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मंगलवार, 24 सितंबर 2013

जूदेव का विकल्प हैं गणेश राम भगत

गांव में मांदल के साथ गणेश राम
गणेश राम भगत रैली का नेतृत्व करते हुए
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
     झारखंड और उड़ीसा के रास्ते से जशपुर जिले में नक्सली और अन्य बदमाषों की आवाजाही को रोकने के लिए सरहदी गांवों के ग्रामीणों को एकजुट कर उनका हौंसला बढ़ाने वाले पूर्व अजाक मंत्री गणेश राम भगत को अब लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता दिलीप सिंह जूदेव का विकल्प के रूप में देखना शुरू कर दिया हैं। यहाँ के लोगों का मानना है कि पूरे देश में कटटरवादी हिन्दू नेता की अलग पहचान बनाने वाले जूदेव का सुदृढ जशपुर को आगे भी इसी मजबूती के साथ खड़ा रखने के लिए गणेश राम भगत ही सबसे उपयुक्त नेता साबित हो सकते हैं। जिले में शहरी और ग्रामीण अचंल के लोगों की निगाहें पूर्व अजाक मंत्री गणेश राम भगत पर टिक गई हैं। 
  दरअसल श्री जूदेव ने ही अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम में रहकर गरीबों की सेवा में अपना पूरा समय देने वाले ग्राम बुमतेल के गणेशराम भगत को वर्ष 1985 में जशपुर विधानसभा का चुनाव लड़ा कर उन्हे राजनैतिक पहचान दी है। श्री भगत ने कांग्रेस के दिग्गज नेता लुईस बेक को चुनाव में करारी षिकस्त देने के बाद इस जिले में कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहाँ दूरस्थ गांवों में सड़क,पुल पुलिया के अलावा ग्रामीण अचंल में अध्ययनरत आदिवासी प्रतिभावान विद्यार्थियों को देश के नामचीन स्कूलों में निषुल्क पढ़ाने की सार्थक पहल की है। दूर दराज के पहुंच विहिन गांवो में गरीब तबके के लोगों के लिए स्वास्थ्य और षिक्षा के पुख्ता इंतजाम कर देने से प्रषासनिक अमला को भी विकास योजनाओं का क्रियान्वयन में सहयोग मिलने लगा है। दिलीप सिंह जूदेव का मार्ग दर्षन और वनवासी कल्याण आश्रम से मिली सेवा भावना का मूल मंत्र के साथ गणेशराम भगत ने वनवासियों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई है।छत्तीसगढ़ का सीमावर्ती जशपुर जिले से उड़ीसा और झारखंड की सीमा लगी होने के कारण यहाँ नक्सली और अन्य बदमाषों की आवाजाही बढ़ गई थी।इस पर रोक लगाने के लिए दिलीप सिंह जूदेव के साथ गणेश राम भगत की अहम भूमिका की बात से कोई इनकार नहीं कर पाता है।
   जंगली रास्तों से नक्सलियों की आवाजाही को रोक पाने का काम पुलिस के लिए बेहद कठिन होने के कारण श्री भगत ने यहाँ के सरहदी गांव दनगरी, सारूढ़ाप, महनई, बुरजूढ़ीह, सुलेषा, सालेकेरा, पोरतेंगा के लोगों को एक जुट करने का बीड़ा उठाया था। छत्तीसगढ़ के इन सरहदी गांव के लोगों में एकजुटता बढ़ने से ही यहाँ पर नक्सली तथा अन्य बदमाषों के आवाजाही तथा बैठक लेने की पुलिस को निरतंर सूचना मिलने लगी है।यही वजह है कि पुलिस समय पर सतर्क होकर नक्सली तथा अन्य बदमाषों की धरपकड़ में सफल हो जा रही है। जशपुर जिले में नक्सली गतिविधियों की बड़ी और छोटी से छोटी वारदात की सूचना मिलते ही गणेश राम भगत के घटना स्थल पर पंहुचने से लोगों में उनके प्रति विष्वास बढ़ा है। इसी वजह यहाँ के लोग भाजपा के दिवंगत नेता दिलीप सिंह जूदेव का विकल्प के रूप में अब गणेश राम भगत को देखने लगे हैं।
                                 अन्य जिलों में भी मिलेगा लाभ
     विधानसभा का वर्ष 2008 का चुनाव में गणेश राम भगत भाजपा की टिकिट से सीतापुर विधानसभा सीट का चुनाव हार जाने के बाद भी उन्होने ग्रामीण अचंल में अपना सतत जनसम्पर्क और गरीबों के हितों की लड़ाई लड़ने का काम बन्द नहीं किया है। यहाँ सरहुल महोत्सव तथा धर्मान्तरण के मामलों पर भी श्री भगत ने अपने तीखे तेवर दिखा कर कांग्रेस विचारधारा के लोगों का भी मन जीत लिया है। जशपुर जिले के लोग जूदेव का मजबूत गढ़ की सुरक्षा का जिम्मा गणेश राम भगत को देने का मन बना चुके हैं।बगीचा के पूर्व जनपद अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय जनजातिय सुरक्षा मंच के संयोजक नेयु राम भगत का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को जशपुर विधानसभा की कमान गणेश राम भगत के कन्धो पर रख कर सरगुजा, रायगढ़ तथा पत्थलगांव का परम्परागत गढ़ को भी भेदने की तैयारी कर देनी चाहिए। 
गणेश राम भगत की रैली में जनसमुदाय की भीड़,
व्यवसायी हुए भयमुक्त
         बगीचा के व्यवसायी दिनेश शर्मा का कहना है कि जशपुर जिले के व्यवसायियों को भयमुक्त वातावरण देने में पूर्व अजाक मंत्री गणेश राम भगत की अहम भूमिका रही है।श्री भगत की निरतंर सक्रियता के चलते नक्सली भी यहाँ ग्रामीणों की बैठक लेने तथा बेखौफ आवाजाही से कतराने लगे हैं।यहाँ दूर दराज के साप्ताहिक बाजारों में व्यवसायी अब निर्भिक होकर अपना व्यवसाय कर ले रहे हैं। जशपुर जिले में पिछले पांच दशक से गांव गांव में षिक्षा और स्वास्थ्य का काम करने वाली समाजसेवी संस्था अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष जगदेवराम उरांव का कहना था कि जिस तरह यहाँ पर  हिन्दूओं का धर्मान्तरण रोकने के लिए गांव गांव में पदयात्रा के माध्यम से जनजागरण का अलख जगा कर दिलीप सिंह जूदेव ने हर वर्ग के दिल में अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी।उसी तरह जिले के सरहदी गांवों के लोगों को एकजुट करके गणेश राम भगत ने नक्सलियों की आवाजाही पर नकेल कसने का प्रभावषाली काम किया है। जगदेव राम ने कहा कि हिन्दूओं का धर्मान्तरण के बाद उनकी प्राचीन और गौरवषाली संस्कृति को बरकरार रखने के लिए ही श्री जूदेव ने यहाँ पर आपरेशन घर वापसी कार्यक्रम की शुरूवात की थी।अब इस काम को उनके पुत्र युद्धवीर सिंह तथा अन्य युवाओं की सुदृढ़ टीम के साथ गणेश राम भगत को आगे आ जाना चाहिए।


 

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