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शनिवार, 27 जून 2015

सिविल अस्पताल में होने लगे सफल आपरेशन

सफल आपरेशन के बाद बिहानुराम
 मांझी की चिकित्सकों व्दारा देख रेख
15 सालों से अनुपयोगी मशीन, उपयोगी बनी
रमेश शर्मा/पत्थलगांव/ 
   शहर का सिविल अस्पताल में 15 सालों से बेकार पड़ी लाखों रुपयों की लागत वाली सी आॅर्म मशीन में आवश्यक सुधार कर इस मशीन को उपयोगी बना लेने से यहां आर्थोपेडिक्स मरीजों का सफल आपरेशन होने लगा है। बीते सप्ताह यहां शल्य चिकित्सा कर हड्डी में राॅड डालकर इंटर लाकिंग का सफल आपरेशन किया गया। स्वास्थ्य अधिकारी डा.जेम्स मिंज का कहना है कि पूरे जिले में अब तक का यह पहला आपरेशन है।
          सिविल अस्पताल में सर्व सुविधायुक्त आपरेशन थियेटर तैयार कर लेने के बाद इस मशीन का उपयोग कर अलग अलग दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दो लोगों का आर्थोपेडिक्स सर्जन डा. प्रफुल्ल चैहान की टीम के व्दारा सफल आपरेशन किया जा चुका है। बीएमओ डा.जेम्स मिंज ने बताया कि सिविल अस्पताल में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलने से यहंा पर पड़ोसी रायगढ़ और सरगुजा जिले से भी जटिल समस्या वाले मरीज आने लगे हैं।उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में मरीजों का उपचार के लिए अन्य जरूरी सुविधा बढ़ाने की भी तैयारी की गई है। इस क्रम में डेंटल मरीजों का उपचार की भी सुविधा बढ़ाई जा रही है।डा.मिंज ने बताया कि सिविल अस्पताल में डेंटल चिकित्सक अनूप भगत की पदस्थापना हो जाने के बाद 15 जून से यहां डेंटल संबंधित सघन चिकित्सा की भी शुरुआत की जा रही है।
        आर्थोपेडिक्स सफल आपरेशन केश नम्बर 1
 घुटने की हड्डी जोड़ने के लिए मरीज मलिक राम
 का टेंसन बैंड वायरिंग का सफल आपरेशन
  1. किलकिला के समीप ग्राम गोलाबुड़ा का बिहानु राम मांझी 30 वर्ष का दुर्घटना में बाऐं पैर में जांघ की हडडी टूट गई थी। इस मरीज के परिजनों ने उसके उपचार के लिए तीन दिन पहल इसे पत्थलगांव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। आर्थोपेडिक्स सर्जन प्रफुल्ल चैहान ने जब दुर्घटना में घायल बीहानु राम मांझी का परीक्षण किया तो उसके पैर के जांघ की टूटी हुई हडडी को प्लास्टर बांध कर जोड़ने में संदेह लग रहा था। डा.चैहान ने अपने अन्य सहयोगियो से सलाह मशविरा के बाद इस मरीज के पैर का आपरेशन कर राॅड लगाने की योजना बनाई गई। सिविल अस्पताल के आपरेशन थियेटर कक्ष में स्थापित की गई सीआॅर्म मशीन का उपयोग कर इस मरीज का सफल आपरेशन कर दिया गया है। टूटी हुई पैर की हड्डी में शल्य चिकित्सा कर लोहे की राड डाल कर इंटर लाकिंग करने के इस काम में यहां के चिकित्सक डा.डी.पटेल और लैलूंगा के डा.राजकुमार गुप्ता की भी सेवाएं ली गई। लगभग दो घंटे तक चले इस आपरेशन की बाद मरीज और उसके परिजनों से भी अधिक इस काम में जुटे सभी चिकित्सक व उनके सहयोगियों के चेहरों पर खुशी झलक रही थी। इस मरीज का सफल आपरेशन के बाद उसे सघन देख रेख के लिए अभी पत्थलगांव सिविल अस्पताल में ही रखा गया है। बीएमओ डा.जेम्स मिंज ने बताया कि जशपुर जिले में हडडी इंटर लांकिग का यह अब तक का पहला सफल आपरेशन है।
 सी आॅर्म मशीन को उपयोगी बना लेने से मरीजों
 को आपरेशन सुविधा का मिलने लगा लाभ
   आर्थाेपेडिक्स सफल आपरेशन केश नम्बर 2.
      यहां के सिविल अस्पताल में मरीजों के लिए सर्व सुविधायुक्त आपरेशन थियेटर उपलब्ध हो जाने के बाद बीते सप्ताह कोतबा के समीप ग्राम राजाआमा निवासी मलिकराम पिता सिमन उम्र 35 वर्ष भी सफल आपरेशन किया गया है। इस मरीज के घुटने की कटोरी टूट जाने से आर्थोपेडिक्स सर्जन डा.प्रफुल्ल चैहान ने ही टूटी हड्डी पर टेंसन बैंड वायरिंग का सफल आपरेशन किया है। इस मरीज को भी सिविल अस्पताल में ही देख रेख के लिए भर्ती रखा गया है। इस मरीज के परिजनों का कहना था कि परिवार की गरीब हालत के चलते वे दुर्घटना के बाद मालिकराम को बाहर ले जा कर इलाज कराने की स्थिति में नहीं थे। लेकिन यहॉं के सरकारी अस्पताल में ही सफल आपरेशन करके मलिक राम का बेहतर इलाज हो जाने से सभी लोग काफी खुश थे। 

