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गुरुवार, 10 मई 2012

परंपरागत सरहुल त्योहार से पर्यावरण का संदेश


पत्थलगॉंव /                     रमेश शर्मा
       वनवासियों के प्रत्येक तीज त्यौहारों में प्रेरणादायक संदेश के साथ आपसी भाईचारे की भावना को मजबूती मिलती है। इन्ही में से एक वनवासियों का वर्षो पुराना सरहुल पर्व भी है, जिसमें  गांव गांव से लोग इकट्ठा होकर पेड़ और धरती की पूजा करके पर्यावरण संरक्षण के काम में अनोखी मिसाल कायम कर रहे हैं।

     उक्त बातें पूर्व मंत्री गणेशराम भगत ने 
गुरुवार को पत्थलगांव में आयोजित सरहुल पर्व के दौरान वनवासियों की एक विषाल जनसभा में कही । 10 मई 2012 को भीषण गर्मी के बाद भी पत्थलगांव में आयोजित सरहुल पर्व में शामिल होने के लिए दूर दराज के गांवों से काफी बड़ी संख्या में आदिवासी इकट्ठा हुए थे। इन ग्रामीणों ने पालीडीह के आम बगीचा में घंटो तक लोक नृत्य तथा गीत गाकर एक दूसरे को सरहुल त्योहार की बधाई दी।ग्रामीण अपनी प्राचीन परम्परा के अनुसार साल वृक्ष के फूल भेंट कर इस त्योहार की बधाई दे रहे थे।पालिडीह का आम बगीचा में एकत्रित वनवासियों ने दोपहर 1 बजे गणेशराम भगत की अगुवाई में एक विषाल रैली भी निकाली। लगभग दो कि.मी.लम्बी इस रैली में शामिल वनवासियों ने यहंा तहसील कार्यालय के समीप प्राचीन सरना में जाकर पूजा अर्चना की। बाद में यह रैली बेहद अनुशासित ढंग से पालिडीह का प्राचीन सरना स्थल पर पहुंची। वनवासियों के इस पूजा स्थल में आसपास के गांवों से आए 31 बैगाओं के व्दारा आदिवासियों की संस्कृति से पेड़ों की पूजा कराई गई। सरहुल की रैली में ज्यादातर ग्रामीण अपने हाथों में झंडे लिए हुए थे। इसमें आदिवासियों के नगाड़ों की गूंज तथा नृत्य का दृष्य काफी मनोहारी लग रहा था।सरहुल की रैली में नगाड़ों की गुंज दूर दूर तक सुनाई पड़ रही थी।
     पालिडीह सरना से रैली वापस लौटने पर आम बगीचा में जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें अनेक वनवासी नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।इस सभा में गणेशराम भगत ने कहा कि  हमारे बुजुर्गो के अच्छे अनुभव को नई पीढ़ी के बीच में बांटने के लिए ही वनवासियों के तीज त्यौहारों का आयोजन होता है।वनवासियों की प्राचीन संस्कृति में आपसी भाईचारा को जीवित रखने का पाठ पढ़ाया गया है।श्री भगत ने कहा कि सरहुल त्योहार में पेड़ पौधों को काटने के बजाए उनकी पूजा करने की बात कही गई है।उन्होने कहा कि ग्रामीण एवं किसानों के लिए हरियाली का सदैव महत्व रहा है। इस त्यौहार के माध्यम से वनवासी बगैर शासकीय मदद के  वनों की रक्षा करने का सन्देश को दूर दूर तक पहुंचाते हैं। इसी वजह वनवासियों का सरहुल त्योहार अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा की मिसाल बन गया है। उन्होने कहा कि वनवासियों व्दारा सरहुल का त्यौहार को वर्षो से मनाया जा रहा है।आदिवासियों के इन प्राचीन त्यौहारों की बदौलत दूर दराज के ग्रामीणों में भी भाईचारा कायम है। कुछ लोगों व्दारा आदिवासियों के बीच में धर्मान्तरण की दीवार खड़ी करके उन्हे कमजोर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।पर वनवासी समाज में जागरूकता आने के बाद वे लोग सजग हो गए हैं।प्रलोभन देकर धर्मान्तरण करने वालों को इन आदिवासियों ने बाहर का रास्ता दिखला दिया है।
सरहुल रैली में गणेशराम भगत भीषण
 गर्मी में ग्रामीणों की विशाल रैली
  
वनवासियों की एकजुटता से नक्सलियों ने रास्ता बदला
     श्री भगत ने कहा कि वनवासियों में आपसी भाईचारा और एकजुटता के कारण वे बड़ी से बड़ी समस्या का आसानी से हल ढूंढ़ लेते हैं।उन्होने कहा कि वनवासियों की एकजुटता के चलते नक्सलियों को भी वापस भागने के लिए मजबूर होना पड़ता है।श्री भगत ने कहा कि जशपुर जिले से लगा हुआ सरगुजा जिले का केरजू गांव के आसपास नक्सलियों ने डेरा डाल दिया था। यहंा के वनवासियों ने इपनी एकजुटता का परिचय देकर इन नक्सलियों को रास्ता बदलने के लिए मजबूर कर दिया।इसी तरह जशपुर जिले में भी राज्य की सीमा से लगे सरहदी गांवों में आदिवासियों की एकता के कारण नक्सलियों को अपना रास्ता बदलना पड़ गया है।यहंा वनवासियों के महापुरुष बिरषा मुण्डा तथा रामपुर के जगमोहन बाबा का भी स्मरण किया गया।इन महापुरुषों की वीर गाथा को याद कर नक्सलियों से मुकाबला करने की बात कही गई।वनवासियों की सभा में अखिल भारतीय कल्याण आश्रम के अध्यक्ष जगदेवराम, रामप्रकाश पाण्डेय सत्यप्रकाश तिवार शैलेन्द्र ठाकुर  बगीचा के मुकेश शर्मा, केशव यादव, चन्द्रदेव यादव सरगुजा के संजय गुप्ताबलदेव जोशी, श्रीमती रामवती जायसवाल, रोशन प्रताप साय रम्मू शर्मा, विशु शर्मा सुरेन्द्र कुमार चेतवानी ,राजेश अग्रवाल सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

                     मधु मख्खियों का हमला में बाल बाल बचे गणेशराम
    पालिडीह का सरना में गुरूवार को दोपहर तीन बजे सरहुल पूजा कर वापस लौटते वक्त वनवासियों की रैली पर अचानक मधुमख्खियों ने हमला बोल दिया था।इस हमले में पूर्व मंत्री गणेशराम भगत बाल बाल बच गए। श्री भगत की सुरक्षा में तैनात पुलिस जवान सुधीर भगत, मनोहर राम तथा जशपुर के रामप्रकाश पाण्डेय पर मधुमख्खियों ने कई जगह हमला कर उन्हे घायल कर दिया। इन घायलों को पत्थलगांव स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ति कराया गया जंहा उपचार के बाद छुटटी दे दी गई। इस रैली में दो बच्चों सहित दर्जन भर ग्रामीणों पर भी मधुमख्खियों नेे हमला कर उन्हे घायल कर दिया था।सरहुल पूजा के आयोजक रोशन प्रताप तथा विषु शर्मा ने इन्हे भी उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ति कराया ।यहंा स्वास्थ्य कर्मियों ने घायलों का तत्काल उपचार शुरू किया। जिससे घायलों को राहत मिल सकी।

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