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सोमवार, 31 मार्च 2014

कांग्रेस के साथ भाजपा का चुनाव प्रचार फीका

विष्णुदेव साय भाजपा उम्मीदवार
श्रीमती आरती सिंह कांग्रेस उम्मीदवार
     भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष 
         विष्णुदेव साय चुनाव मैदान में
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
           पूरे देश में भले ही लोकसभा चुनाव की चर्चा जोर-शोर से हो रही हो, लेकिन पत्थलगांव में किसी भी राजनीति दल ने अपना चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी का झंडा, बैनर, पोस्टर तक नहीं लगाया है। रायगढ़ संसदीय सीट पर भाग्य आजमाने वाली कांग्रेस प्रत्याशाी श्रीमती आरती सिंह स्थानीय होने के बाद भी यहां पर उनका चुनाव कार्यालय का अता पता नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा नेताओं की चुनाव प्रचार में उदासिनता से इस बार मतदान का प्रतिशत कम होने की बात कही जा रही है।
        रायगढ़ संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय व्दारा भाग्य अजमाने के बाद भी उनकी पार्टी के ज्यादातर नेता अभी तक घरों में ही बैठे हुए हैं। भाजपा नेताओं की लम्बी फौज के बाद भी यहां अभी तक उन्होंने अपने चुनाव प्रचार का श्री गणेश नहीं किया है। दोनो प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार का कहीं भी माहौल नहीं बन पाने से दोनो राजनैतिक दल के कार्यकर्त्ता भी मायूस होकर इधर उधर घूम रहे हैं।
         जषपुर जिले से भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याषी 
     रायगढ़ संसदीय सीट पर भाग्य अजमाने के लिए उतरे कांग्रेस और भरतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जशपुर जिले के ही निवासी हैं। इसके बाद भी यहां चुनाव प्रचार की गहमागहमी दिखाई नहीं दे रही है। शहर के लोग इस बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव का मतदान को अब महज 20-25 दिन का समय बचा होने के बाद भी यहां किसी भी राजनैतिक दल के उम्मीदवार ने अपना प्रचार प्रसार के लिए एक भी झंडा और पोस्टर नहीं लगाया है। 
                                               रामपुकार ने भी नहीं किया गांवों का रुख
     सबसे दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती आरती सिंह के पिता रामपुकार सिंह यहां कांग्रेस टिकट से विधानसभा का चुनाव हार जाने के बाद वे पहले की तरह मुखर नहीं रह गए हैं। श्री सिंह अपने समर्थकों से मोबाइल फोन से ही दिशा निर्देश दे रहे हैं। इसके पहले वे किसी भी चुनाव में प्रातः 7 बजे से गांव की गलियों में घूमना शुरू कर देते थे। इस बार उन्होंने अभी तक अपने विश्वसनीय लोगों की टीम के साथ चुनाव प्रचार के लिए गांवों का रूख नहीं किया है। गांव से आने वाले कांग्रेस कार्यकर्त्ता रामपुकार सिंह के निवास पहुंच कर मायुसी के साथ वापस लौट जा रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती आरती सिंह भी अपने चुनाव का कठिन मुकाबला के दौरान घर में बैठ कर ही मोबाईल फोन से कार्यकर्त्ताओं को निर्देश दे रही हैं। यहां कांग्रेस नेताओं ने पिछले दिनों अपनी एकजुटता का संकल्प लेकर पार्टी के उम्मीदवार के लिए घर घर पहुंचकर मतदाताओं से सम्पर्क करने की बात कही थी। पर एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी ज्यादातर कांग्रेसी नेता अपने व्यवसाय में व्यस्त हैं। कांग्रेस के नेता विजय शर्मा का कहना था कि कांग्रेस उम्मीदवार आरती सिंह चुनाव मैनेजमेंट में बेहद कमजोर साबित हो रही हैं। इसी वजह लोकसभा का चुनाव फीका फीका दिख रहा है। उन्होने कहा कि जशपुर जिले में युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस ,किसान कांग्रेस तथा अन्य प्रकोष्ठ सहित पार्टी के जुझारू कार्यकर्त्ताओं ने अभी तक चुनाव की रणनीति पर काम करना शुरू नहीं किया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रायगढ़ संसदीय सीट पर पार्टी के हाईकमान ने उम्मीदवार बदल कर काफी बड़ी भूल की है। कांग्रेस के नेता वामदेव पाण्डेय ने कहा कि डा.मेनका सिंह यहां पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को कड़ी टक्कर देने के साथ चुनाव जीतने की स्थिति में आ गई थी।
                                                              कम मतदान का डर
       दोनो प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार प्रसार में रूचि नहीं दिखाने से इस बार मतदान प्रतिशत में कमी आने की बात कही जा रही है। पाकरगांव के सरपंच नेहरू लकड़ा का कहना था कि वे लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन राजनैतिक दल के नेताओं का गांवों में कहीं भी जनसम्पर्क शुरू नहीं हो पाया है। उन्होने कहा कि इस बार रजनैतिक दल के नेताओं की चुनाव को लेकर उदासिनता और मतदान तिथि तक गर्मी का प्रकोप बढ़ जाने से यहां मतदान का प्रतिशत पर विपरित असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।

