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सोमवार, 21 जुलाई 2014

सर्पदंश से डरने की जरुरत नहीं

 108 संजीवनी सेवा के स्टॉफ को दिया 
बीएमओ डा.जे मिंज ने दिया 
एनटी स्नेक वेनम उपचार का प्रशिक्षण
  अच्छी पहलः 
   108 संजीवनी सेवा में एनटी स्नेक वेनम भी उपलब्ध
   रमेश शर्मा/पत्थलगांव/
    108 संजीवनी सेवा वाहन में सर्पदंश के मरीजों को बचाने वाली जीवन रक्षक एनटी स्नेक वेनम दवा रखने की पहल ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। सर्पदंश के गंभीर मरीजों को अस्पताल लाने से पहले एनटी स्नेक वेनम का उपचार मिल जाने से ऐसे मरीजों को बचाने में चिकित्सकों को भी मदद मिलने लगी है। बीते सप्ताह दूरस्थ गांव काडरो और बालाझर के दो अलग अलग सर्पदंश पीड़ित मरीजों को त्वरित एनटी स्नेक वेनम लग जाने से दोनो मरीजों को उपचार के बाद बचा लिया गया।
    कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता ने पिछले दिनो यहां सिविल अस्पताल का औचक निरीक्षण के बाद यहां सर्पदंश के अधिक प्रकरण देखने के बाद 108 संजीवनी सेवा वाहन में सर्पदंश की पर्याप्त मात्रा में दवा रखने के निर्देश दिए थे। श्री गुप्ता की इस पहल से ग्रामीण अचंल के लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की है। ग्राम काडरो के अगरसाय को करैत नाम जहरीले सर्प के डस लेने के बाद उसके परिजनों ने 108 संजीवनी सेवा को मदद के लिए बुलाया था। इस वाहन के गांव में पहुंचने के बाद सर्प दंश पीड़ित मरीज की गंभीर हालत को देख कर संजीवनी सेवा के कर्मचारियों ने उसे मौके पर ही एनटी स्नेक वेनम देकर उसका उपचार प्रारम्भ कर देने के बाद इस मरीज को सिविल अस्पताल में भर्ति कराया गया था। यहां पर सर्पदंश के मरीज का उपचार कर उसे बचाने में कामयाबी मिली है। इसके पहले सर्पदंश के मरीजों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराने के बाद ही एनटी स्नेक वेनम मुहैया हो पाती थी।इस अचंल में सर्पदंश पीड़ित मरीजों को नीयत समय के भीतर एनटी स्नेक वेनम का उपचार मिल जाने से ज्यादातर मरीजों को बचाने में सफलता मिली है। लेकिन कई बार मरीजों को झाड़ फूंक कराने के चक्कर में उसे अस्पताल तक पहुंचाने में विलंब कर देने से उस मरीज के बच पाने की संभावना कम हुई हैं। 
               जागरूकता से मौतों में आई कमी
यहां मेडिसन विशेषज्ञ डा.पी.सुथार का कहना है कि सर्पदंश के मामलों में अब ग्रामीण अचंल के लोगों में काफी जागरूकता आई है। यहां पर सर्पदंश की घटना के बाद सिविल अस्पताल में मरीज के बच जाने से गांव के लोग अब झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं रहते हैं। उन्होने कहा कि ऐसे मरीजों को बगैर समय गवांए अस्पताल में भर्ति करा देने से ऐसे मरीजों को असमय मौत की गोद में जाने से बचा लिया जा रहा है। कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता की पहल के बाद अब सर्पदंश के मरीज को उनके गांव में ही प्रारम्भिक उपचार मिल जाने से अनेक गंभीर मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा ।
           संजीवनी सेवा के स्टॅाफ को दिया सर्पदंश उपचार का प्रशिक्षण
    बीएमओ डा.जे मिंज ने बताया कि यहां 108 संजीवनी सेवा में पदस्थ महिला मेडिकल टेक्निश्यिन संगीता गुप्ता और पुरूष मेडिकल टेक्निशयन चंड़ामणी सिंग को एनटी स्नेक वेनम का उपयोग करने का समुचित प्रशिक्षण दे दिया गया है। इनके अलावा वाहन चालक अमित टोप्पो भी स्वास्थ्य सेवाओं का प्रशिक्षित होने से गम्भीर मरीजों को इनका लाभ मिल रहा है। डा.मिंज ने बताया कि सर्पदंश के मरीजों को आपात सेवा का लाभ देने के लिए 108 संजीवनी वाहन में 10 नग एनटी स्नेक वेनम उपलब्ध कराए गए हैं। इस दवा का उपयोग करने के बाद उन्हे पर्याप्त मात्रा में पुनः एनटी स्नेक वेनम उपलब्ध कराई जा रही है। डा.मिंज ने कहा कि बरसात के दिनों में इस अचंल में सर्पदंश की अधिक घटनाओं को देखते हुए यहां सिविल अस्पताल में सर्पदंश से पीड़ित मरीजों की संख्या में खासी वृध्दि हो जाती है।
                    सर्पदंश के बाद बचाए गए 27 मरीज
      यहां सिविल अस्पताल में इस वर्ष सर्पदंश की घटना के बाद 27 मरीजों को उपचार के बाद उन्हे मौत के चंगुल से बचाने में स्वास्थ्य अमला को सफलता मिली है। बीएमओ  डा. मिंज ने बताया कि यहां पर मार्च महिने में 2 मरीज, मई महिने में 9 मरीज, जून महिने में 14 मरीज  तथा जूलाई माह मे ं2 मरीजों को उपचार के बाद बचा लिया गया है। डा.मिंज का कहना था कि 108 संजीवनी वाहन में मरीजों को तत्काल उपचार की यह व्यवस्था काफी कारगर साबित हुई है। उन्होने कहा कि दूर दराज के गांवों में रहने वाले लोगों को सर्पदंश की घटना के बाद उनके घर पर ही जीवन रक्षक दवा से उपचार प्रारंभ हो जाने से गंभीर मरीजों को नया जीवन देने में आसानी को सकती है।

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