हरियाली और फॉल का नजारा |
रजपुरी जलप्रपात में दुर्ग रायपुर के पर्यटक |
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
जषपुर जिले में पंडरापाठ की तराई स्थित रजपुरी जल प्रपात में काफी उंचाई से गिरने वाली जल की तेज धारा के साथ आस पास की पहाड़ियों में वनों से आच्छादित हरियाली दूर दूर के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गई है। बगीचा पहुंचने के बाद दूर दूर तक दिखने वाली खेतों की हरियाली और उंचे पर्वतों में सुरम्य वनों से आच्छादित यहंा की हसीन वादियों को देखने के बाद बाहर से आने वाले पर्यटकों को अमरकंटक के कपिल धारा की याद आ जाती है।
एक पखवाड़े से लगातार हो रही रिमझिम और तेज बारिष से बगीचा के समीप रजपुरी जलप्रपात का सौंदर्य बढ़ गया है।पण्डरापाठ की उंची नीची पहाड़ियों से बह कर आने वाला बरसात का पानी घुघरी नदी में आकर मिलने के बाद रजपुरी जलप्रपात की धार तेज हो गई है।बारिश के मौसम में बगीचा के चारों ओर हरियाली के साथ पषु ,पक्षियों का कलरवों के बीच रजपुरी डरने का सौंदर्य में कई गुना इजाफा हो गया है।पहाड़ की उचंाई से गिरने वाला इस झरना को देखने के लिए इन दिनों दूर दूर के पर्यटक रजपुरी पहुंच रहे हैं।
रजपुरी की सुन्दरता में खो जाते हैं पर्यटक
बगीचा मुख्यालय के समीप इस पर्यटक स्थल तक पक्का सड़क मार्ग होने के कारण बाहर से आने वाले लोगों को थकान का अहसास नहीं होता है।रजपुरी पहुंचने के बाद इस खूबसूरत व प्रसिध्द प्राकृतिक पर्यटन स्थल को देखने वाले यहंा की सुन्दरता में ही खो जाते हैं। यहंा दुर्ग के संजय चैबे ने बताया कि उन्हे बगीचा क्षेत्र का सुखद वातावरण देख कर अमरकंटक की कपिल धारा की याद ताजा हो गई। श्री चौबे के साथ रायगढ़ से पहुंचे महेश शर्मा ने भी बगीचा का रजपुरी जलप्रपात को बेहतर और रमणीक पर्यटन स्थल बताया है।महेष शर्मा का कहना था कि यहंा की सुखद जलवायु तथा पहाड़ों के साथ चारों तरफ फैली हरियाली को विकसित करने के लिए ठोस उपाय किए जाने चाहिए।यहंा पहुंचने वाले पर्यटकों का कहना था कि बगीचा क्षेत्र के अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करके यहंा होटल तथा अन्य सुविधा मुहैया करानी चाहिए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ बाहर से आने वाले लोगों को भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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जषपुर जिले में पंडरापाठ की तराई स्थित रजपुरी जल प्रपात में काफी उंचाई से गिरने वाली जल की तेज धारा के साथ आस पास की पहाड़ियों में वनों से आच्छादित हरियाली दूर दूर के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गई है। बगीचा पहुंचने के बाद दूर दूर तक दिखने वाली खेतों की हरियाली और उंचे पर्वतों में सुरम्य वनों से आच्छादित यहंा की हसीन वादियों को देखने के बाद बाहर से आने वाले पर्यटकों को अमरकंटक के कपिल धारा की याद आ जाती है।
एक पखवाड़े से लगातार हो रही रिमझिम और तेज बारिष से बगीचा के समीप रजपुरी जलप्रपात का सौंदर्य बढ़ गया है।पण्डरापाठ की उंची नीची पहाड़ियों से बह कर आने वाला बरसात का पानी घुघरी नदी में आकर मिलने के बाद रजपुरी जलप्रपात की धार तेज हो गई है।बारिश के मौसम में बगीचा के चारों ओर हरियाली के साथ पषु ,पक्षियों का कलरवों के बीच रजपुरी डरने का सौंदर्य में कई गुना इजाफा हो गया है।पहाड़ की उचंाई से गिरने वाला इस झरना को देखने के लिए इन दिनों दूर दूर के पर्यटक रजपुरी पहुंच रहे हैं।
रजपुरी की सुन्दरता में खो जाते हैं पर्यटक
बगीचा मुख्यालय के समीप इस पर्यटक स्थल तक पक्का सड़क मार्ग होने के कारण बाहर से आने वाले लोगों को थकान का अहसास नहीं होता है।रजपुरी पहुंचने के बाद इस खूबसूरत व प्रसिध्द प्राकृतिक पर्यटन स्थल को देखने वाले यहंा की सुन्दरता में ही खो जाते हैं। यहंा दुर्ग के संजय चैबे ने बताया कि उन्हे बगीचा क्षेत्र का सुखद वातावरण देख कर अमरकंटक की कपिल धारा की याद ताजा हो गई। श्री चौबे के साथ रायगढ़ से पहुंचे महेश शर्मा ने भी बगीचा का रजपुरी जलप्रपात को बेहतर और रमणीक पर्यटन स्थल बताया है।महेष शर्मा का कहना था कि यहंा की सुखद जलवायु तथा पहाड़ों के साथ चारों तरफ फैली हरियाली को विकसित करने के लिए ठोस उपाय किए जाने चाहिए।यहंा पहुंचने वाले पर्यटकों का कहना था कि बगीचा क्षेत्र के अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करके यहंा होटल तथा अन्य सुविधा मुहैया करानी चाहिए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ बाहर से आने वाले लोगों को भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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