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सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

ग्रामीण महिला को लगातार तीसरी बार सरपंच की जिम्मेदारी


महिला सरपंच श्रीमती जानकी बाई किसानों के साथ
नशामुक्त ग्राम पचायत बनाने की पहल,

गुड़ाखू नशा पर भी लगाना होगा प्रतिबंध

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में गांव के विकास कार्यो को गति देने के साथ साथ किसानों को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक पहल करने वाली महिला सरपंच को चिकनीपानी के ग्रामीणों ने लगातार तीसरी बार सरपंच की कुर्सी सौंपी है।
     पत्थलगांव विकासखंड अन्तर्गत चिकनीपानी की महिला सरपंच श्रीमती जानकी बाई का कहना है कि उसके गांव में महिलाओं व्दारा शुरू किया गया नशा बन्दी र्का अिभयान में पुलिस प्रशासन का भी सहयोग मिलना चाहिए। इसके बाद वे अपनी ग्राम पचंायत को नशामुक्त बनाने में कामयाब हो सकती हैं।जानकी बाई ने गांव की महिलाओं को जागरूक बनाकर उन्हे शराब विरोधी आन्दोलन के लिए प्रेरित किया है। इस गांव की महिलाऐं शराब बनाने वालों के साथ शराबियों को भी आड़े हाथ लेने में पीछे नहीं रहती हैं।महिला सरपंच जानकीबाई का कहना है कि मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह को गुड़ाखू नशा पर भी कड़ाई से रोक लगाने की पहल करनी चाहिए।
 पिछले एक दशक से भी लम्बे समय से ग्राम पचंायत चिकनीपानी में सरपंच पद का दायित्व सम्हालने वाली महिला सरपंच श्रीमती जानकी बाई को बीते वर्ष निर्मल ग्राम बनाने पर उन्हे देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल के व्दारा सम्मानित किया जा चुका है। जानकी बाई का कहना ह ैकि उनके गांव का किसान खुशहाल रहेगा तभी उसे सन्तुष्टि मिल पाती है। इस महिला ने किसानों के खेतों में समतलीकरण का काम पर विशेष जोर दिया है। चिकनीपानी गांव में ज्यादातर किसानों के पास बजंर और पथरीली भूमि होने के कारण यहंा के किसानों को मजदूरी करने के लिए बाहर पलायन करना पड़ता था। महिला सरपंच जानकी बाई ने यहंा पर भूमि समजली करण का काम से सैकड़ों किसानों को लाभान्वित किया है।

       शासन की भूमि समतलीकरण योजना का लाभ मिलने के बाद अब चिकनीपानी क्षेत्र के किसान अपने ही खेतों में टमाटर, धान, साग सब्जी जैसी नगद फसल लेने में ब्यस्त रहते हैं।यहंा के किसानों व्दारा टमाटर की दोहरी फसल लेकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना लिया है।इन दिनो चिकनीपानी में बलबीर, राजेश और हाकिम की बजंर भूमि में समतलीकरण का काम कराया जा रहा है। इन किसानों ने बताया कि उन्हे अपने खेत बनाने के लिए सरपंच कार्यालय में नहीं जाना पड़ा। बल्कि सरपंच स्वंय उनके मुहल्ले में पहुंच कर उन्हे स्वयं समतलीकरण का लाभ के बारे में समझाईश देने आई थी। ग्राम पचंायत चिकनीपानी में किसानों के खेतों में सिंचाई साधन की कमी को देखते हुए यहंा पर भरारी बांध की नहरों को पक्का कराया गया है। इन नहरों का पानी किसानों के खेतों तक पहुंच जाने से यहंा के किसान अब साग सब्जी जैसी नगद फसल का लाभ लेने लगे हैं। गांव में इन दिनों आधा दर्जन किसानों ने अपने खेत में डबरी बनाने का भी काम शुरू किया है। महिला सरपंच जानकी बाई ने जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बिश्वनाथ नायक से सम्पर्क कर इन किसानों को शासकीय मदद दिलाई है।

  यहंा कि महिला पचं परमीला, गुरबारी,सुशीला, अलमा तथा जेरोनिका का कहना था कि उनकी ग्राम पचंायत में  महिला सरपंच होने से उन्हे अपने वार्ड में विकास कार्य कराने के लिए ज्यादा भाग दौड़ नहीं करनी पड़ती है। इन पंचों ने बताया कि वे सरपंच के साथ प्रत्येक पखवाड़े अलग अलग मुहल्ल्लों का भ्रमण कर ग्रामीणों से उनकी समस्याओं का ब्यौरा एकत्रित करते हैं। इन कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर पचंायत में प्रस्ताव पारित कर उसे पूरा करते हैं। इन दिनों यहंा पर  कर्राढाड़ से भरारी चैक तक सड़क में मुरूमीकरण का काम पूरा कराया गया है।गांव के लोगों का कहना है कि हमारी महिला सरपंच उनकी मुलभूत सुविधाओं का पूरा ध्यान रखती हैं इसलिए वे बार बार उन्हे काम करने का अवसर दे रहे हैं।
रमेश शर्मा     

1 टिप्पणी:

डॉ. परिवेश मिश्र ने कहा…

बहुत अच्छी खबर. चित्र भी अच्छे है.
डॉ. परिवेश मिश्र