कुल पेज दृश्य

रविवार, 9 जून 2013

पर्यटन में नई पहचान देने वाला कैलाश गुफा बदहाली का शिकार

 नुकीले पत्थर और गड्ढों की सड़क देख कर सैलानियों की संख्या घटी
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
   जशपुर जिले को पर्यटन के क्षेत्र में अलग पहचान देने वाला प्रमुख दर्षनीय स्थल कैलाश गुफा तक पहुंचने वाली सड़क की बदहाली और भारी अव्यवस्था के चलते इस पर्यटन स्थल पर पहुंचने वाले बाहर के सैलानियों का अब मोह भंग होने लगा है।गर्मी के दिनों में यहॉं  बाहर के सैलानियों की अच्छी खासी भीड़ और कैलाशगुफा के झरने पर छोटे बच्चों का शोर अब सुनाई नहीं देता है।
   बगीचा बतौली मुख्य सड़क के बाद कैलाश गुफा पहुंचने वाली 14 कि.मी. की उबड़ खाबड़ सड़क पर जगह जगह नुकीले पत्थर और गड्ढो के चलते यहॉं  पहुंचने वाले सैलानियों की मुश्किलेंबढ़ गई हैं। बगीचा बतौली की पक्की सड़क छोड़ने के बाद ग्राम मैनी से गुफा पहुंचने के लिए कच्ची सड़क पर पत्थरों की भरमार और बड़े बड़े गड्ढों के चलते कैलाश गुफा पहुंचने से पहले ही सैलानियों का मन खिन्न हो जाता है। महज 14 कि.मी.की दूरी को दो घंटो में तय करने से बाहर का सैलानी इधर दूसरी बार आने का नाम नहीं लेता है। इन दिनो कैलाश गुफा पहुंचने की जर्जर सड़क पर सुधार कार्य नहीं होने से यह रास्ता पहले से भी बदतर हो गया है। यहॉं  पर बीच रास्ते में वाहन खराब होने के बाद दूर दूर तक मदद मिलने की उम्मीद नहीं है।
   लगभग 14 कि.मी.लम्बी कच्ची सड़क पर पहुंचने के बाद बीएसएनएल का टावर की ठप्प हो जाने से सैलानियों की परेषानी में कई गुना इजाफा हो जाता है। चारो ओर ऊंची पहाड़ियां तथा दूर दूर तक फैली हरियाली के साथ झरनों का रमणीय दृष्य को देखने के लिए पहले सैलानियों का यहॉं  हर समय मेला लगा रहता था। कैलाश गुफा में प्राचीन षिव मंदिर का आकर्षण के चलते भी यह पर्यटन स्थल दूर दूर तक अपनी पहचान बना चुका है।यहॉं  पर सैलानियों की सुविधा पर ध्यान नहीं देने से यहॉं  की रौनक अब कम होने लगी है।कैलाश गुफा आश्रम के पुजारी का कहना था कि इस स्थल पर आवागमन के साधन का अभाव तथा सड़कों की दुर्दषा के चलते सैलानियों की भीड़ पर विपरीत असर पड़ा है। उन्होने बताया कि कैलाशगुफा के आस पास रेस्ट हाउस बना कर इस स्थल को विकसित किया जा सकता है।इस दिषा में सार्थक प्रयास होने चाहिए। 
रायगढ़ से यहॉं  पहुंचे पर्यटक कमल किषोर शर्मा ने बताया कि इस धार्मिक और रमणीय स्थल पर वे एक दशक पहले आए थे।उस समय यहॉं  की कच्ची सड़क की हालत आज से काफी अच्छी थी।श्री शर्मा ने कहा कि इस खूबसूरत पर्यटन स्थल को विकसित करने की दिषा में जिला प्रषासन को ठोस योजना बनानी चाहिए। यहॉं  पर पर्यटकों की भीड़ सिमटने लगी है। कैलाश गुफा का प्राचीन षिव मंदिर के आसपास काले बन्दरों का उत्पात भी बढ़ गया है। इस रमणीय स्थल पर प्रमुख आकर्षण का केन्द्र के रूप में काफी उंचाई से गिरने वाला झरना को माना जाता था। इन दिनों लगभग 40 फीट की ऊँचाई से गिरने वाली पानी की मोटी धारा भी अब लुप्त होकर यहॉं  पानी का पतला झरना ही रह गया है।यहॉं पर पत्थरों में काई और कचरे की भरमार रहने से कोई भी सैलानी यहॉं  नहाने का आनंद नहीं ले पाता है। कैलाश गुफा में साफ सफाई का अभाव और हर समय काले बन्दरों का उत्पात के चलते यहॉं  पहुंचने वाले सैलानी जल्द से जल्द वापस लौटने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।
           लोक निर्माण विभाग नहीं करता सड़क की देखरेख
 लोक निर्माण संभाग पत्थलगांव के कार्यपालन अभियंता प्रभु किन्डो ने बताया कि कैलाश गुफा पंहुचने वाली कच्ची सड़क प्रधान मंत्री सड़क योजना विभाग को हस्तांतरित हो जाने के बाद इस सड़क की उनके द्वारा देख रेख नहीं की जा रही है।श्री किंडो ने बताया कि इस सड़क पर सरगुजा जिले की सीमा तक 7 कि.मी दूर क्षेत्र के लिए उन्होने कार्य योजना तैयार की है। इस सड़क पर नया आबंटन मिलने के बाद यहॉं  पक्की सड़क तैयार की जाएगी।  

               हरियाली फैलाने की योजना
     पर्यटन के क्षेत्र में जशपुर जिले को अलग पहचान देने वाली कैलाश गुफा के आस पास वन विभाग ने प्लांटेशन लगाने की योजना पर काम शुरू किया है।यहॉं  के वन परिक्षेत्र अधिकारी सुरेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कैलाश गुफा का घाघी जगंल के आस पास 180 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण की तैयारी की गई है।यहॉं  पर हरियाली को बढ़ाने से इस स्थल की सुन्दरता में इजाफा हो सकेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: