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बुधवार, 16 नवंबर 2011

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के साथ अन्तरंग क्षणों में

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के साथ अन्तरंग क्षणों में

शराब बनाने की छूट से परेशान हो रही ग्रामीण महिलाऐं



रमेश शर्मा

पत्थलगांव/ पुलिस और ग्रामीणों के बीच में मधुर संबंध कायम करने तथा उन्हे न्याय दिलाने की मंशा से शुरू किया गया चलित थाना अभियान के दौरान ज्यादातर ग्रामीण पुलिस के समक्ष उपस्थित होकर सबसे पहले कच्ची शराब का अवैध करोबार करने वालों पर लगाम लगाने की गुहार कर रहे हैं।आदिवासियों को शराब बनाने की छुट का अब आदिवासी महिलाओं ने ही विरोध करना शुरू कर दिया है।
रविवार को पत्थलगांव थाना पुलिस व्दारा बहनाटांगर गांव में आयोजित चलित थाना में ग्रामीणों के साथ वहंा की महिला सरपंच श्रीमती समपति बाई ने भी पुलिस अधिकारियों से शराब का अवैध करोबार करने वालों पर ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया। यहंा के ग्रामीणों का कहना था कि आदिवासियों को शराब बनाने की छुट का इन दिनों जगह जगह दुरूपयोग होने लगा है। इसी वजह गांव के युवक भी शराब का नशा में डूबे रहते हैं। महिला सरपंच का कहना था कि गांव में अवैध शराब बेचने वालों पर आबकारी विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से यह गांव शराबियों का गांव बन गया है।उन्होने बताया कि इसी वजह मारपीट तथा अन्य अपराधिक वारदात होने लगी हैं। इस गांव की ज्यादातर महिलाओं ने कहा कि शराब का सेवन करने से कई घर बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं।चलित थाना के साथ गांव में पहुंचे नगर निरीक्शक नरेन्द्र शर्मा तथा महिला सहायक निरीक्शक मल्लिका बनर्जी ने ग्रामीण महिलाओं को उनकी इस समस्या को दूर करने में सहयोग देने का आश्वासन दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि अवैध शराब विक्रेताओं के प्रति गांव में जनजागरण अभियान चलाकर इस गांव को आदर्श गांव का रूप दिया जा सकता है।नरेन्द्र शर्मा ने ग्रामीण महिलाओं को विकास के कार्यो में पुलिस का समुचित सहयोग देने का आश्वासन दिया।
चलित थाना में बुधनी बाई नामक एक वृध्द महिला ने अपने पुत्र से प्रताड़ित होने का दुखड़ा सुनाया था।इस महिला ने बताया कि उसके छोटे पुत्र ने घर की दिवार उठा कर उसका रास्ता भी बन्द कर दिया है। ग्रामीण महिला की दुख भरी दास्तान सुनने के बाद महिला सहायक निरीक्शक मल्लिका बनर्जी ने इस वृध्द महिला का पुत्र ढुकरू राम को बुला कर उसका भी पक्श सुना।बुधनीबाई को घर से बेदखल करने तथा उसको परेशान करने की बातों पर दोनो पक्श को समझाईश देकर उन्हे बेहतर ढ़ंग से जीवन यापन करने की बात कही गई। चलित थाना में पुलिस कर्मियों ने गांव की विभिन्न समस्याओं की जानकारी एकत्र की।इस गांव के ग्रामवासियों ने स्वास्थ्य और शिक्शा की अच्छी स्थिति बताई कई मुहल्लों में बिजली नहीं होने की जानकारी देकर ग्रामीणों ने पुलिस कर्मियों को सहयोग देने की बात कही।चलित थाना में पुलिस कर्मियों ने टोनही प्रथा , अधं विश्वास जैसी बुराईयों से दूर रहने की समझाईष दी।
सिंचाई नहर के बाद भी किसानों को पानी का लाभ नहीं ग्राम बहनाटांगर के ग्रामीणों ने बताया कि यहंा पर केराकछार सिंचाई बांध से नहरों में पानी नहीं मिलने से अनेक किसानों को दोहरी फसल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहंा पर रवि सिदार ने बताया कि जल संसाधन विभाग ने उनके गांव में लाखों रूपये व्यय करके सिंचाई नहरों का जाल तो फैला दिया है, पर खपरापारा मुहल्ला तक नहर से सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है।बहनाटांगर गांव में जुनापारा, कदमपारा और लाईपारा में सिंचाई नहर होने के बाद भी यहंा तक पानी नहीं दिया जा रहा है। यहंा के किसानों का कहना था कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायत करने के बाद भी किसानों की समस्या यथावत है।पुलिस ने चलित थाना अभियान के दौरान ग्रामीणों के सभी सुझाव और जरूरतों की सूची बनाकर इस दिशा में सार्थक पहल करने का आश्वासन दिया।पुलिस ने बहनाटांगर गांव में पुराने अपराधियों के बारे में भी पुछताछ की। बहनाटांगर की चैपाल में पुलिस ने स्कूली बच्चों के अलावा मजदूरों के साथ भीshविस्तृत चर्चा कर उनके सवालों का जवाब दिया।