मंगलवार, 16 जून 2015

मधु मक्खियों के हमले से दूर भागे जंगली हाथी

रमेश शर्मा/पत्थलगांव/
    पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के दर्जन भर गांवों में उत्पात मचा रहे जंगली हाथियों को अन्यत्र खदेड़ने के काम में वन अधिकारियों के सारे प्रयास भले ही विफल हो गए थे, लेकिन मधुमक्खियों का झुंड ने इन उत्पाती हाथियों की चंद मिनटों में ही अकल ठिकाने लगा कर दूर भागने के लिए मजबूर कर दिया।
      बताया जाता है कि बीते माह पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के महेष्षपुर गांव में ग्रामीणों के घरों में तोड-फोड़ करने वाले जगंली हाथियों को यहां का वातावरण इतना रास आ गया था कि वे यहंा से हटने का नाम ही नहीं रहे थे। महेशपुर के बाद खाड़ामाचा,खमगड़ा आदि गांवों में उत्पात मचाने वाले इन हाथियों के यंहा पर डेरा डाल देने से वन अधिकारी भी खासे परेशान हो गए थे।
      महेशपुर, खाड़ामाचा और कोतबा क्षेत्र में एक पखवाड़ा से डेरा डाल कर बैठे जंगली हाथियों के सामने दो दिन पहले उस समय असहज स्थिति बन गई थी जब खाड़ामाचा गांव के समीप इन हाथियों पर मधु मक्खियों के बड़े झुंड ने अचानक हमला बोल दिया। उत्पात मचाने वाले जंगली हाथियों की गतिविधियों की देख रेख करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि कोतबा क्षेत्र के एक जलाशय में कई घंटों तक जल क्रीडा करने के बाद हाथियों का दल ने गांव की ओर जाने का रुख किया था। खाड़ामाचा गांव पहुंचने से पहले जंगली हाथियों का दल ने जैसे ही एक पेड़ की टहनियां तोड़ी उसी वक्त अचानक मधु मक्खियों के बड़े दल ने इन हाथियों पर हमला बोल दिया।एक साथ सैकड़ों मधु मक्खियों का हमला हो जाने से जंगली हाथियों का दल विचलित हो गया था। इधर उधर भागने के बाद भी जब मधु मक्खियों के हमले से इन हाथियों को राहत नहीं मिली हाथियों ने वापस भागने में ही अपनी भलाई समझी।
       ग्राम पंचायत खाड़ामाचा के एक प्रत्यक्षदर्शी मंगल साय ने बताया कि मधु मक्खियों से पीछा छुड़ाने के लिए जंगली हाथियों का दल देखते ही देखते वहंा से ओझल हो गया। बाद में जंगली हाथियों के इस दल को छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर स्थित जशपुर वन मंडल के तपकरा वन परिक्षेत्र के जंगलों में देखा गया है।
                                     तपकरा क्षेत्र पहुंचा हाथियों का दल
      पत्थलगांव के वन उप मंडल अधिकारी व्हीके साहु ने बताया कि बीते एक पखवाड़ा से काडरो क्षेत्र में डेरा डाल कर बैठा जंगली हाथियों का दल ने यहंा के दर्जन भर गांव में 50 से अधिक लोगों के घरों में तोड़ फोड़ कर काफी नुकसान पहुंचाया है। जंगली हाथियों के इस दल को अन्यत्र खदेड़ने के लिए वन विभाग की हल्ला बोल पार्टी, पटाखों के शोर तथा मशाल जलाने जैसे कई उपाय किए गए। इसके बाद भी उत्पाती हाथी यहंा से अन्यत्र जाने का नाम नहीं ले रहे थे।श्री साहू ने बताया कि इन जंगली हाथियों का लगातार उत्पात से इस अचंल के ग्रामीण खासे परेषान हो कर उन्होने वन कर्मियों के विरोध में ही मोर्चा खोल दिया था। इसी वजह वन सहायक तथा दो बीट गार्डो ने अपनी छुटटी का आवेदन देकर घरों में बैठ गए थे। श्री साहु ने कहा कि जंगली हाथियों का दल दूर भाग जाने के बाद यहां के ग्राम वासियों के साथ वन कर्मियों ने भी राहत की सांस ली है।