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गुरुवार, 21 मई 2015

शादी का सीजन से फूलों की बढ़ी मांग

गांव से भी आने लगी शादी व्याह पर फूलों की मांग
 अग्रिम बुकिंग के बगैर नहीं हो रही फूलों की आपूर्ति                       रमेश शर्मा/ पत्थलगांव/
   शादी का सीजन के चलते इन दिनों फूलों की बिक्री खूब हो रही है। शहर में फूलों का कारोबार करने वाले व्यवसायी ग्राहकों की अग्रिम बुकिंग पर ही प्रति दिन कोलकाता और महाराष्ट्र से फूल मंगा कर आपूर्ति कर रहे हैं। एकाएक फूलों की अधिक मांग आ जाने से विक्रेताओं को अपने ग्राहकों की मांग पूरी कर पाने में असमर्थता जाहिर करनी पड़ रही है।
    इन दिनों वैवाहिक कार्यक्रम के लिए शहरी अंचल के अलावा ग्रामीण अंचल से भी फूलों की मांग आ जाने से बिक्री में काफी इजाफा हुआ है। बताया जा रहा हे कि ग्रामीण अचंल में भी धूमधाम से वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान ताजा फूलों का ही उपयोग किया जा रहा है।गांव में सम्पन्न परिवार के लोग एक दूसरे को देख कर ताजा फूलों की साज सज्जा पर खूब जोर दे रहे हैं। शादी मंडप, गाड़ी डिजाइन के अलावा अन्य साज सज्जा में लोग अब फूलों का अधिक प्रयोग करने लगे हैं। यहां फूलों का व्यवसाय करने वाला प्रदीप बोआल का कहना था कि पहले वह अकेले ही इस व्यवसाय को संभाल लेता था, लेकिन अब  गांव और शहरों से फूलों के कई कई आर्डर आ जाने से उसे अपने साथ दर्जन भर से अधिक सहयोगी रखने पड़ रहे हैं। दूसरे शहरों के फूल व्यवसायी भी यहां पहुंच कर आर्डर लेकर शादी व्याह में फूलों की आपूर्ति करने लगे हैं। अनेक लोग इस व्यवसाय में जुड़ जाने के बाद भी दिन प्रति दिन फूलों की मांग में बढ़ोत्तरी हो रही है।
   शहर में इन दिनों गेंदा, रजनीगंधा, गुलाब, ग्लेडी,गेटलस, जरबेरा की मांग काफी अधिक देखी जा रही है। कोलकाता और नागपुर से फूल मंगाने के कारण यहंा प्रति नग के अनुसार फूलों की कीमत बोली जा रही है। इन दिनों 10 रुपए में बिकने वाली गेंदा लरी के दाम बढ़ कर 20 से 30 रुपए बोले जा रहे हैं। इसी तरह रजनीगंधा 10रुपए, गुलाब 10 से 30 रू.,गेटलस 30 से 40 रुपए एवं जरबेरा 20 रुपए में बेचा जा रहा  है। फूल व्यवसायियों का कहना है कि शादियों में ज्यादातर लोग मांेगरा, गेंदा और गुलाब की मांग कर रहे हैं।
                                             ग्रामीण अंचल में भी फूलों की खपत
    यहां के फूल व्यवसायी प्रदीप का कहना था कि अब ग्रामीण अंचल से भी फूलों की मांग बढ़ गई है। गांव के सरपंच तथा अन्य लोग उन्हे फूलों के साथ गांव चल कर सजाने की भी जिम्मेदारी सौंप रहे हैं। फूल विक्रेता का कहना था कि शहरों की तरह गांवों में भी फूलों की खपत बढ़ जाने से उन्हें आपूर्ति करने में कई बार काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस फूल विक्रेता का कहना था कि शहरों में वैवाहिक मंडप सजाने के लिए अलग अलग दर ले रहे हैं। विवाह का मंडप 1 हजार से लेकर 5 हजार रुपयों में सजा कर तैयार किया जा रहा है। गाडियों की साज सज्जा में भी लोग मोल भाव नहीं करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि गाड़ी सजाने में भी 2 हजार से 5 हजार तक का खर्च आने लगा है।  
                                                आर्टिफिशियल फूलों ने बनाई जगह
     फूल विक्रेताओं का कहना था कि बाहर के बाजार में फूलों की मांग बढ़ जाने से उनका मुनाफा कम हो गया है। कई बार पहले की बुकिंग पर फूलों की आपूर्ति करने में उन्हे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ जा रहा है। फूल विक्रेता का कहना था कि इन दिनों फूलों की कमी के चलते वैवाहिक गाड़ी सजाने तथा स्टेज के काम में आर्टिफिशियल फूल तथा चुनरी कपड़े का अधिक इस्तेमाल होने लगा है। ताजा फूलों की मांग बढ़ जाने के बाद आर्टिफिशियल फूलों ने अपनी अच्छी जगह बना ली है।


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