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शनिवार, 29 मार्च 2014

गर्मी में भी महकेगी घरों की बगिया

 संडे स्पेशलः
घर में हरियाली व फूलों की खूबसूरती से मिलता है सुकून
रमेश शर्मा/पत्थलगांव/
  हॉट समर में अपने घर के गार्डन को हरा भरा रखने के लिए गार्डनिंग के शौकीनों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।उद्यान के जानकारों के अनुसार मार्च महीने का अंतिम सप्ताह तक समर गार्डिनिंग के लिए एकदम उपयुक्त समय रहता है।
      समर गार्डनिंग के शौकीनों ने अपने फूल पौधों की देख रेख में इन दिनो अतिरिक्त समय दिया जा रहा है। यहां के उद्यान अधीक्षक प्रकाश सिंह भदौरिया का कहना है कि इस समय जो पौधे लगाए जाएंगे,वे आगे चल कर बहुत हेल्दी रहेंगे। उन्होने बताया कि अभी पौधे लगाने से गर्मी के दिनों तक पौधें की जड़ें मजबूत हो जाएंगी। श्री भदौरिया ने बताया कि गर्मी का मौसम बीत जाने के बाद बारिश में तेजी से ग्रोथ मिलने लगती है। यही कारण है कि गर्मी के मौसम में अपने घर का आंगन को हरा भरा रखने वाले लोग इन दिनों नर्सरी और पौधे विक्रेताओं से सम्पर्क करने लगे हैं।
          खूबसूरती के लिए आर्नामेंटल प्लांट
    शहर में बने नए खूबसूरत मकान बनाने वाले ज्यादातर लोगों ने इसमें फूल पौधे व हरियाली रखने का भी अच्छा प्रावधान कर रखा है। यहां पर गुरूबारूगोड़ा में बने नए आवासों में कई जगह फूल पौधों की हरियाली का सुखद नजारा देखने को मिलता है। इसी चाल में रहने वाले युवा उद्योगपति आशीष अग्रवाल ने अपने गार्डन में फलावरिंग व ऑर्नामेंटल दोनो ही तरह के पौधे लगाए हैं। उन्होने बताया कि समर गार्डिनिंग के लिए लिली, कोरकोस लिली,स्पाइडर लिली,एम्बरिलियस लिली जैसी कई वैरायटीज लगाई हैं। वहीं सीजनल में गेंदा, कोचिया, नाईन एएम ; सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खिलने वाला पौधा द्ध के अलावा अलग अलग किस्म वाले गुलाब के पौधे रोपे हैं। श्री अग्रवाल ने बताया कि उनके घर की बगिया में देश और विदेशों के कई खूबसूरत पौधें रोपे हैं। यहां पर तापमान बढ़ जाने के कारण गर्मी का मौसम में घर की हरियाली को बरकरार रखने के लिए ऑर्नामेंटल प्लांटस काफी अच्छा माना गया है। वहीं चांदनी,मोंगरा व पाम से भी घर की बगिया की खूबसूरती बढ़ाई जा सकती है।
               थोड़ी मेहनत का सुखद अहसास
समर में हरियाली की तैयारी
       यहां लिटिलरोज स्कूल रोड़ में रहने वाली गृहणि श्रीमती गायत्री शर्मा ने बताया कि थोड़ी मेहनत के बाद घर बगिया में फूल तथा वहां बिखरी हुई हरियाली काफी सुखद लगती है। इस काम के लिए वे नियमित रूप से पौधों की देख रेख के साथ नियत समय पर खाद व पानी के साथ कीटनाशक दवाई देना नहीं भूलती हैं। उन्होने बताया कि कुछ दिनों पहले हुई बारिश के चलते पौधों में कीड़ों का प्रकोप दिखने लगा था।इसके लिए आवश्यक दवाई देना जयरी हो गया था। उन्होने कहा कि पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए नियमित देख रेख के साथ नियत समय पर दवाई देना जरूरी है।
          कैसे रख सकते हैं गार्डन हरा भरा
 यहां उद्यान अधीक्षक प्रकाश सिंह भदोरिया का कहना है कि एक से दो दिन जमीन में पानी दें, फिर पौधा रोपण करें। पौधों में दिन में एक बार पानी जरूर दें।
कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना है तो उसके आधे से एक घंटे पहले पानी दे दें। इससे मिटटी में नमी आ जाएगी। फिर दवाई का छिड़काव करें।
समर पौधों में रासायनिक खाद के बजाए नीम की खली अधिक लाभप्रद साबित होती है। कम्पोस्ड खाद का उपयोग भी समर पौधों के लिए अधिक लाभप्रद साबित होता है।





