पत्थलगांव की पर्यटक शुभि शर्मा पहुंची दार्जिलिंग |
रमेश शर्मा /पत्थलगांव /
भीषण गर्मी से परेशान होकर यहाँ के लोग पहाड़ों पर छुटिटयों का आनंद लेने जा रहे हैं। लेकिन वहाँ से वापस लौट कर दार्जिलिंग से बेहतर जशपुर के पर्यटन स्ािलों को बेहतर बता रहे हैं। यहाँ के पर्यटन स्थलों तक आवागमन की अच्छी सुविधा के अभाव के साथ ठकरने की व्यवस्था नहीं होने से यहाँ की सुखद जलवायु और उंचे नीचे पहाड़ों का बाहर के पर्यटकों को लाभ नहीं मिल रहा है। इस दिशा में ठोस उपाय कर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
बीते वर्ष केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चार धाम की यात्रा में प्राकृतिक कहर के चलते इस बार ज्यादातर पर्यटकों ने दार्जिलिंग, हिमाचल का रूख किया है। यहाँ से दार्जिलिंग की सैर कर वापस लौट कर आए नितेश शर्मा ने अपनी चार वर्षीय बिटिया शुभि शर्मा की तस्वीर उपलब्ध कराई है।
उन्होंने बताया कि इस बार दार्जिलिंग के गंगटोक आदि रमणीय स्थलों पर छत्तीसगढ़ से पहुंचे पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ है। लेकिन दार्जिलिंग के महंगे पर्यटन स्थलों का जशपुर की सुखद जलवायु से मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि यहाँ बगीचा क्षेत्र में कैलाश गुफा, खुड़िया रानी गुफा और रजपुरी जलप्रपात को थोड़ा सवांर कर वहाँ वाहनों का आवागमन सुगम कर दिया जाए तो यहाँ भी गर्मी के दिनों में पर्यटकों का मजमा लग सकता है। श्री शर्मा का कहना था कि जशपुर जिले के पर्यटन स्थलों को विकसित करके यहाँ भी पर्यटकों को बढ़ा कर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अनेक नए अवसर बनाए जा सकते हैं।
भीषण गर्मी से परेशान होकर यहाँ के लोग पहाड़ों पर छुटिटयों का आनंद लेने जा रहे हैं। लेकिन वहाँ से वापस लौट कर दार्जिलिंग से बेहतर जशपुर के पर्यटन स्ािलों को बेहतर बता रहे हैं। यहाँ के पर्यटन स्थलों तक आवागमन की अच्छी सुविधा के अभाव के साथ ठकरने की व्यवस्था नहीं होने से यहाँ की सुखद जलवायु और उंचे नीचे पहाड़ों का बाहर के पर्यटकों को लाभ नहीं मिल रहा है। इस दिशा में ठोस उपाय कर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
बीते वर्ष केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चार धाम की यात्रा में प्राकृतिक कहर के चलते इस बार ज्यादातर पर्यटकों ने दार्जिलिंग, हिमाचल का रूख किया है। यहाँ से दार्जिलिंग की सैर कर वापस लौट कर आए नितेश शर्मा ने अपनी चार वर्षीय बिटिया शुभि शर्मा की तस्वीर उपलब्ध कराई है।
उन्होंने बताया कि इस बार दार्जिलिंग के गंगटोक आदि रमणीय स्थलों पर छत्तीसगढ़ से पहुंचे पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ है। लेकिन दार्जिलिंग के महंगे पर्यटन स्थलों का जशपुर की सुखद जलवायु से मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि यहाँ बगीचा क्षेत्र में कैलाश गुफा, खुड़िया रानी गुफा और रजपुरी जलप्रपात को थोड़ा सवांर कर वहाँ वाहनों का आवागमन सुगम कर दिया जाए तो यहाँ भी गर्मी के दिनों में पर्यटकों का मजमा लग सकता है। श्री शर्मा का कहना था कि जशपुर जिले के पर्यटन स्थलों को विकसित करके यहाँ भी पर्यटकों को बढ़ा कर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अनेक नए अवसर बनाए जा सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें