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सोमवार, 19 अगस्त 2013

मध्यान्ह भोजनः विद्यार्थी परोसते हैं भोजन


इंजकों के स्कूल में विद्यार्थियों व्दारा
 परोसा जा रहा मध्यान्ह भोजन

 पत्थलगाँव/ रमेश शर्मा
       जशपुर जिले के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रधान अध्यापकों को कड़ी चेतावनी और प्रषिक्षण के नाम पर भारी व्यय करने के बाद भी स्कूलों की अव्यवस्था में सुधार नही हो पाया है। कई स्कूलों में रसोइए गायब रहने से विद्यार्थियों को ही मध्यान्ह भोजन परोसना पड़ रहा है।
     पत्थलगांव विकास खंड में एक स्वसहायता समूह के पास 20 से अधिक सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के लिए खाद्य सामग्री ईधन की आपूर्ति करने का जिम्मा होने से ज्यादातर स्कूलों में सब्जी और चूल्हा जलाने का ईधन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यहाँ ग्राम पालिडीह लाखझार कटंगजोर ईला इंजको सुरेशपुर पतरापाली के प्रधान पाठकों ने मध्यान्ह भोजन का चुल्हा जलाने के लिए ईधन की आपूर्ति नहीं किए जाने की षिकायत की है।
      कई स्कूलों में लकड़ी के अभाव में अरहर के डंठल तथा घांस फूस जलाकर काम चलाना पड़ रहा है। इस अंचल के अनेक प्रधान पाठकों का कहना है कि राजीव गांधी षिक्षा मिशन के संकुल प्रभारी तथा विकास खंड षिक्षा अधिकारी को इस संबंध में कई बार षिकायत की जा चुकी है। इसके बाद भी मध्यान्ह भोजन की अव्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है।
     यहाँ सरकारी स्कूलों में पदस्थ कई प्रधान पाठकों का आरोप है कि स्व सहायता समूह व्दारा सब्जी और ईधन के नाम पर लाखों रूपयों का फर्जी बिल जमा कर काफी बड़ा फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया जा रहा है।उल्लेखनीय है कि इस माह ग्राम पचंायत ईला का प्राथमिक स्कूल में स्कूली बच्चों को परोसा गया मध्यान्ह भोजन में कीड़े युक्त मटर की आपूर्ति का मामला सामने आया था। इस मामले की षिकायत के बाद विकास खंड षिक्षा अधिकारी ने ईला पहुंच कर जांच भी की थी। मध्यान्ह भोजन की सब्जी में कीड़े युक्त मटर मिलने पर यहाँ खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने वाला ग्राम इंजकों का शांति स्व सहायता समूह के विरूध्द कार्रवाई करने के लिए एसडीएम रामानंदन सिंह के पास अनुषंसा के साथ पत्र लिखा गया था। इस स्व सहायता समूह के विरूद्ध आज तक कोई कार्रवाई नहीं होने से अंचल के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था पहले से अधिक खराब हो गई है।
            स्व सहायता समूह की मौजूदा व्यवस्था में त्रुटि
     यहाँ बीईओ ललित प्रसाद दाहिरे ने बताया कि स्कूलों का निरीक्षण के दौरान उन्हे मध्यान्ह भोजन के लिए ईधन और सब्जी की आपूर्ति नहीं होने के संबंध में लगातार षिकायतें मिल रही है। उन्होने कहा कि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के लिए खादय सामग्री प्रदाय करने के लिए प्रत्येक स्व सहायता समूह के पास 20 से 30 स्कूलों की जिम्मेदारी होने के कारण ही जगह जगह दिक्कतों में इजाफा हुआ है।श्री दाहिरे ने बताया कि  यहाँ के 411 स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था के लिए  34 स्व सहायता समूह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होने कहा कि स्कूलों का निरीक्षण के दौरान मध्यान्ह भोजन की लगातार षिकायतों से ऐसा प्रतित होता है कि यहाँ कार्यरत ज्यादातर स्व सहायता समूह  इस काम को सेवा भावना के साथ अपना काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था को चुस्त करने के लिए प्रत्येक स्कूल के लिए स्थानीय स्तर पर स्व सहायता समूह का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में सभी ग्राम पचंायतों क सरपंचों को पत्र लिख कर उनसे स्थानीय स्व सहायता समूह की सूची मांगी गई है। श्री दाहिरे ने कहा कि मध्यान्ह भोजन की मौजूदा व्यवस्था को लेकर जगह जगह असंतोष दिखने लगा है। इसके लिए जल्द ही सुधार कर लिया जाएगा।

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