शुक्रवार, 28 मार्च 2014

कटनी गुमला एनएच पर मरम्मत की आड़ में भ्रष्टाचार



 बस स्टैण्ड का इंदिरा चौराहा पर बगैर रोलर
 के सड़क पर निर्माण सामग्री फैला रहे मजदूर
मरम्मत के नाम पर घटिया काम

नहीं सुधरी सड़क की बदहाली

 पत्थलगांव/         रमेश शर्मा

    शहर के बीच से गुजरने वाला कटनी गुमला राष्ट्रीय राज मार्ग की बदहाली को सुधारने के लिए एनएच विभाग के अधिकारियों ने फिर से मरम्मत के नाम पर लिपापोती का खेल शुरू कर दिया है। इस बार अम्बिकापुर शहर में सड़क मरम्मत का अनुबंध करने वाले ठेकेदार से पत्थलगांव में विशेष मरम्मत का काम करा कर धड़ल्ले से हेराफेरी करने की बात सामने आई है। यहां मरम्मत का कार्य के दौरान बगैर मापदंड तथा डामरीकरण में क्रेसर गिटटी के बदले धूल से भरी निर्माण सामग्री का उपयोग करने से सड़क का रख रखाव कार्य करते ही पुनः बदहाली का नजारा दिखने लगा है।

   यहां अम्बिकापुर मुख्य मार्ग पर सेन्ट्रल बैंक के आस पास धूल और गड्ढों की साफ सफाई के बगैर ही डामरीकरण कराने का कार्य के दो दिन बाद ही पुराने गड्ढे उभरने लगे हैं।

     कटनी गुमला राष्ट्रीय राज मार्ग के कि.मी क्रमांक 467 एवं 468 पर दो माह में तीन बार मरम्मत का कार्य किया जा चुका है। सड़क मरम्मत का इस कार्य में ठेकेदार व्दारा एनएच विभाग के नियमों को अनदेखा करके बगैर रोलर का उपयोग के ही डामर की लिपापोती कराई जा रही है। इसी यह सड़क सप्ताह भर के बाद पहले से भी ज्यादा जर्जर हो जा रही है।