जमीन में नमीं नहीं होने से मुंगफल्ली फसल को नुकसान



पत्थलगांव/
  जमीन में नमी नहीं रहने से किसानों की मुगंफल्ली फसल बाहर नहीं निकल पा रही है। खेतों में पानी डाल कर काफी मषक्कत के बाद भी मुंगफल्ली की अधूरी पैदावार मिलने से इस अचंल के किसान हताष हो गए हैं।
   किसानों का कहना है कि दीपावली के एक पखवाड़ा पहले बारिष थम जाने से जमीन काफी कड़ी हो गई है।फसल के आखिरी मौके पर बारिष थम जाने से अब मुगंफल्ली की पैदावार जमीन से बाहर नहीं निकल पा रही है। कई गांवों में मुंगफल्ली की फसल को बाहर निकालने के लिए किसानों व्दारा पानी की व्यवस्था नहीं कर पाने से यह फसल खेतों में ही रह गई है।
       समीप ग्राम बहना टांगर के किसान रवि सिदार ने बताया कि मुगंफल्ली की पैदावार को जमीन से निकालने के लिऐ किसानों को दूर दूर से कांवर में पानी लाना पड़ रहा है। इसके बाद अगले दिन खेतों से आधी अधूरी फसल ही बाहर निकल पा रही है।किसानों का कहना है कि मुगंफल्ली की अच्छी पैदावार के बाद भी उन्हे अपनी फसल का पूरा लाभ नही मिल पा रहा है। किसानों का कहना था कि तमता जलाषय, केराकछार जलाषय, खरकटटा जलाषय की नहरों का जाल तो दूर दूर तक फैल गया है पर इनमें पानी नहीं रहने से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्राम बहनाटांगर के किसानों का कहना था कि बीते तीन चार साल से वे अपने गांव की लगभग पांच कि.मी.लम्बी नहर में बांध का पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं पर उनकी मांग को बार बार अनसुना कर दिया जा रहा है। इस गांव के किसानों का कहना था  िकइस समय मुंगफल्ली की फसल निकालनें में नहरों का पानी काफी लाभप्रद साबित हो सकता था।किसानों का कहना था कि ऐसे विपरित समय में सिंचाई नहरों से पानी देने पर उदारता दिखानी चाहिए।


  पत्थलगांव क्षेत्र के लगभग दो हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में किसान मुंगफल्ली की पैदावार लेते हैं।इस बार दीपावली से पहले बारिष नहीं होने से जमीन की नमीं समाप्त हो गई है। इसी वजह मुंगफल्ली की पैदावार निकालने में किसानों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।किसानों को पानी डालकर फसल निकालने की सलाह दी जा रही है।
       पी एस भदौरिया, कृषि उद्यान अधीक्षक पत्थलगांव