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सोमवार, 12 अगस्त 2013

अधिकारियों की लापरवाही किसानों पर पड़ी भारी

पत्थलगाँव /  रमेश शर्मा
  अखबारों में प्रकाशित विज्ञापनों की कटिंग एकत्रित नहीं हो पाने से घरजियाबथान जलाषय की नहरों के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की कार्रवाई अधर में लटक गई है।
     लगभग 17 करोड़ रुपयों की लागत से बनने वाला घरजियाबथान जलाषय की नहरों का निर्माण कराने के लिए जल संसाधन विभाग ने  चार साल पहले ग्राम बेलडेगी, घरजियाबथान , हिरापुर, सूरजगढ़, डूमरबहार  के 150 से अधिक किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया था। इस महत्वपूर्ण जलाषय में एक्वाडेक्ट का निर्माण नहीं हो पाने से इन नहरों में आज तक पानी नहीं छोड़ा गया हैं।
    घरजियाबथान जलाषय से 2100 हेक्टेयर क्षेत्र में दोहरी फसल का लाभ मिलने की सुविधा को देखते हुए यहां के किसानों ने भूमि का मुआवजा मिले बगैर ही जल संसाधन विभाग को नहर निर्माण करने की सहमति दे दी थी। पर अब इन किसानों को न तो अपनी भूमि का मुआवजा मिल पा रहा है और न ही उनके खेतों में सिचांई के लिए पानी पहुंच पाया हैं । जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर भरोसा करने के बाद अब सैकड़ों किसान हर सप्ताह पत्थलगांव जल संसाधन कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। वर्ष 2008, 09 में घरजियाबथान जलाषय योजना का काम शुरू कर के जल संसाधन विभाग ने प्रभावित किसानो को डूबान भूमि का मुआवजा दिलाने के लिए धारा 4 के तहत सूचना प्रकाषित कराई थी। डूबान में प्रभावित किसानों के नाम की सूचना प्रकाषन करने के बाद अगली कड़ी में विभाग व्दारा भूमि का रकबा और खसरा की विस्तृत जानकारी को पुनः धारा 6 के तहत सूचना का प्रकाषन कराना था। जल संसाधन अनुविभागीय अधिकारी सुनिल धमिजा ने बताया कि घरजियाबथान जलाषय योजना में नहरों का मुआवजा के लिए घारा 4 की सूचना प्रकाषन होने के बाद अखबारों की पेपर कटिंग एकत्रित नहीं हो पाने से आगे की कार्रवाई ठहर गई है। उन्होने बताया कि घरजियाबथान जलाषय की नहरों से संबधित अखबार में प्रकाषित विज्ञापन को एकत्रित करके अब धारा 6 का प्रकाषन की तैयारी शुरू की गई है।
     घरजियाबथान के किसान डेमूराम यादव ने बताया कि किसानों की परेषानी को लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी आज भी गम्भीर नहीं हैं। उन्होने बताया कि विभाग के अधिकारी किसानों का मुआवजा की बात पर उन्हे भ्रम में डाले हुए हैं।यहंा बेलडेगी के किसान सबल साय ने बताया कि नहरों का मुआवजा के लिए वे एक साल स ेजल संसाधन अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे हैं पर उनकी परेषानी को लेकर किसी को भी चिन्ता नहीं हैं। घरजियाबथान जलाषय योजना की बेलडेगी क्षेत्र में बनाई गई नहरो का काम पूरा हो जाने के बाद भी किसान यहां पानी का इंतजार कर रहे हैं।

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