एनएच 43 पत्थलगांव में मरम्मत कार्य के बाद फिर उभरे गड्ढे |
22 दुंर्घटनाओं में अब तक 14 मौतें
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाली को दूर कराने के काम के लिए यहां पर सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि असहाय हो गए हैं। जशपुर जिले में 150 कि.मी.लम्बी इस सड़क की जर्जर हालत के चलते वाहनों की दुर्घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। पत्थलगांव शहरी क्षेत्र के आसपास कटनी गुमला एनएच सड़क की बदहाल हालत के चलते बीते साल वाहन दुर्घटना के 22 मामलों में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी यहां चौड़ीकरण और डामरीकरण का काम को स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। एनएच विभाग व्दारा दो माह पहले इस सड़क पर लाखों रुपए खर्च करके गड्ढे भरने का काम में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिए जाने से इस सड़क पर फिर से जगह जगह पुराने गड्ढे उभर आए हैं।
अम्बिकापुर स्थित एनएच विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बीते चार साल में पत्थलगांव क्षेत्र में 10 कि.मी. की जर्जर सड़क पर चौडी़करण और डामरीकरण का एक ही काम के लिए 4 बार निविदा आमंत्रित की जा चुकी हैं। इस कार्य की निविदा के लिए ठेकेदारों व्दारा अधिक दर भरने के कारण विभाग के उच्च अधिकारी काम को स्वीकृति प्रदान नहीं कर रहे हैं। कटनी गुमला मार्ग के कि.मी.क्रमांक 465 से 475 तक सड़क की बदहाल हालत को सुधारने के लिए आमंत्रित की गई निविदा में 46 प्रतिशत अधिक दर आने के बाद इस प्रकरण को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है। लेकिन वहंा भी इस जटिल प्रकरण पर निराकरण नहीं हो पाया है।
एनएच विभाग के कार्यपालन अभियंता एसआर झरबड़े ने बताया कि लगभग एक साल से इस जटिल प्रकरण पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से स्वीकृति मिलने की प्रतिक्षा की जा रही है। लेकिन वहंा भी पत्थलगांव की सड़क के प्रकरण पर कोई निराकरण नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस जर्जर सड़क पर नया काम करने की स्वीकृति नहीं मिल पाने से यहंा पर बार बार राज्य सरकार का सालाना मरम्मत कार्य के मद से सड़क पर गड्ढे भरने का काम कराया जा रहा है।इसमें एक करोड़ से अधिक व्यय करने के बाद भी एनएच सड़क की दषा ज्यों कि त्यों है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि पत्थलगांव के शहरी क्षेत्र में कटनी गुमला एनएच सड़क पर महज दो माह पहले ही लगभग 50 लाख रुपयों का खर्च करके गड्ढे भरने का काम कराया गया था।इस काम में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देने के कारण इंदिरा चौराहा और वन विभाग कार्यालय के समीप सड़क के पुराने गड्ढे फिर से उभर गए हैं।
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाली को दूर कराने के काम के लिए यहां पर सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि असहाय हो गए हैं। जशपुर जिले में 150 कि.मी.लम्बी इस सड़क की जर्जर हालत के चलते वाहनों की दुर्घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। पत्थलगांव शहरी क्षेत्र के आसपास कटनी गुमला एनएच सड़क की बदहाल हालत के चलते बीते साल वाहन दुर्घटना के 22 मामलों में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी यहां चौड़ीकरण और डामरीकरण का काम को स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। एनएच विभाग व्दारा दो माह पहले इस सड़क पर लाखों रुपए खर्च करके गड्ढे भरने का काम में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिए जाने से इस सड़क पर फिर से जगह जगह पुराने गड्ढे उभर आए हैं।
अम्बिकापुर स्थित एनएच विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बीते चार साल में पत्थलगांव क्षेत्र में 10 कि.मी. की जर्जर सड़क पर चौडी़करण और डामरीकरण का एक ही काम के लिए 4 बार निविदा आमंत्रित की जा चुकी हैं। इस कार्य की निविदा के लिए ठेकेदारों व्दारा अधिक दर भरने के कारण विभाग के उच्च अधिकारी काम को स्वीकृति प्रदान नहीं कर रहे हैं। कटनी गुमला मार्ग के कि.मी.क्रमांक 465 से 475 तक सड़क की बदहाल हालत को सुधारने के लिए आमंत्रित की गई निविदा में 46 प्रतिशत अधिक दर आने के बाद इस प्रकरण को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है। लेकिन वहंा भी इस जटिल प्रकरण पर निराकरण नहीं हो पाया है।