   एनएच विभाग के सूत्रों का कहना है कि यहां शहरी क्षेत्र की लगभग 10 कि.मी इस सड़क पर मरम्मत कार्य के नाम पर प्रति वर्ष डेढ़ से तीन करोड़ रुपयों व्यय किया जा रहा है। इसके बाद भी शहरी क्षेत्र में मुख्य सड़क की बदहाली दूर नहीं हो पाई है। शहर में बीटीआई चौक से जशपुर रोड़ में पालिडीह तक एनएच सड़क की बेहद जर्जर हालत को ठीक करने के लिए अब तक सभी उपाय विफल हो चुके हैं।

अम्बिकापुर रोड़ में सेन्ट्रल बैंक के सामने
 धूल से भरी निर्माण सामग्री के साथ मरम्मत कार्य
       मुख्य सड़क पर बहता है नालियों का गंदा पानी

एनएच विभाग के कार्यपालन अभियंता एन एक्का का कहना है कि यहां सड़क के किनारे नाली का निर्माण नहीं होने से बार बार सड़क खराब हो जा रही है। उन्होंने बताया कि जशपुर रोड़ में छोटी पुलिया बनाने का प्रसताव को पांच साल के बाद भी स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इसी तरह शहर में कई जगह घरों का निस्तार किया हुआ गंदा पानी को मुख्य सड़क पर छोड़ दिया जा रहा है। इस मामाले में नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ की निष्यकियता के चलते मुख्य सड़क बर्बाद हो रही है। यहां पर कन्या हाई स्कूल, सिविल अस्पताल, इंदिरा चौराहा तथा सेन्ट्रल बैंक के आस पास मुख्य सड़क की बदहाली के चलते यहां अम्बिकापुर में सड़क मरम्मत कार्य का अनुबंध करने वाले ठेकेदार से अतिरिक्त कार्य कराया जा रहा है। श्री एक्का ने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण पूरे पत्थलगांव शहरी क्षेत्र में मुख्य सड़क की बदहाली को ठीक कर पाना सम्भव नहीं है। उन्होने कहा कि यहां कार्यरत मौजूदा ठेकेदार को कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान देने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

              सड़क मरम्मत की आड़ में हेराफेरी

     यहां के राइस मीलर श्रवण अग्रवाल ने कहा कि पत्थलगांव का शहरी क्षेत्र में जगह जगह जर्जर सड़क के चलते यहां पैदल चल पाना भी दुभर हो गया है। कटनी गुमला राष्ट्रीय राज मार्ग  पर मरम्मत के नाम से कई बार ठेकेदारों को 50 ,50 लाख रू. के वर्क आर्डर देने की जांच होने से यहां भ्रष्टाचार का बड़ा मामला उजागर हो सकता है। उन्हांेने कहा कि अम्बिकापुर में मरम्मत कार्य का अनुबंध करने वाले ठेकेदार से पत्थलगांव में मरम्मत सामग्री के महज दो लोड की आड़ में एनएच विभाग के उपयंत्री व्दारा 10 ट्रक मरम्मत सामग्री की खपत बताई जा रही है। इस हेराफेरी के बाद मरम्मत कार्य की गुणवत्ता पर भी ध्यान नहीं देने से शहर के नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है। 

            कलेक्टर करे सार्थक पहल

    यहां के उद्योगपति अशिष अग्रवाल ने कहा कि बीते पांच साल से इस सड़क पर नया डामरीकरण के कार्य की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। उन्हांेने कहा कि शहर के बीच से गुजरने वाली इस महत्वपूर्ण सड़क पर नया डामरीकरण का कार्य कराने से इसमें साईड की नाली तथा चौड़ीकरण के प्रावधान का भी लाभ मिल सकता है। इस नया डामरीकरण एवं चौड़ीकरण के कार्य की निविदा आमंत्रित नहीं करने से ही यहां पर मरम्मत कार्य की आड़ में भ्रष्टाचार का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। श्री अग्रवाल ने कहा कि जनता के पैसों की बर्बादी को रोक अच्छी सेवा दिलाने के लिए जिला कलेक्टर को सार्थक पहल करनी चाहिए।




