सुधार कार्य के
लिए दो मोबाइल टीम तैनात
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट के चलते आए दिन
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दफतर में बन्द हेन्डपम्पों की शिकायत दर्ज हो रही
है। यहॉं पर खरकटटा, खारडोढ़ी,
जामजुनगानी, भ्
कुकरगांव तथा काडरो क्षेत्र में जल स्तर में गिरावट के चलते ज्यादा हेंडपम्प
बन्द होने की बात सामने आई है।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी विभाग ने इस समस्या का त्वरित निराकरण के लिए मैकेनिकों की दो अलग अलग मोबाइल
टीम तैनात की है। दूर दराज के गांवों में हेंडपंप खराब होने पर यहॉं जनपद कार्यालय
तथा लोक स्वास्थ्य कार्यालय में षिकायत दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा
दूरभाष पर भी मिलने वाली षिकायत की पुष्टि करने के बाद तत्काल हेंडपंप संधारण करने
वालों को रवाना किया जा रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता सीबी
सिंह ने बताया कि गर्मी की शुरूवात होने के बाद विभिन्न ग्राम पचंायतों से 200 से अधिक हेंडपंप बिगड़ने की षिकायतें मिल चुकी हैं। श्री सिंग ने बताया कि ग्रामीण
अचंल से हेंडपंप बिगड़ने की षिकायत के बाद तीन दिन से एक सप्ताह के बीच में सुधार कार्य
करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल स्तर में गिरावट के बाद हेंडपंप
में अधिकतम दस पाइप लगाए जाते हैं लेकिन कई गांवों में पेयजल की समस्या को देखते हुए
12 पाइप लगा कर हेंडपंप से पानी निकल रहा है। श्री सिंह ने बताया कि बीते तीन वर्षो
में यहॉं भू जल स्तर में गिरावट की समस्या तेजी से बढ़ी है। उन्होंने बताया कि भू जल
स्तर में तेजी से हो रही गिरावट रोकने के लिए वे ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि तथा
ग्रामीणों को जल सरंक्षण के उपाय पर ध्यान देने की भी सलाह दे रहे हैं।
जल सरंक्षण के बोस उपायों की जरूरत
जिला पंचायत की पूर्व सदस्य श्रीमती ललिता पैंकरा
ने बताया कि इन दिनों जल स्तर में तेजी से होने वाली गिरावट के चलते कुंऐं और तालाब
का जल स्तर कम होने के साथ साथ हेंडपंप की सेवा पर भी विपरित असर पड़ रहा है। उन्होंने
बताया कि चन्दागढ़ भैंसामुड़ा, खरकटटा, खारडोढ़ी क्षेत्र में भू जल स्तर में कमी आने की अधिक षिकायतें मिल रही हैं। श्रीमती
पैंकरा का कहना था कि पानी की दिनो दिन बढ़ती समस्या के मददेनजर अब प्रत्येक व्यक्ति
को जल संरक्षण के काम में अपनी भागीदारी देने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि भू
जल स्तर की गिरावट को रोकने के लिए ठोस पहल नहीं होने से यह समस्या गम्भीर रूप ले सकती
है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत प्रत्येक गांव में
कुंए छोटी डबरी और तालाबों का निर्माण के काम को प्राथमिकता
से कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल ग्रहण सरंक्षण की दिषा में भी सार्थक पहल
करनी होगी अन्यथा भू जल स्तर की गिरावट विकराल समस्या का रूप धारण कर सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें