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शनिवार, 5 अक्तूबर 2013

खतरें में तालाबों का अस्तित्व

 विधायक रामपुकार के निवास के
समीप वर्षो पुराना बेल तालाब
 
     पत्थलगांव/    रमेश शर्मा
   शहर के तालाबों को प्रदूषण से बचाने के लिए नगर पंचायत व्दारा कोई पहल नहीं करने से यहाँ के ज्यादातर तालाब अब लुप्त होने के कगार में पहुंच गए हैं। सरोवर धरोवर योजना के नाम पर लाखों रुपयों का फर्जीवाड़ा होने से यहाँ के नागरिकों के सामने निस्तारी तालाब की समस्या खड़ी हो गई है।
     कभी स्वच्छ जल से लबालब भरा रहने वाला यहाँ का सूता तालाब, बैगा तालाब, रानीगंज तालाब और बेल तालाब में अब केवल घांस और कचरे का ढ़ेर दिखाई पड़ता है। इन तालाबों का सौंदर्यीकरण के नाम पर नगर पंचायत व्दारा लाखों रूपए व्यय करने के बाद भी यहाँ के ज्यादातर तालाबों का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। शहर के नागरिकों व्दारा नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ नारायण प्रसाद सिंह को बार बार निस्तारी तालाबों का अस्तित्व बचाने की मांग के बाद भी इस काम के लिए कोई सार्थक पहल नहीं हो पाई है।
   यहाँ तालाबों की साफ सफाई और उन्हे प्रदूषण से बचाने के लिए नगर पंचायत व्दारा कोई पहल नहीं करने से नागरिकों में जगह जगह आक्रोश पनपने लगा है। यहाँ पर सूता तालाब और बेल तालाब के आस पास साफ सफाई के काम को अनदेखा कर देने से इन निस्तारी तालाबों में अब केवल कचरे का ढेर और घांस दिखाई पड़ती है।
सरोवर धरोहर योजना से 30 लाख
 व्यय करने के बाद सूता तालाब की बदहाली
  सरोवर धरोवर योजना के साथ पार्षद मद से लाखों रुपयों का व्यय करने के बाद भी यहाँ का सबसे बड़ा सूता तालाब का अब केवल नाम भर बच गया है। शहर के मध्य में स्थित सूता तालाब के चारों ओर गंदगी एवं इसका पानी प्रदूषित हो जाने से इसका उपयोग बन्द हो गया है। सूता तालाब के अलावा पुरानी बस्ती का रानीगंज तालाब की खुबसुरती के स्थान पर यहाँ भी चारो ओर गदंगी दिखाई देने लगी है। शहर के तालाबों के आस पास नगर पंचायत व्दारा साफ सफाई का काम बन्द कर देने के बाद आस पास का वातावरण दूषित होने लगा है।

    यहाँ विधायक रामपुकार सिंह के निवास के समीप वर्षो पुराना बेल तालाब की साफ सफाई के काम से नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ नारायण सिंह व्दारा मुंह फेर लेने के बाद यह तालाब नागरिकों के लिए परेषानी का सबब बन गया है। पुरानी बस्ती का बेल तालाब में कचरा की सफाई नहीं होने से यहाँ चारों ओर बदबू का वातावरण बना रहता है।इस तालाब में भारी मात्रा में घांस उग जाने से यह तालाब अब विलुप्त होने की कागार पर पहुंच गया है।
                प्रदूषित तालाब का नाम सड़ा तालाब
   पुरानी बस्ती में प्राथमिक पाठषाला के समीप वर्षो पुराना तालाब का पानी प्रदूषित हो जाने के बाद मुहल्ले के नागरिकों ने इसका नामकरण सड़ा तालाब कर दिया है। इस तालाब के आस पास रहने वाले लोगों का कहना है कि यहाँ व्याप्त गंदगी की वजह इस पानी से नहाने पर खुजली तथा अन्य चर्म रोग होने लगता है। पुरानी बस्ती में निस्तारी तालाबों की दुर्दषा को लेकर लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त हैं।
                  जनसहयोग की राशि गायब
      यहाँ मुक्तिधाम के समीप बैगा तालाब का जीर्णोद्धार के लिए शहर के लोगों ने चन्दा एकत्रित कर यह राषि नगर पंचायत अधिकारी को सौंपी थी। मुक्तिधाम के समीप तालाब की आवष्यकता के मद्देनजर सबसे पहले जनसहयोग की राषि कलेक्टर ने उपलब्ध कराई थी।बैगा तालाब का जिर्णोध्दार के काम में भी भ्रष्टाचार अछुता नहीं रहा। जनसहयोग की राशि से इस तालाब के लिए साइज पत्थर खरीदी में व्यापक गोलमाल होने के बाद इसका काम को बीच में ही बन्द कर दिया गया। नगर पंचायत अधिकारी की लापरवाही के चलते बैगा तालाब के लिए एकत्रित लाखों रुपयों का हिसाब किताब ही गायब कर दिया गया है। नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती स्नेहलता शर्मा का कहना है कि यहाँ प्रभारी सीएमओ का मनमाना रवैया के चलते शहर के नागरिकों को सभी कार्यो में परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। 

 शहर में कई तालाबों का जीर्णोद्धार करना आवश्‍यक हो गया है। इसके लिए तालाबों की साफ सफाई के प्राक्कलन तैयार कर राज्य सरकार के पास आबंटन की मांग की जाएगी।
           नारायण सिंह प्रभारी सीएमओ नगर पंचायत पत्थलगांव



     



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