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शुक्रवार, 8 जून 2012

अस्पताल की मशीनों को इलाज की जरूरत


सोनोग्राफी
बीएमओ डा.जेम्स मिंज के पास मरीजों की कतार
अस्‍पताल के कई  उपकरण खराब
 पत्थलगांव/  रमेश शर्मा छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पत्थलगांव का सिविल अस्पताल में सर्पदंश के मरीजों को कृत्रिम श्‍वास देकर उपचार के लिए लाई गई कीमती वेंटिलेटर मशीन तथा हृदय रोगियों के काम में आने वाली टीएमटी व सोनोग्राफी मशीन का सुधार नहीं होने से इन मशीनों का इस वर्ष भी उपयोग हो पाने की सम्भावना नहीं है।
    नागलोक के नाम से चर्चित इस अचंल में सर्पदंश के मरीजों के लिए जीवन रक्षक वेंटिलेटर मशीन के अलावा सिविल अस्पताल में अनेक महंगे सवास्थ्य उपकरण यहंा कचरे के ढेर में पड़े हुए हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि मरीजों को नया जीवन देने में सहायक इन महंगे स्वास्थ्य उपकरणों का एक बार भी इस्तेमाल नहीं हो पाया है। ब्लॅाक मेडिकल अधिकारी जेम्स मिंज का कहना है कि पत्थलगांव सिविल अस्पताल में आठ वर्ष पहले भेजे गए ज्यादातर स्वास्थ्य उपकरण अब कंडम हो चुके हैं।इन स्वास्थ्य उपकरणों का सुधार के लिए कई बार संबंधित कम्पनी के इंजीनियर और उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कर अवगत कराया जा चुका है। मगर यहां पड़े उपकरणों की कोई भी सुध नहीं ले रहा है।
बेंटिलेटर मशीन
टीएमटी
 मानसून आने के बाद बरसात की पहली फुहार पड़ते ही सिविल अस्पताल में सर्पदंश के मरीजों का तांता लग जाता है।बीते वर्ष पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में सर्पदंश से पीड़ित 24 मरीजों का उपचार कर उन्हे नई जिन्दगी मिली थी। बीएमओ डा.मिंज का कहना है कि बरसात का मौसम आते ही वे लोग सर्पदंश के मरीजों को लेकर सतर्क हो जाते हैं।उन्होने बताया कि यहॉं रायगढ़ जिले के लैलूंगा और धर्मजयगढ़ विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्र से भी सर्पदंश के कई मरीज पहुंच जाते हैं। ऐसे मरीजों को अस्पताल में तत्काल भर्ति कर उनका उपचार शुरू कर दिया जाता है। डा.मिंज ने बताया कि बरसात में सर्पदंश की अधिक घटनाओं के मददेनजर यहंा एनटी स्नेक वेनम दवा का तो पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है, पर सर्पदंश के गम्भीर मरीजों को बचाने के उपयोग में आने वाली वेंटिलेटर मशीन की कमी दूर नहीं हो पाई है। यहॉं के चिकित्सकों का कहना है कि सर्पदंश की घटना के बाद विलम्ब से आने वाले मरीजों को कृत्रिम संास देकर बचाया जा सकता है। ऐसे समय में वेंटिलेटर मशीन जीवन दायिनी साबित होती है।पत्थलगांव का सिविल अस्पताल में आठ साल पहले इन मषीनों की आपूर्ति की गई है।स्वास्थ्य उपकरण आपूर्ति करने वाली कम्पनी ने इन मषीनों को चालू किए बगैर ही लाखों रू.का भुगतान प्राप्त कर लिया है।
                जरनेटर मशीन और सौर उर्जा प्लेट भी खराब 
      पत्थलगांव का सिविल अस्पताल प्रारम्भ से ही अव्यवस्था का षिकार रहा है।यहंा पर स्वास्थ्य उपकरणों की बदहाली का मरीजों को ही खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार यहंा मरीज का आपरेशन से पहले बेहोश करने वाली किमती मशीन भी खराब पड़ी है। इसके अभाव में मरीजों का आपरेशन में परेषानी का सामना करना पड़ता है।बताया जाता है कि यहंा छैः माह पहले लाखों रू.का जरनेटर बीगड़ जाने के बाद इसका आज तक सुधार नहीं हो सका है। इस अस्पताल में भर्ति होने वाले मरीजों को गर्मी के दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इसी तरह सिविल अस्पताल में इमरजेंसी विद्युत सुविधा मुहैया कराने के लिए लगभग एक करोड़ रू.की लागत से सौर उर्जा प्लेट लगाई गई हैं। सौर उर्जा प्लेट का इंटरनल वायरिंग का काम लम्बे समय से अधूरा होने के कारण इस सेवा का मरीजों को लाभ नहीं मिल पाया है। 

             नागलोक के दो अस्पतालों को मिलेगी नई बेंटिलेटर मशीन
     सीएमओ डा.भारत भूषण बोर्डे ने बताया कि पत्थलगांव सिविल अस्पताल में बीगड़े हुए स्वास्थ्य उपकरणों की कमी को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। उन्होने बताया कि इस अस्पताल में नया जरनेटर खरीदने की स्वीकृति मिल चुकी है।जल्द ही पत्थलगांव सिविल अस्पताल में नया जरनेटर उपलब्ध करा दिया जाएगा। डा.बोर्डे ने बताया कि जिले में सर्पदंश की अधिक घटना वाला क्षेत्र फरसाबहार और पत्थलगांव अस्पताल में मरीजों का उपचार के लिए कृत्रिम सांस देने वाली वेंटिलेटर मशीन की आवष्यकता है।इसके लिए राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को पत्र लिखा गया है। सर्पदंश प्रभावित दोनो अस्पतालों के लिए जल्द ही नई बेंटिलेटर मशीन प्राप्त हो जाऐंगी। डा.बोर्डे ने बताया कि नागलोक क्षेत्र में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मियों को बेंटिलेटर मशीन का सचंालन करने के लिए अपोलो अस्पताल में भेज कर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

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