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सोमवार, 5 अगस्त 2013

नलों से बँटती बीमारियॉं

किलकिला के फिल्‍टर प्‍लांट का एसडीएम ने किया औचक निरीक्षण्‍ा


           पत्थलगांव/
       जशपुर जिले के पत्थलगांव में नल जल योजना से मटमैला पानी की आपूर्ति होने से घर घर में मौसमी बीमारी ने पैर पसार दिए हैं। नगर पचंायत की उदासीनता के चलते शहर के सभी 15 वार्डो में पेट दर्द, बुखार तथा अन्य बीमारियों के मरीजों को बेवजह महँगा इलाज कराना पड़ रहा है।नगर पचंायत के प्रभारी सीएमओं नारायण प्रसाद सिंह की इस लापरवाही को लेकर नागरिकों के साथ पार्षदों में भी आक्रोष व्याप्त है।यहंा के भाजपा औ कांग्रेस के पार्षदों ने नगर पंचायत के सीएमओ की निष्यक्रियता के मामले में मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह की विकास यात्रा में पूरजोर विरोध करने की चेतावनी दी है।
     शहर में नगर पंचायत व्दारा मटमैले पानी की लगातार आपूर्ति होने की षिकायतों के बाद एसडीएम रामानंदन सिंह ने किलकिला स्थित फिल्टर प्लांट का औचक निरीक्षण किया। यहाँ पर मांड नदी का तट पर विद्युत पंप को रस्सियों से बाँधकर रखा गया है। फिल्टर प्लांट में मटमैले पानी को साफ करने के लिए पर्याप्त मात्रा में केमिकल का उपयोग नहीं करने तथा जल स्रोत के आसपास स्वच्छता का अभाव देखा गया।जल आपूर्ति के महत्वपूर्ण काम में जगह जगह लापरवाही का आलम देख कर एसडीएम ने चिंता व्यक्त की है।
      श्री सिंह ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उप अभियंता सीबी सिंह के साथ किलकिला जल संग्रहण केन्द्र और फिल्टर प्लांट का बारीकी से निरीक्षण किया। शहर की जल प्रदाय योजना के काम की देख रेख को गम्भीरता से नहीं करने पर नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ नारायण सिंह को कड़े निर्देष दिए गए हैं। श्री सिंह ने कहा कि नल जल योजना का फिल्टर प्लांट को मजदूरों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। एसडीएम का औचक निरीक्षण के दौरान मांड नदी से विद्युत पंप के माध्यम से पानी निकालने तथा पानी को स्वच्छ करने का काम के लिए यहंा कोई भी तकनीकी जानकार नहीं मिला। मांड नदी के तट पर लगाया गया विद्युत पम्प को रस्सियों से बांध कर रखा गया है। इससे कभी भी बड़ी दुर्धटना होने का अंदेषा बना रहता है।
     फिल्टर प्लांट की देख रेख करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों व्दारा ही नदी का मटमैले पानी को एकत्रित करने के बाद साफ किया जाता है। नल जल योजना का किलकिला स्थित फिल्टर प्लांट के आस पास गंदगी का ढे़र देख कर श्री सिंह ने यहंा साफ सफाई के कड़े निर्देश दिए। पानी साफ करने वाले टैंक में मिटटी और काई जम जाने के बाद कई दिनों से इसकी सफाई नहीं की गई थी। यहंा फिल्टर प्लांट परिसर में नगर पंचायत व्दारा पानी साफ करने वाला कालातित ब्लिचिंग पाउडर का ढेर जमा किया गया था। सीएमओ ने बताया कि पानी साफ करने के काम में कालातीत ब्लिचिंग पाउडर का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। पर इसी ढेर के साथ नया पाउडर की बोरियों को भी रखा गया था। श्री सिंह ने यहाँ की अव्यवस्था देख कर काफी अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जल प्रदाय योजना का महत्वपूर्ण काम में जगह जगह लापरवाही बरती जा रही है।श्री सिंह ने नगर पचंायत के प्रभारी सीएमओ को नल जल व्यवस्था को दो दिनों के भीतर ठीक करके नागरिकों को स्वच्छ जल आपूर्ति करने के कड़े निर्देष दिए हैं।
            प्रभारी सीएमओ के चलते अव्यवस्था का आलम
    नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती स्नेहलता शर्मा ने बताया कि शहर में नल योजना की पाइप लाइन कई जगह से टूट जाने की षिकायतों के संबंध में प्रभारी सीएमओ को अवगत कराने के बाद भी इस दिषा में सुधार नहीं किया जा रहा है। उन्होने बताया कि कई जगह पाइप लाईन टूट जाने के कारण बरसात का पानी के साथ अन्य गंदगी भी पाइप में प्रवेष कर रही है। इसी वजह शहर में लगातार मटमैले पानी आपूर्ति की षिकायतें मिल रही है। श्रीमती शर्मा ने बताया कि नल जल योजना से मटमैले पानी की आपूर्ति होने से ही कई मुहल्लों में जल जनित बीमारियां बढ़ रही हैं।उन्होंने बताया कि शहर में व्याप्त गंदगी तथा अन्य अव्यवस्था के कारण ही उन्हे नागरिकों के कोप भाजन का षिकार होना पड़ रहा है।
     यहाँ के वरिष्ठ पार्षद वेदप्रकाष मिश्रा का भी कहना था कि नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ के चलते ही पूरे शहर में अव्यवस्था का आलम बना हुआ है।श्री मिश्रा ने कहा कि यहंा विभिन्न मुहल्लों में साफ सफाई नहीं होने से नागरिकों को काफी परेषानी का सामना करना पड़ रहा है। यहंा सार्वजनिक कुओं तथा हेंडपंप में ब्लिचिंग पाउडर डालने के बजाए इसे फिल्टर प्लांट में रख कर बर्बाद किया जा रहा है। उन्होने कहा कि प्रभारी सीएमओ की लापरवाही से ही नगर पचंायत क्षेत्र के नागरिकों को उनकी मूलभुत सुविधाओं का भी टोटा हो गया है।नगर पचंायत के ज्यादातर पार्षदों ने प्रभारी सीएमओ के विरोध में मोर्चा खोल दिया है।नगर पंचायत के पार्षदों ने बताया कि मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह की विकास यात्रा के दौरान उन्हे प्रभारी सीएमओं के कारनामों के पुष्ट प्रमाण के साथ लिखित षिकायत की जाएगी।

 ,मांड नदी का पानी निकालने के लिए रस्सी से बंधा हुआ विद्युत पंप, फिल्टर प्लांट में सफाई के बाद भी मटमैला पानी, जलस्रोत के आस पास गंदगी का ढेर  

   

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