पर भी चर्चा की गई। नागवंशी समाज के लोगों ने समाज के प्रमुख निरंजन प्रसाद नाग तथा महासचिव आनंद नाग के प्रयासों की सराहना करते हुए इस तरह के सम्मेलन को विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।