विष्णुदेव साय भाजपा उम्मीदवार |
श्रीमती आरती सिंह कांग्रेस उम्मीदवार |
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष
विष्णुदेव साय चुनाव मैदान में
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
पूरे देश में भले ही लोकसभा चुनाव की चर्चा जोर-शोर से हो रही हो, लेकिन पत्थलगांव में किसी भी राजनीति दल ने अपना चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी का झंडा, बैनर, पोस्टर तक नहीं लगाया है। रायगढ़ संसदीय सीट पर भाग्य आजमाने वाली कांग्रेस प्रत्याशाी श्रीमती आरती सिंह स्थानीय होने के बाद भी यहां पर उनका चुनाव कार्यालय का अता पता नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा नेताओं की चुनाव प्रचार में उदासिनता से इस बार मतदान का प्रतिशत कम होने की बात कही जा रही है।
रायगढ़ संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय व्दारा भाग्य अजमाने के बाद भी उनकी पार्टी के ज्यादातर नेता अभी तक घरों में ही बैठे हुए हैं। भाजपा नेताओं की लम्बी फौज के बाद भी यहां अभी तक उन्होंने अपने चुनाव प्रचार का श्री गणेश नहीं किया है। दोनो प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार का कहीं भी माहौल नहीं बन पाने से दोनो राजनैतिक दल के कार्यकर्त्ता भी मायूस होकर इधर उधर घूम रहे हैं।
जषपुर जिले से भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याषी
रायगढ़ संसदीय सीट पर भाग्य अजमाने के लिए उतरे कांग्रेस और भरतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जशपुर जिले के ही निवासी हैं। इसके बाद भी यहां चुनाव प्रचार की गहमागहमी दिखाई नहीं दे रही है। शहर के लोग इस बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव का मतदान को अब महज 20-25 दिन का समय बचा होने के बाद भी यहां किसी भी राजनैतिक दल के उम्मीदवार ने अपना प्रचार प्रसार के लिए एक भी झंडा और पोस्टर नहीं लगाया है।
रामपुकार ने भी नहीं किया गांवों का रुख
सबसे दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती आरती सिंह के पिता रामपुकार सिंह यहां कांग्रेस टिकट से विधानसभा का चुनाव हार जाने के बाद वे पहले की तरह मुखर नहीं रह गए हैं। श्री सिंह अपने समर्थकों से मोबाइल फोन से ही दिशा निर्देश दे रहे हैं। इसके पहले वे किसी भी चुनाव में प्रातः 7 बजे से गांव की गलियों में घूमना शुरू कर देते थे। इस बार उन्होंने अभी तक अपने विश्वसनीय लोगों की टीम के साथ चुनाव प्रचार के लिए गांवों का रूख नहीं किया है। गांव से आने वाले कांग्रेस कार्यकर्त्ता रामपुकार सिंह के निवास पहुंच कर मायुसी के साथ वापस लौट जा रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती आरती सिंह भी अपने चुनाव का कठिन मुकाबला के दौरान घर में बैठ कर ही मोबाईल फोन से कार्यकर्त्ताओं को निर्देश दे रही हैं। यहां कांग्रेस नेताओं ने पिछले दिनों अपनी एकजुटता का संकल्प लेकर पार्टी के उम्मीदवार के लिए घर घर पहुंचकर मतदाताओं से सम्पर्क करने की बात कही थी। पर एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी ज्यादातर कांग्रेसी नेता अपने व्यवसाय में व्यस्त हैं। कांग्रेस के नेता विजय शर्मा का कहना था कि कांग्रेस उम्मीदवार आरती सिंह चुनाव मैनेजमेंट में बेहद कमजोर साबित हो रही हैं। इसी वजह लोकसभा का चुनाव फीका फीका दिख रहा है। उन्होने कहा कि जशपुर जिले में युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस ,किसान कांग्रेस तथा अन्य प्रकोष्ठ सहित पार्टी के जुझारू कार्यकर्त्ताओं ने अभी तक चुनाव की रणनीति पर काम करना शुरू नहीं किया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रायगढ़ संसदीय सीट पर पार्टी के हाईकमान ने उम्मीदवार बदल कर काफी बड़ी भूल की है। कांग्रेस के नेता वामदेव पाण्डेय ने कहा कि डा.मेनका सिंह यहां पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को कड़ी टक्कर देने के साथ चुनाव जीतने की स्थिति में आ गई थी।
कम मतदान का डर
दोनो प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार प्रसार में रूचि नहीं दिखाने से इस बार मतदान प्रतिशत में कमी आने की बात कही जा रही है। पाकरगांव के सरपंच नेहरू लकड़ा का कहना था कि वे लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन राजनैतिक दल के नेताओं का गांवों में कहीं भी जनसम्पर्क शुरू नहीं हो पाया है। उन्होने कहा कि इस बार रजनैतिक दल के नेताओं की चुनाव को लेकर उदासिनता और मतदान तिथि तक गर्मी का प्रकोप बढ़ जाने से यहां मतदान का प्रतिशत पर विपरित असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।