मंगलवार, 25 मार्च 2014

नगर पंचायत के पानी टैंकर कबाड़ में



 वर्षा का पानी संचय करने के नहीं हो रहे उपाय:
   जल स्तर गिरावट ने बढ़ाई चिन्ता
पत्थलगांव/   रमेश शर्मा
     वर्षा का पानी संचय करने के उपायों पर कोई पहल नहीं हो पाने तथा मोटर पम्प अधिक होने से इस अंचल के भू जल स्तर में तेजी से गिरावट आई है।
    बीते सप्ताह यहां रायगढ़ रोड़ स्थित पानी टंकी के सामने निजी भूमि पर हेंडपम्प का खनन के दौरान 1000 फीट की खुदाई के बाद भी वहंा पानी की एक बूंद भी नहीं निकली। भू जल स्तर में पानी गिरावट की इस भयावह स्थिति को देख कर शहर के लोगों में इस वर्ष पीने का पानी को लेकर चिंता बढ़ गई है। रायगढ़ रोड़ में पानी टंकी के सामने इन्द्रपाल सिंह भाटिया ने अपनी निजी भूमि पर बोर खनन का काम शुरू कराया था। इस दौरान पहले चरण में 600 फीट तक की खुदाई में केवल धूल उड़ने के बाद उन्होंने बोर खनन करने वालों को नई मशीन लाकर 1000 फीट तक पानी की तलाश करने को कहा था। पर निरंतर गिर रहे भू जल स्तर के चलते उन्हे भूमि के भीतर दूर दूर तक पानी की एक बूंद भी नहीं मिली।
      दरअसल पत्थलगांव क्षेत्र में बरसात का पानी संचय करने के उपायों पर ध्यान नहीं देने से यहंा लगातार भू जल स्तर में तेजी से गिरावट हो रही है। यहां शासकीय भवनों का नया निर्माण में बरसात का पानी संचय करने के उपायों पर कहीं भी अमल नहीं किया जा रहा है। 
             10 से 20 फीट जल स्तर उतरा
    शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में इस वर्ष साधारण तौर पर 10 से 20 फीट भू जल स्तर की गिरावट दर्ज की गई है। कई क्षेत्र में यह गिरावट तीन गुना अधिक दिखने लगी है। शहर के कई मुहल्लों में गर्मी की दस्तक से पहले ही हेंडपम्पों का पानी नीचे चला जाने से वहंा पेयजल की समस्या गहराने लगी है। नगर पंचायत व्दारा शहर में पेयजल की समस्या से निपटने के लिए कोई उपाय नहीं करने से यहंा के नागरिकों की चिन्ता बढ़ गई है। वार्ड नम्बर 7 में रहने वाले नागरिक गुरुचरण सिंह भाटिया ने बताया कि नगर पंचायत व्दारा नल जल योजना के तहत नियमित पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है। उन्होने बताया कि रायगढ़ रोड़ में बिगड़े हेंडपम्पों की देख रेख नहीं होने से यहंा पानी संकट गहराने लगा है। श्री भाटिया ने कहा कि नगर पंचायत ने नल जल योजना से दोनो वक्त पानी की आपूर्ति करने का अनुबंध किया है। लेकिन यहंा नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ नारायण प्रसाद की लापरवाही के चलते एक वक्त भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। उन्होने बताया कि नल जल योजना से पानी आपूर्ति नहीं हो पाने की शिकायतों को नगर पंचायत अधिकारी अनदेखा कर देते हैं। यहां पर नगर पंचायत ने अभी तक अपने पानी टेंकर और पाईप लाइन का विस्तार के काम पर ध्यान नहीं दिया है। देख रेख के अभाव में यहां पानी टंकी के नीचे पानी के टेंकर तथा अन्य किमती सामान कचरे के ढेर में बदलने लगा है। शहर में पानी की समस्या से लोगों को राहत देने के लिए जगह जगह हेंड पम्प का खनन तो कर दिया गया है, पर यहंा पर बिगड़े हेंडपम्पों का सुधार नहीं होने से ज्यादातर हेंड पम्प भी कचरे के ढेर में दब गए हैं। रायगढ़ रोड़ में एचडीएफसी बैंक के सामने बिगड़ा हुआ हेंड पम्प नगर पंचायत अधिकारी की निष्क्रियता की कहानी को जुबान से बता रहा है।
  बरसात का पानी संचय करने पर गम्भीर होने की जरूरत
    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी अशोक कुमार सिंह का कहना है कि ग्रामीण अचंल में उनके पास लगभग 3000 हेण्डपम्पों की देखरेख व बिगड़े हेंडपम्पों का सुधार के लिए केवल चार मैकेनिक तथा 7 सहायक कर्मचारी उपलब्ध हैं। इनसे पत्थलगांव विकास खंड की दूर दराज वाली ग्राम पंचायत में हेंडपम्पों का सुधार कराना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पत्थलगांव क्षेत्र में बरसात का पानी संचय करने पर कहीं भी गंभीरता से काम नहीं किया जा रहा है। यहंा पर 7 स्कूल भवनों वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की पहल की गई थी। इस कार्य पर इन दिनो लोकसभा आचार संहिता का ब्रेक लग जाने से यह कार्य शुरू नहीं कराया गया है। उन्होंने बताया कि कई बार बिगड़े हैंण्ड पम्पों की अधिक शिकायत आ जाने से सुधार कार्य में विलंब हो जाता है।