एनएच विभाग के कार्यपालन अभियंता एसआर झरबड़े ने बताया कि लगभग एक साल से इस जटिल प्रकरण पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से स्वीकृति मिलने की प्रतिक्षा की जा रही है। लेकिन वहंा भी पत्थलगांव की सड़क के प्रकरण पर कोई निराकरण नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस जर्जर सड़क पर नया काम करने की स्वीकृति नहीं मिल पाने से यहंा पर बार बार राज्य सरकार का सालाना मरम्मत कार्य के मद से सड़क पर गड्ढे भरने का काम कराया जा रहा है।इसमें एक करोड़ से अधिक व्यय करने के बाद भी एनएच सड़क की दषा ज्यों कि त्यों है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि पत्थलगांव के शहरी क्षेत्र में कटनी गुमला एनएच सड़क पर महज दो माह पहले ही लगभग 50 लाख रुपयों का खर्च करके गड्ढे भरने का काम कराया गया था।इस काम में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देने के कारण इंदिरा चौराहा और वन विभाग कार्यालय के समीप सड़क के पुराने गड्ढे फिर से उभर गए हैं।
पत्थलगांव शहर में दीवानपुर चौक से पालिडीह कालेज तक लगभग 10 किमी के क्षेत्र में इस सड़क की बदहाली के चलते यहंा आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।पत्थलगांव थाना प्रभारी जेपी सिंग ने बताया कि बीते एक वर्ष में यहां 22 सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में पुलिस ने 14 लोगों की मौत के मामले दर्ज किए हैं। उन्होने बताया कि दुपहिया वाहन तथा अन्य राहगिरों को चोट लगने के मामलों की लम्बी सूची बन गई है।
पांच साल से अधूरा पड़ा है सड़क निर्माण का काम
पत्थलगांव क्षेत्र में कटनी गुमला एनएच सड़क की जर्जर हालत को सुधारने के लिए यहंा पर वर्ष 2008ृ - 2009 में 4 करोड़ 21 लाख रू. में 10 कि.मी.सड़क पर चौड़ी करण और नया डामरीकरण का कार्य को स्वीकृत किया गया था।एनएच विभाग के सूत्रो का कहना है कि ठेकेदारों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते बेहद कम दर पर इसकी निविदा भरी गई थी। एनएच विभाग के कार्यपालन अभियंता का कहना है कि लगभग पांच साल पहले एनएच सड़क पर चौड़ीकरण और डामरीकरण की निविदा लेने वाले ठेकेदार ने लगभग 10 प्रतिशत काम करने के बाद इस काम को अधूरा छोड़ दिया था। इसके लिए संबंधित ठेकेदार को कई बार चेतावनी दे कर शेश कार्य को पूर्ण करने के लिए तीन बार पुनः निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। इस कार्य के लिए वर्ष 2010 और 2011 में बुलाई गई निविदा की दर 43 प्रतिशत अधिक होने के कारण उच्चाधिकारियों से स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
3 करोड़ के कार्य की लागत ढाई गुना हुई
इस कार्य की निविदा भरने वाली कम्पनी मे.हिल ब्रो मेटालिक कम्पनी के संचालक अनिल कुमार का कहना था कि लगभग 3 करोड़ रुपए.के इस कार्य की लागत बढ़ कर अब 8 करोड़ रू.से अधिक हो चुकी है। उन्होने कहा कि सड़क निर्माण सामग्री की दरों में भारी इजाफा के अलावा यह सड़क अब पहले से ज्यादा जर्जर हो गई है। इस सड़क पर समुचित काम करने के लिए पुरानी दर से काम कर पाना सम्भव ही नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में बुलाई गई निविदा की दर 43-89 प्रतिशत अधिक होने के कारण अम्बिकापुर के कार्यपालन अभियंता ने कार्य की स्वीकृति के लिए इस प्रकरण को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है। लेकिन वहंा पिछले एक साल से इस जटिल प्रकरण पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।
सड़क की देखरेख के अभाव में बढ़ रही बदहाली
एनएच विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री झरबड़े ने बताया कि पत्थलगांव क्षेत्र में लगभग 40 कि.मी. लम्बी एनएच सड़क की देख रेख की जिम्मेदारी का काम अम्बिकापुर के उप अभियंता को सौंपा गया है।लेकिन सौ कि.मी. दूर में रहने वाले उप अभियंता व्दारा इस सड़क की समुचित देख रेख नहीं करने से यहां की बदहाली और बढ़ गई है