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पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
पूरे देश में भले ही लोकसभा चुनाव की चर्चा जोर-शोर से हो रही हो, लेकिन पत्थलगांव में किसी भी राजनीति दल ने अपना चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी का झंडा, बैनर, पोस्टर तक नहीं लगाया है। रायगढ़ संसदीय सीट पर भाग्य आजमाने वाली कांग्रेस प्रत्याशाी श्रीमती आरती सिंह स्थानीय होने के बाद भी यहां पर उनका चुनाव कार्यालय का अता पता नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा नेताओं की चुनाव प्रचार में उदासिनता से इस बार मतदान का प्रतिशत कम होने की बात कही जा रही है।
रायगढ़ संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय व्दारा भाग्य अजमाने के बाद भी उनकी पार्टी के ज्यादातर नेता अभी तक घरों में ही बैठे हुए हैं। भाजपा नेताओं की लम्बी फौज के बाद भी यहां अभी तक उन्होंने अपने चुनाव प्रचार का श्री गणेश नहीं किया है। दोनो प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार का कहीं भी माहौल नहीं बन पाने से दोनो राजनैतिक दल के कार्यकर्त्ता भी मायूस होकर इधर उधर घूम रहे हैं।
जषपुर जिले से भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याषी
रायगढ़ संसदीय सीट पर भाग्य अजमाने के लिए उतरे कांग्रेस और भरतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जशपुर जिले के ही निवासी हैं। इसके बाद भी यहां चुनाव प्रचार की गहमागहमी दिखाई नहीं दे रही है। शहर के लोग इस बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव का मतदान को अब महज 20-25 दिन का समय बचा होने के बाद भी यहां किसी भी राजनैतिक दल के उम्मीदवार ने अपना प्रचार प्रसार के लिए एक भी झंडा और पोस्टर नहीं लगाया है।
रामपुकार ने भी नहीं किया गांवों का रुख
सबसे दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती आरती सिंह के पिता रामपुकार सिंह यहां कांग्रेस टिकट से विधानसभा का चुनाव हार जाने के बाद वे पहले की तरह मुखर नहीं रह गए हैं। श्री सिंह अपने समर्थकों से मोबाइल फोन से ही दिशा निर्देश दे रहे हैं। इसके पहले वे किसी भी चुनाव में प्रातः 7 बजे से गांव की गलियों में घूमना शुरू कर देते थे। इस बार उन्होंने अभी तक अपने विश्वसनीय लोगों की टीम के साथ चुनाव प्रचार के लिए गांवों का रूख नहीं किया है। गांव से आने वाले कांग्रेस कार्यकर्त्ता रामपुकार सिंह के निवास पहुंच कर मायुसी के साथ वापस लौट जा रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती आरती सिंह भी अपने चुनाव का कठिन मुकाबला के दौरान घर में बैठ कर ही मोबाईल फोन से कार्यकर्त्ताओं को निर्देश दे रही हैं। यहां कांग्रेस नेताओं ने पिछले दिनों अपनी एकजुटता का संकल्प लेकर पार्टी के उम्मीदवार के लिए घर घर पहुंचकर मतदाताओं से सम्पर्क करने की बात कही थी। पर एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी ज्यादातर कांग्रेसी नेता अपने व्यवसाय में व्यस्त हैं। कांग्रेस के नेता विजय शर्मा का कहना था कि कांग्रेस उम्मीदवार आरती सिंह चुनाव मैनेजमेंट में बेहद कमजोर साबित हो रही हैं। इसी वजह लोकसभा का चुनाव फीका फीका दिख रहा है। उन्होने कहा कि जशपुर जिले में युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस ,किसान कांग्रेस तथा अन्य प्रकोष्ठ सहित पार्टी के जुझारू कार्यकर्त्ताओं ने अभी तक चुनाव की रणनीति पर काम करना शुरू नहीं किया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रायगढ़ संसदीय सीट पर पार्टी के हाईकमान ने उम्मीदवार बदल कर काफी बड़ी भूल की है। कांग्रेस के नेता वामदेव पाण्डेय ने कहा कि डा.मेनका सिंह यहां पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को कड़ी टक्कर देने के साथ चुनाव जीतने की स्थिति में आ गई थी।
कम मतदान का डर
दोनो प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार प्रसार में रूचि नहीं दिखाने से इस बार मतदान प्रतिशत में कमी आने की बात कही जा रही है। पाकरगांव के सरपंच नेहरू लकड़ा का कहना था कि वे लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन राजनैतिक दल के नेताओं का गांवों में कहीं भी जनसम्पर्क शुरू नहीं हो पाया है। उन्होने कहा कि इस बार रजनैतिक दल के नेताओं की चुनाव को लेकर उदासिनता और मतदान तिथि तक गर्मी का प्रकोप बढ़ जाने से यहां मतदान का प्रतिशत पर विपरित असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।
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