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सोमवार, 7 मई 2012

मिलावटी चीजें बाजार में, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग गहरी नींद में



        कैमिकल से बनता है सरसों तेल व शुध्द घी
       
पत्थलगांव/                    रमेश शर्मा 

मिलावटी दूघ विक्रेता
  मिलावट खोरो पर स्वास्थ्य विभाग का श‍िकंजा नहीं कस पाने से यहॉं ज्यादातर खादय सामग्री में जमकर मिलावट का खेल हो रहा है।प्रति दिन उपयोग में आने वाली इन खादय सामग्री के भाव देखने के बाद  इसमें मिलावट की बात सहज ढंग से उजागर हो जा रही है। इसके बाद भी उपभोक्ताओं के हितों का सरंक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
     इन दिनों बाजार में चना दाल का भाव 50 रू. प्रति किलों की दर पर बिक रही है।पर इसी चना दाल का शुध्द बेसन महज 40 रू. प्रति किलो में आसानी से मिल जा रहा है।किराना की दुकानों में इसी तरह आटा, खादय तेल तथा  शुध्द बेसन जैसी खादय सामग्री के मुंहमांगे दाम देने के बाद भी उपभोक्ताओं को धीमा जहर खरीदना पड़ रहा है।यहॉं पर अमृत भोग बेसन का पैकेट चना दाल से भी कम दाम पर मिल रहा है। शुध्द बेसन के इस पैकेट पर वनज 500 ग्राम तथा इसकी किमत 20 रू. दर्शाई गई है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि बेसन के पैकेट पर इसके निर्माता का कहीं भी नाम पता नहीं दिया गया है। खादय सामग्री के इन्ही पैकेटों से होटलों में आलू चाप, सेव ,भजिया बना कर ग्राहकों के सामने परोसा जा रहा है। होटल मालिकों का कहना है कि बाजार में मिलावटी सामग्री बेचने वालों पर स्वास्थ्य विभाग की पकड़ नहीं होने से उन्हे इस तरह के मिलावटी खादय सामग्री से काम चलाना पड़ रहा है।
शुध्द बेसन का पैकेट

    इसी तरह दूध, पनीर तथा अन्य खादय सामग्री में भी जमकर मिलावट हो रही है। दूध में कई घातक तत्व की मिलावट के साथ इसकी बिक्री होने से छोटे बच्चों को इसका अधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। शहर में इन दिनो उपभोक्ताओं व्दारा दूध विक्रेताओं को उनकी मुंहमांगी किमत देने के बाद भी शुध्द दूध नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि बाजार में दूध की किमत 30 रू.से लेकर 40 रू. प्रति लीटर होने के बाद भी उपभोक्ताओं को मिलावटी दूध से काम चलाना पड़ रहा है।यहंा के उपभोक्ता महेन्द्र सोनी ने बताया कि बाजार में पैकेट बन्द खादय सामग्री में जमकर मिलावट होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग व्दारा इस ओर कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होने कहा कि इन दिनों चाय, मसाला, खादय तेल ,शुध्द घी के नाम पर उपभोक्ताओं को धीमा जहर परोसा जा रहा है।यहॉं पर उड़ीसा से घटिया तेल के ड्रम लाकर उसमें कैमिकल डाल कर उसे देखते ही देखते सरसों तेल का रूप दे दिया जाता है।इस मिलावटी सरसों तेल को एक किलो तथा अन्य पैक डिब्बों में भर कर दुकानदार धड़ल्ले से बिक्री कर रहे हैं। इन सामग्री के डब्बों पर इसके निर्माता का नाम पता नहीं होने के कारण इसके निर्माता पर स्वास्थ्य विभाग का षिकंजा नहीं कस पाता है।  महेन्द्र सोनी ने कहा कि  इन दिनों बाजार में घटिया खादय सामग्री के विरूध्द में कड़ाई पूर्वक अभियान चलाने की जरूरत है। 
                          क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग 
      मिलावटी खादय सामग्री बेचने वालों पर शिकंजा कसने के लिए जिले में 36 दुकानदारों से विभिन्न खादय सामग्री के सेम्पल भरे गए थे। इनमें 11 सेम्पल मानक स्तर से कम पाए जाने पर उन्हे नोटिष दिया गया है। दूध विक्रेताओं व्दारा भी मिलावट करने की कई जगह से षिकायतें मिली हैं। उनके विरूध्द जल्द ही अभियान चला कर कार्रवाई की जाएगी।
                   भारत भूषण बोर्डे, जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी 


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