आलू रोपण की तैयारी में ग्राम कामारिमा का किसान |
जशपुर जिले में पण्डरापाठ
क्षेत्र में लगातार एक पखवाड़े से हो रही बारिश के चलते आलू की पैदावार लेने वाले किसानों
की परेशानी बढ़ गई है। यहाँ बारिश के चलते दो दर्जन से अधिक गांव के किसान अपने खेतों
में आलू की बोआई का काम शुरू नहीं कर पाए हैं। इन किसानों के घरों में रखा हुआ आलू
बीज भी अब खराब होने के कगार में पहुंच गया है। किसानों का कहना है कि इस बार बाजार
में देरी से आलू की फसल पहुंचने के कारण अच्छी कीमत मिलने की सम्भावना नहीं है।
पण्डारापाठ क्षेत्र
में आलू की पैदावार के लिए अनुकूल जलवायु होने के कारण यहाँ बम्फर पैदावार होती है।
इसी वजह उत्तर प्रदेश के आलू व्यवसायियों व्दारा यहाँ पर आलू बीज के माध्यम
से लगभग दो करोड़ से अधिक का दांव लगाया जाता है। उद्यान विभाग के सूत्रों का कहना है
कि पण्डरापाठ क्षेत्र में 1 हजार हेक्टेयर भूमि पर
आलू की पैदावार ली जाती है। पर स्थानीय लोगों का कहना था कि यहाँ पर 2 से 3 हजार हेक्टेयर में आलू
की फसल ली जाती है। जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में आलू की रोपाई के बाद इन दिनो आलू
की फसल पर मांदा चढ़ाने का काम पूरा कर लिया जाता है। पर इस बार मौसम का साथ नहीं मिल
पाने से पण्डरापाठ क्षेत्र के किसान अपने खेतों में आलू बीज रोपण का काम भी शुरू नहीं
कर पाए हैं। गायबुड़ा के किसान मोहन यादव ने बताया कि पिछले 20 दिनों से रिमझिम बरसात के चलते यहाँ पर आलू रोपण की तैयारी
के बाद भी काम नहीं हो पा रहा है। इस किसान का कहना था कि कुछ गांवों में किसानों ने
जल्द आलू की फसल रोपण कर ली थी। अब केवल ऐसे ही किसानों को आलू की फसल का लाभ मिल पाएगा।
पण्डरापाठ क्षेत्र में आलू की अच्छी पैदावार के मददेनजर यहाँ पर उत्तर प्रदेश के आलू
व्यापारियों ने काफी मात्रा में आलू बीज का भंडारण करा दिया था। किसानों का कहना है
कि यहाँ एक पखवाड़ा पहले लाकर रखा गया आलू बीजों की गुणवत्ता में कमी आसकती है।
ग्राम भड़िया, देवडाढ़ ,कामारिमा, सुलेशा, सन्ना क्षेत्र के अनेक गांव
के किसान आज भी आलू के बीज रोपण के लिए मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। ग्राम कामारिमा
में रहने वाला मंगला कोरवा का कहना था कि उसने आलू की खेती के लिए बगीचा के साहुकार
से कर्ज लिया है।पर अब आलू रोपण का काम नहीं हो पाने से उसकी चिंता बढ़ने लगी है। पण्डरापाठ
क्षेत्र में मंगला कोरवा की तरह सैकड़ों किसान साहूकारों से कर्ज लेकर आलू की खेती करते
हैं। बाद में ये किसान अपनी फसल बेच कर साहूकार का कर्ज अदा करते हैं।
लगातार बारिश से बीज रोपण में देरी
बगीचा के उद्यान
अधीक्षक सी आर चैहान ने बताया कि इस क्षेत्र में एक पखवाड़े से लगातार हो रही बारिश
के चलते आलू की पैदावार लेने वाले किसानों पर विपरित असर पड़ा है। मौसम नहीं खुल पाने
से यहाँ पर 50 प्रतिशत किसान आलू बीज
रोपण का काम में पिछड़ गए हैं। उन्होने बताया कि इस अंचल में थोडे़ से ही किसानों ने
समय पर आलू की खेती का काम पूरा किया है!
शेष किसान यहाँ पर बारिश
के थमने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होने बताया कि यहाँ पर किसानों को कम समय में तैयार
होने वाली आलू की फसल लेने की सलाह दी जा रही है।
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