अधिक बारिश से गलने लगी टमाटर की फसल |
टमाटर किसानों
के लिए नहीं है फसल बीमा
भास्कर
न्यूज/ पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
करोड़ों रूपये कर्ज लेकर टमाटर की फसल लगाने
वाले किसान प्राकृतिक आफत से बेहाल हो गए हैं। बीते एक पखवाड़े से लगातार हो रही झमाझम बारिश के
चलते टमाटर की तैयार और नई फसल के फूल को नुकसान पहुंचाया है। इन दिनो खेतों में पक
कर तैयार हो चुकी टमाटर की फसल को तोड़ने से पहले ही अति वृष्टि से यह फसल गलने लगी
है। किसानों का कहना है कि इसके साथ टमाटर की नई फसल पर आए फूल भी झड़ कर खेतों में
बिखरने लगे हैं। यहां पर टमाटर फसल लेने वालों को एक साथ दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा
है।
पाकरगांव में लगभग पांच एकड़ भूमि में टमाटर की
उपज लेने वाले किसान गणेशचन्द्र बेहरा ने बताया कि इस फसल के लिए बीज,खाद और मजदूरी पर अच्छी खासी राशि व्यय करने के बाद
अब टमाटर के खेतों में कुछ नहीं बचा है। इस किसान की ज्यादातर फसल अधिक बारिश के कारण
खेतों में ही गलने लगी है। इस किसान के खेतों में टमाटर के पौधे भी बारिश के चलते गलने
लगे हैं। इसके पहले भी यहां के किसानों व्दारा ग्रीष्म ऋतु में लगाई गई टमाटर की पहली
फसल भी अधिक बारिश से खराब हो गई थी।
नगद फसल के रूप में यहां पर 100 से अधिक गांवों के किसान टमाटर की दोहरी फसल लेने लगे
हैं। सिंचाई के साधन नहीं होने के बाद भी अनुकूल जलवायु से टमाटर की खेती करने वाले
किसानों का अच्छा मुनाफा मिल जाता है। इसी वजह यहंा के किसान अपने खेतों में दो से
तीन बार टमाटर की फसल लेने लगे हैं। जून, जूलाई माह में टमाटर पहली फसल के साथ अक्टूबर माह में आने वाली फसल के अच्छे
दाम मिलने के कारण किसानों का इस काम में ज्यादा रूझान हुआ है। पर इस वर्ष मौसम साथ
नहीं मिल पाने के चलते किसानों को अपना कर्ज चूकाने की चिंता हो गई है।
ग्राम पंचायत मुड़ापारा के किसान निरंजन साय नाग
ने बताया कि जिन किसानों ने थरहा तैयार कर टमाटर की फसल तैयार की थी इस फसल में इन
दिनो फूल आने लगे थे। अधिक बारिश ने इस फसल के फूलों को चैपट कर डाला है।मुड़ापारा के
अलावा पंगशुवा, गाला, डूड़ुंगजोर, बुढ़ाडाड सहित अन्य गांव के किसानों ने सैकड़ो एकड़ भूमि पर इन दिनो टमाटर की फसल
लगा रखी है।पालिडीह के किसान डमरूधर यादव ने बताया कि इन दिनो टमाटर फसल की लागत में
डेढ़ से दो गुना वृध्दि हो गई है। श्री यादव ने कहा कि पहले की अपेक्षा अब टमाटर का
बीज के दाम बढ़ कर 15 से 25 हजार रू.प्रति किलो पहुंच गए हैं।इसी तरह खाद और मजदूरी
देने में किसानों को अच्छी खासी रकम व्यय करनी पड़ रही है। किसानों का कहना प्राकृतिक
आपदा ने इस फसल पर विपरित प्रभाव डाला है।
आस पास के साप्ताहिक बाजारों में इन दिनो टमाटर के
दाम में तेजी का रूख बना हुआ है।इन दिनो बाजार में टमाटर की आवक कम हो जाने से खरीददारों
व्दारा 800 से 1000 रू.कांवर के भाव बोले जा रहे हैं।पर किसानों की टमाटर
फसल उनके खेतों में ही गल कर खराब हो जाने से उन्हे इस बार की तेजी का लाभ नहीं मिल
रहा है।
टमाटर किसानों के लिए नहीं है फसल
बीमा योजना
यहंा के उद्यान अधीक्षक प्रकाश सिंह भदौरिया ने
बताया कि टमाटर की अधिक मात्रा में पैदावार लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा की कोई
योजना नहीं है। उन्होने कहा कि बीते एक पखवाड़े से अनवतरत हो रही बारिश के चलते यहंा
पर टमाटर और उड़द की फसल को काफी नुकसान होने की संभावना है।उन्होने बताया कि लगातार
बारिश से टमाटर की नई फसल के भी फूल झड़ने लगे हैं।श्री भदौरिया ने कहा कि इस बार नवम्बर
माह में आने वाली टमाटर की फसल बाजार में विलंब से पहुंचेगी।
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