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मंगलवार, 3 सितंबर 2013

पढ़ाई में आड़े नहीं आती गरीबी

करन सिंह

अर्जुन सिंह
   रमेश शर्मा
पत्थलगांव/ जशपुर जिले के पत्थलगांव में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाला बस ड्राईवर के जुड़वां बच्चों को विष्व विद्यालय अनुदान आयोग की उच्च षिक्षा छात्रवृत्ति योजना से आर्थिक मदद मिल जाने से दोनो भाइयों की इंजीनियर बनने की राह आसान हो गई है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले इन मेघावी छात्रों को शासन से षिक्षा के लिए शतप्रतिशत आर्थिक मदद मिल जाने के बाद इन्हे पंजाब स्थित जालंधर का नामचीन लवली प्रोफेशनल विष्व विद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दाखिला मिल गया है।
    पत्थलगांव के प्रकाश हाई स्कूल में गणित विषय लेकर पढ़ने वाले अर्जुन सिंह एव करन सिंह नामक जुड़वां भाइयों ने इस वर्ष 12 वीं की परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक अर्जित किए थे। इसके बाद दोनो मेघावी छात्रो का बैचलर ऑफ इजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी महाविद्यालय के लिए चयन हो गया था। यहंा चिडरापारा में रहने वाला बस चालक सुरजीत सिंह अपनी गरीबी की विवशता के कारण अपने 2 मेघावी बच्चों को चाह कर भी उच्च षिक्षा के लिए अच्छे महाविद्यालय में दाखिला नहीं दिलवा पा रहे थे।
    कुलवंत सिंह ने बताया कि उनके जुड़वां बच्चों की चाहत थी कि वे बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी की पढ़ाई करंे, पर इंजीनियरिग महाविद्यालय में भारी भरकम फीस के चलते वह अपने बच्चों का सपना पूरा नहीं कर पा रहा था। बस चालक की नौकरी से घर का मुष्किल से गुजारा करने वाले इस शख्स के मेघावी बच्चों ने इंटरनेट में विष्व विद्याालय अनुदान आयोग की योजना के बारे में पढ़कर वहाँ उच्च षिक्षा के लिए आर्थिक मदद के लिए आवेदन दिया था। इन मेघावी बच्चों के स्कूल सार्टिफिकेट तथा अन्य जरूरी दस्तावेज का निरीक्षण के बाद दोनो को आर्थिक मदद मिल गई है। प्रति वर्ष 80 हजार रुपए की षिक्षा सहायता मिलने के बाद दोनो भाई इंजीनियरिंग पढ़ाई का सपना पूरा करने में जुट गए हैं। इन छात्रों का कहना था कि ग्रामीण अंचल में रह कर भी मेहनत करके पढ़ाई में अलग स्थान बनाया जा सकता है।
       

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