कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 20 जून 2013

तीर्थयात्रियों के परिजनों की सांसे अटकी

चार धाम की यात्रा में जल प्रलय से बच कर लौटे स्थानीय लोग
 चार धाम की यात्रा पर गए दर्जन 
भर श्रध्दालु बद्रीनाथ में फंसे
पत्थलगांव/ रमेश  शर्मा
   उत्तराखंड के केदारनाथ, बद्रीनाथ में आया जबरदस्त जल प्रलय में पत्थलगांव के भी दर्जन भर लोग फंस जाने से उनके परिजनों की सांसे अटक गई हैं। दो नन्हे बच्चों के साथ ये लोग गोबिन्दघाट के समीप पाण्डूकेष्वर में फंसे हुए हैं।खैरियत यह है कि सभी लोगों को सेना के जवानों की मदद मिल जाने से ये लोग सकुशल हैं।
  यहॉं से उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा पर 24 लोगों के जत्थे में से आधे लोग बुधवार को वापस लौट आए हैं। इन लोगों ने बताया कि उनके साथ गए दर्जन भर लोग प्राकृतिक प्रकोप के चलते गोबिन्द घाट के समीप हाइवे की पहाड़ी सड़क देखते ही देखते पानी में बह जाने के कारण वे आगे नहीं निकल पाए। 16 जून को केदारनाथ के समीप विनाश कारी जल प्रलय से बचकर आए यहॉं के अशोक अग्रवाल और श्याम सुन्दर अग्रवाल ने बताया कि वे केदारनाथ के मंदिर के समीप जिस धर्मशाला में ठहरे थे, वह पानी के तेज बहाव में बह चुकी है। उन्होने बताया कि केदारनाथ से हेलिकाप्टर के माध्यम से वापस लौटने के बाद वहंा पर मौसम खराब हो जाने से इस सेवा को बन्द कर दिया गया था। बाद में वाहनों का लम्बा काफिला में किसी तरह जान बचा कर सकुशल लौटने में सफलता मिली है।
  यहॉं पर चार धाम की यात्रा से वापस लौट कर आए शयाम सुन्दर अग्रवाल ने बताया कि जब वे उत्तराखंड में पहाड़ की सुन्दर वादियों में पहुंचे थे तो उस समय मौसम बेहद सुहावना था। उन्होने उत्तराखंड पहुंच कर सबसे पहले गंगोत्री, यमनोत्री की यात्रा पूरी की थी। बाद में केदारनाथ तक सब कुछ ठीक ठाक था लेकिन केदारनाथ से निकलते ही मौसम खराब होने लगा था। तेज बारिश से उफनती नदी को देखकर भी डर लगने लगा था। गौरी कुंड की यात्रा के बाद तो भू स्खलन और पहाड़ो से जगह जगह पत्थर लुढ़कने से वे लोग कई बार मौत के मुंह में जाने से बचे हैं। गौरीकुंड में कार पार्किंग में खड़े सैकड़ों वाहन नदी का तेज बहाव में खिलौनों की तरह बह रहे थे। उत्तराखंड की यात्रा से सकुशल लौट कर आने वालों ने बताया कि इस यात्रा को वे अपने जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे। इन लोगों ने बताया कि जोशीमठ के समीप श्रीनगर में पुल बह जाने के बाद उन्हें लगभग दो किलोमीटर का घुमावदार संकरे रास्ते से आना पड़ा था। इस दौरान तेज बारिश के साथ भू स्खलन के कारण यह सफर जगह जगह जानलेवा होन लगा था। श्री नगर के बाद मार्ग में जगह जगह चट्टान गिर जाने से बार बार जाम लग जा रहा था। इसके बाद भी वे लोग भगवान शिव की कृपा से सकुशल घर लौट आए हैं।
      सेना के जवानों ने की मुश्किलें आसान
   चार धाम की यात्रा में इसी जत्थे में गए यहॉं के दर्जन भर लोग बद्रीनाथ के समीप गोबिन्दघाट के पाण्डूकेष्वर गांव में सकुशल होने की जानकारी मिली है। इनमें पत्थलगांव नगर पचंायत का एल्डरमैन रामअवतार अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल, बलराज अग्रवाल, विशम्भर अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल अपने परिवार के साथ फंसे हुए हैं। इन लोगों ने बुधवार को दुरभाष पर बताया कि पिछले तीन दिनों से वे यहॉं फंसे हुए हैं। इसके पहले गोबिन्दघाट के पास नदी का पुल पानी के तेज बहाव में बह जाने से वे एक परिवर्तित मार्ग से समीप के गांव में जान बचाने के लिए जा रहे थे। इस दौरान पहाड़ से चटटानों के गिरने से वे लोग कई जगह बाल बाल बचे हैं। बाद में पाण्डूकेष्वर पहुंचने पर सेना के जवानों की मदद मिल जाने से उनकी मुष्किलें आसान हो गई हैं। चार धाम की यात्रा में रास्ते फंसे इन लोगों का कहना था कि पूरे रास्ते में जल प्रलय के बाद मौत का मंजर दिखाई पड़ रहा है।

 रास्ते में फंसे इन श्रध्दालुओं का कहना था कि बद्रीनाथ धाम के समीप रास्ते में जल प्रलय के बाद यहॉं बिजली और पानी की समस्या अवश्य है। लेकिन भयावह हादसा से वे लोग बाल बाल बच गए हैं। बद्रीनाथ के समीप फंसे हुए रामअवतार अग्रवाल ने बताया कि इस जल प्रलय के बाद उत्तराखंड में सभी जरूरी चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। पानी की बाटल अस्सी से सौ रू, तथा खाने का सामान के दाम भी आसमान छुने लगे हैं। इन लोगों ने बताया कि जगह जगह सड़क मार्ग पानी में बह जाने के बाद सेना के जवानों उन्हे हेलिकाप्टर की मदद से बाहर निकालने का आश्वासन दिया है।



कोई टिप्पणी नहीं: