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मंगलवार, 25 मार्च 2014

नगर पंचायत के पानी टैंकर कबाड़ में



 वर्षा का पानी संचय करने के नहीं हो रहे उपाय:
   जल स्तर गिरावट ने बढ़ाई चिन्ता
पत्थलगांव/   रमेश शर्मा
     वर्षा का पानी संचय करने के उपायों पर कोई पहल नहीं हो पाने तथा मोटर पम्प अधिक होने से इस अंचल के भू जल स्तर में तेजी से गिरावट आई है।
    बीते सप्ताह यहां रायगढ़ रोड़ स्थित पानी टंकी के सामने निजी भूमि पर हेंडपम्प का खनन के दौरान 1000 फीट की खुदाई के बाद भी वहंा पानी की एक बूंद भी नहीं निकली। भू जल स्तर में पानी गिरावट की इस भयावह स्थिति को देख कर शहर के लोगों में इस वर्ष पीने का पानी को लेकर चिंता बढ़ गई है। रायगढ़ रोड़ में पानी टंकी के सामने इन्द्रपाल सिंह भाटिया ने अपनी निजी भूमि पर बोर खनन का काम शुरू कराया था। इस दौरान पहले चरण में 600 फीट तक की खुदाई में केवल धूल उड़ने के बाद उन्होंने बोर खनन करने वालों को नई मशीन लाकर 1000 फीट तक पानी की तलाश करने को कहा था। पर निरंतर गिर रहे भू जल स्तर के चलते उन्हे भूमि के भीतर दूर दूर तक पानी की एक बूंद भी नहीं मिली।
      दरअसल पत्थलगांव क्षेत्र में बरसात का पानी संचय करने के उपायों पर ध्यान नहीं देने से यहंा लगातार भू जल स्तर में तेजी से गिरावट हो रही है। यहां शासकीय भवनों का नया निर्माण में बरसात का पानी संचय करने के उपायों पर कहीं भी अमल नहीं किया जा रहा है। 
             10 से 20 फीट जल स्तर उतरा
    शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में इस वर्ष साधारण तौर पर 10 से 20 फीट भू जल स्तर की गिरावट दर्ज की गई है। कई क्षेत्र में यह गिरावट तीन गुना अधिक दिखने लगी है। शहर के कई मुहल्लों में गर्मी की दस्तक से पहले ही हेंडपम्पों का पानी नीचे चला जाने से वहंा पेयजल की समस्या गहराने लगी है। नगर पंचायत व्दारा शहर में पेयजल की समस्या से निपटने के लिए कोई उपाय नहीं करने से यहंा के नागरिकों की चिन्ता बढ़ गई है। वार्ड नम्बर 7 में रहने वाले नागरिक गुरुचरण सिंह भाटिया ने बताया कि नगर पंचायत व्दारा नल जल योजना के तहत नियमित पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है। उन्होने बताया कि रायगढ़ रोड़ में बिगड़े हेंडपम्पों की देख रेख नहीं होने से यहंा पानी संकट गहराने लगा है। श्री भाटिया ने कहा कि नगर पंचायत ने नल जल योजना से दोनो वक्त पानी की आपूर्ति करने का अनुबंध किया है। लेकिन यहंा नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ नारायण प्रसाद की लापरवाही के चलते एक वक्त भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। उन्होने बताया कि नल जल योजना से पानी आपूर्ति नहीं हो पाने की शिकायतों को नगर पंचायत अधिकारी अनदेखा कर देते हैं। यहां पर नगर पंचायत ने अभी तक अपने पानी टेंकर और पाईप लाइन का विस्तार के काम पर ध्यान नहीं दिया है। देख रेख के अभाव में यहां पानी टंकी के नीचे पानी के टेंकर तथा अन्य किमती सामान कचरे के ढेर में बदलने लगा है। शहर में पानी की समस्या से लोगों को राहत देने के लिए जगह जगह हेंड पम्प का खनन तो कर दिया गया है, पर यहंा पर बिगड़े हेंडपम्पों का सुधार नहीं होने से ज्यादातर हेंड पम्प भी कचरे के ढेर में दब गए हैं। रायगढ़ रोड़ में एचडीएफसी बैंक के सामने बिगड़ा हुआ हेंड पम्प नगर पंचायत अधिकारी की निष्क्रियता की कहानी को जुबान से बता रहा है।
  बरसात का पानी संचय करने पर गम्भीर होने की जरूरत
    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी अशोक कुमार सिंह का कहना है कि ग्रामीण अचंल में उनके पास लगभग 3000 हेण्डपम्पों की देखरेख व बिगड़े हेंडपम्पों का सुधार के लिए केवल चार मैकेनिक तथा 7 सहायक कर्मचारी उपलब्ध हैं। इनसे पत्थलगांव विकास खंड की दूर दराज वाली ग्राम पंचायत में हेंडपम्पों का सुधार कराना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पत्थलगांव क्षेत्र में बरसात का पानी संचय करने पर कहीं भी गंभीरता से काम नहीं किया जा रहा है। यहंा पर 7 स्कूल भवनों वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की पहल की गई थी। इस कार्य पर इन दिनो लोकसभा आचार संहिता का ब्रेक लग जाने से यह कार्य शुरू नहीं कराया गया है। उन्होंने बताया कि कई बार बिगड़े हैंण्ड पम्पों की अधिक शिकायत आ जाने से सुधार कार्य में विलंब हो जाता है।

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