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शनिवार, 15 नवंबर 2014

रास आने लगा महंगे पान का जायका

पान लबों की शान के साथ विक्रेता
 
संडे स्पेशलः
गुटखा,पाउच का दौर में भी दूर
 नहीं हुए पान के शौकीन

रास आने लगा महंगे पान का जायका

रमेश शर्मा /पत्थलगांव

लबों की शान कहलाने वाला पान के टेस्ट में तरह-तरह के बदलाव के साथ इसकी पैकिंग को विशेष बना देने से इसके शौकीन महंगाई के बाद भी पान की दूकान से दूर नहीं हो पा रहे हैं। गुटका पाउच का चलन बढ़ जाने के बाद पान विक्रेता अपना पारम्परिक व्यवसाय को जीवित रखने के लिए अब सादा पान से लेकर आयुर्वेदिक, ग्लुकोज,ड्रायफ्रू
और चॉकलेटी पान की वैराइटी उपलब्ध कराने लगे हैं। अलग अलग रेंज के मंहगे पान होने के बाद भी युवकों के साथ युवतियों को भी यह स्वाद काफी रास आने लगा है।

वैसे तो पान पुराने लोगों की पसंद माना जाता है लेकिन अब फूड और शीतल पेय की तरह पान के फ्लेवर में भी कई तरह के बदलाव कर देने से पान का व्यवसाय भी अच्छी कमाई का जरिया बन गया है। ठंड के दिनों में पान पत्तों की आवक कम हो जाने से इसके थोक दाम बढ़ जाने के चलते पान विक्रेताओं को अपने ग्राहकों की मांग के अनुसार पहले से ही पर्याप्त मात्रा में स्टॅाक रखना पड़ता है।

यहां के पान विक्रेता धर्मेंद्र साहू का कहना है कि इन दिनों गुटका और पाउच का दौर शुरू हो जाने से उन्हे पान के टेस्ट के अलावा उनकी पैंकिंग पर भी विशेष ध्यान देना पड़ रहा है। उनके पास पहुंचने वाले पान के शौकीनों के लिए लम्बा सफर के लिए खास तरह की पैंकिग करनी पड़ती है। इससे उनके ग्राहक निरंतर बने रहते हैं। श्री साहू का कहना था कि इन दिनों सबसे ज्यादा क्रीम और चॉकलेट
फ्लेवर वाले पान पसंद किए जा रहे हैं। पान में डाले जाने वाले मसाले में चॉकलेट नटस रखे जाते हैं,इससे मुंह में पान का स्वाद और बढ़ जाता है। पान को बांधने के बाद उस पर चॉकलेट की कोटिंग के साथ क्रीम का जायका लगा देने से यह युवक युवतियों की खास पसंद बन जाता है।


रसगुल्ला व ड्रायफ्रूयुक्त पान

यहां के पान विक्रेताओं ने ड्रायफ्रूट युक्त पान की खास वैरायटी तैयार की जा रही हैं। ऐसे पान सगाई,बर्थ डे तथा खास अवसर पर ग्राहकों के आर्डर पर ही तैयार किए जाते हैं। ये पान 5 से 10 दिन तक खराब नहीं होते हैं। इसलिए महंगे पान के भी पान विक्रेताओं को खूब आर्डर मिल रहे हैं। रसगुल्ला पान की खासियत उसका स्वाद और शेप है। रसगुल्ले की तरह यह सॉप्ट तो होता ही है लेकिन मुंह में रखने के बाद इसके स्वाद की तारीफ अवश्य होती है।

स्पेशल डिब्बी में औषधीय पान

पान विक्रेता धर्मेन्द्र साहू का कहना था कि औषधीय पान की पैंकिग के लिए स्पेशल डिब्बियां मिलने लगी हैं। इसमें पान पैक करके दिए जाते हैं। इस तरह की पैकिंग के कारण पान में लम्बे समय तक ताजगी बनी रहती है। उन्होने बताया कि मुंह के छाले, जुकाम और सर्दी से छुटकारा दिलाने के लिए औषधीय पान ग्राहकों के बीच काफी लोगप्रिय होने लगा है।

मीठे पत्ते पर फ्रूटी खोपरा,ग्लुकोज और गुलकंदयुक्त पान फैमिली पान के रूप में आज भी अपनी पहले की तरह जगह बनाए हुए है। यह सबसे पुरानी रामेष्वर पान दुकान के विक्रेता बिहारी सिंग का कहना है कि गुटका और पाउच का दौर में भी ग्राहक इस पान से दूर नहीं हो पाए हैं। फर्क इतना है कि सर्दी के दिनों में मीठे पत्ते और गर्मी के दिनों में मघई या बनारसी पत्ते पर यह तैयार किया जाता है।
 