रविवार, 23 मार्च 2014

महिलाओं ने की शीतला माता की पूजा.अर्चना

महिलाओं ने विधि विधान से की 
         शीतला माता की आराधना 
सूर्योदय से पहले बासी भोजन से होती है शीतला माता की पूजा
 पत्थलगांव/         रमेश शर्मा
    रोग मुक्ति और शांति प्राप्ति के लिए रविवार और सोमवार को सूर्योदय से पहले महिलाओं ने मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाकर श्रद्धा और विश्वास के साथ उनकी आराधना की।
     शहर में सुता तालाब के समीप शीतला माता का वर्षो पुराना मंदिर बना हुआ है। यहां पर भोर से ही पूजा अर्चना करने वालों की लम्बी कतार लग गई थी। शीतला सप्तमी के अवसर पर श्वेत पाषाण रूपी मां के पूजन की प्राचीन परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि शीतला माता का विधि विधान से पूजन करने के बाद पूरे साल भर तक परिवार में शांति और शीतलता बनी रहती है।
      होली का त्योहार के सातवें दिन गृहणियों व्दारा इस पूजा के लिए एक दिन पहले ही मीठे चावल के साथ विभिन्न व्यंजन तैयार किए जाते हैं। यहां मारवाड़ी महिलाओं में ऐसी परंपरा है कि होलिका दहन के पश्चात वहां से ठंडी राख घर में लाई जाती है। इसके बाद सप्तमी अथवा प्रथम सोमवार व गुरुवार को शीतला माता की पूजा अर्चना की जाती है।
           बासी भोजन व चूल्हा ठंडा रहने की परम्परा
     यहां मारवाड़ी महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती चन्दा गर्ग का कहना है कि भगवती शीतला की पूजा का विधान बहुत ही विशिष्ट है। शीतला सप्तमी के दिन उन्हें पूरी शुद्धता के साथ बनाया हुआ बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। यही वजह है कि इस पर्व को उत्तर भारत में बासौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। श्रीमती गर्ग का कहना था कि इस त्यौहार पर बासी भोजन खाने की परम्परा थोड़ा चौकाती हैं, लेकिन इसके पीछे तर्क यह है कि इस समय से वसंत की विदाई होती है और ग्रीष्म का आगमन होता है।इसलिए आगे बासी भोजन से परहेज करना चाहिए। यहा श्रीमती नंदा शर्मा और मान्या शर्मा ने बताया कि शीतला पूजा के दिन घरों में चूल्हा नहीं जलता है। वर्षो पुरानी इस परम्परा को आज भी पूरे आस्था और विश्वास के साथ पालन किया जाता है।