शनिवार, 8 नवंबर 2014

प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में भव्य शोभायात्रा

पंज प्यारे के सामने निशान साहेब
कीर्तन में गूँज . बोले सो निहाल, सतश्री अकाल
पत्थलगांव/    रमेश शर्मा
      बोले सो निहाल, सतश्री अकाल का जयकारे गुरुवार को शहरभर में गूंजे । काफी बड़ी संख्या में सिक्ख समाज जन सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव जी की महिमा का गुणगान करते शहर के प्रमुख मार्गो से निकले।
          अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत ते सब बन्दे की सुमधुर पंक्तिय को जत्थों व्दारा गाया जा रहा था। रंग बिरंगे फूलों से सजी शोभायात्रा का जगह जगह लोगों व्दारा आत्मीय स्वागत किया जा रहा था। पूरे रास्ते भर प्रसाद का वितरण किया जा रहा था। इस शोभायात्रा में शस्त्र कला व युद्ध कौशल के प्रदर्षन ने खासा रोमांच जगाया। यहां  पर गुरुसिंह सभा के गुरुव्दारा में 11 बजे से कीर्तन की शुरूवात हो गई थी। कीर्तन से पहले पूर्ण गुरुसिखी मर्यादा के अनुसार अरदास की गई।
       दोपहर गुरु अटूट लंगर के पश्चात सुसज्जित ट्रक में सजी हुई पालकी में गुरुग्रंथ साहिब को विराजमान किया गया। यहां  सिक्ख संगत ने काफी आकर्षक ढंग से पालकी को सजाया था। इस सवारी के आगे पंज प्यारे की भूमिका में अमरजीत सिंह काके, गोल्डी भाटिया, इन्दरजीत, अपनी एक जैसी वेश भूषा में उपस्थित थे। सवारी के आगे सिक्ख संगत के कार्यकत्र्ता सड़क धोने व झाड़ू से मार्ग साफ करने की सेवा कर रहे थे। शोभा यात्रा के साथ नगर कीर्तन के इस के कार्यक्रम में गुरुव्दारे का शब्दी जत्था भी उपस्थित था। शोभा यात्रा में सबसे आगे निशान साहेब के साथ अवनित भटिया चल रहे थे। सीतापुर के बेदी ढ़ोलकी तथा विभिन्न वाद्ययंत्रों के साथ बेहद अनुशासित रूप से पूरी संगत आगे बढ़ रही थी। इस शोभायात्रा और कीर्तन में शस्त्र कला व युध्द कौशल के प्रदर्षन ने खासा रोमांच जगाया।
       वीर खालसा गतका ग्रुप,स्मार्ट इंटरनेशनल गतका एकेडमी के युवकों ने युध्द कौशल का प्रदर्षन शानदार ढंग से किया। गुरुव्दारा गुरुसिंह सभा से निकल कर भव्य शोभायात्रा के साथ सिक्ख संगत सबसे पहले जशपुर रोड़ गई। यहां  अन्य समुदाय के लोगों ने भी गुरुग्रंथ साहेब का आत्मीय स्वागत कर संगत के लिए स्वलपाहार की व्यवस्था कराई थी। इस शोभायात्रा में सीतापुर, धर्मजयगढ़, कांसाबेल से भी सिक्ख संगत काफी बड़ी संख्या में शामिल हुई थी। 
                                               दिखा सांप्रदायिक सौहार्द
 गुरुग्रथ्ंा साहिब की शोभायात्रा एवं नगर कीर्तन के कार्यक्रम में सांप्रदायिक सौहार्द के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सफाई का संदेशके प्रति जागरूकता का दृष्य भी दिखाई दिए। यहां  बस स्टैण्ड का इंदिरा चैराहा के समीप अग्रवाल सभा के युवकों ने गुरुग्रंथ साहेब का स्वागत करने के पश्चात पूरी संगत के लिए जलपान की व्यवस्था की थी।रायगढ़ रोड़ ,जशपुर रोड़ और अम्बिकापुर रोड़ में भी कई जगह विभिन्न समुदाय के लोगों ने शोभा यात्रा के साथ पंज प्यारों का स्वागत कर सभी के लिए जलपान की व्यवस्था कराई थी। सरदार हरपेज सिंह भाटिया ने शोभायात्रा के दौरान सभी वर्ग के लोगों को प्रसाद वितरण किया गया।