पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
आदिवासियों का धर्मान्तरण रोकने के लिए भाजपा
के दिवंगत नेता दिलीप सिंह जूदेव की तरह भाजपा के पूर्व अजाक मंत्री गणेश राम भगत ने
भी इस कार्यक्रम को शुरू करने का बीड़ा उठाया है। श्री भगत ने हिन्दू धर्म में वापस
लौटने के कार्यक्रम का नाम जात भीतर देकर शुक्रवार से इसकी पत्थलगांव में शुरूवात की।
श्री भगत ने कहा कि प्रदेष के आदिवासी बहुल जिलों
में वनवासियों को प्रलोभन देकर उनका धर्मान्तरण के साथ साथ आदिवासियों की प्राचीन संस्कृति
को भी विलुप्त करने की कुचेष्टा की जा रही है। इससे वनवासियों की युवा पीढ़ी पर विपरित
असर पड़ रहा है। वनवासियों का धर्मान्तरण रोकने के काम में सभी को अपनी भागीदारी निभाने
की जरूरत है। पत्थलगांव के समीप ग्राम पंचायत जामजुनवनी का आश्रित ग्राम नरवाटिकरा
में आयोजित जात भीतर के इस कार्यक्रम में 19 परिवार के 109 लोग हिन्दू
धर्म में वापसी की। । श्री भगत ने इस कार्यक्रम में आदिवासियों की सभा में कहा कि वनवासियों
का तेजी से धर्मान्तरण के बाद इस वर्ग के युवक शराब और जघन्य अपराधों की ओर प्रेरित
होने लगे हैं। विकास की राह से भटकने वाले इन युवकों को अच्छे रास्ते पर ले जाने के
लिए जात भीतर का यह कार्यक्रम आदिवासियों के विकास में मील का पत्थर साबित होगा । यहॉं
पर सरना स्थल में एकत्रित ग्रामवासियों ने अपना धर्मान्तरण को लेकर पष्चाताप किया।
इस कार्यक्रम में हिन्दू धर्म में वापसी करने
वाला परिवार कोरोंजो एक्का,कपील एक्का, संजय लकड़ा बीरबल मिंज का कहना था कि उनके पुरखों व्दारा अपनाया गया हिन्दू धर्म से धर्मान्तरण
कर लेने के बाद वे दूसरे धर्म में रह कर बेहद घुटन और अकेलापन महसूस कर रहे थे। इन
लोगों का कहना था कि जिस तरह वे पहले गांव के लोगों के साथ आपसी भाई चारा और एक जुटता
के साथ अपने त्यौहारों में मिल जुल कर आनंद उठाते थे वह सब बाते समाप्त हो गई थी। इनका
कहना था कि वनवासियों का आपसी भाईचारा में जो ताकत रहती है उससे वे लोग दूर हो गए थे।जूलु
राम का कहना था कि हिन्दू धर्म से भटकने के बाद उनकी युवा पीढ़ी अपराध की दुनिया में
भटकने लगी थी। अपने प्राचीन त्यौहार और समाज की रीति रिवाजों से दूर चले जाने के कारण
ही उन्होने अपना मूल हिन्दू धर्म में लौटने का फैसला लिया है। इस गांव में जात भीतर
का कार्यक्रम आयोजित होने से पूरे गांव के लोग खुषी में झूमने लगे थे। पुराने हिन्दू
परिवार के लोगों ने इन्हे एक दिन पहले सरना स्थल पर बैठा कर उन्हे हिन्दू धर्म अपनाने
का संकल्प दिलाया था। इस गांव में आज विषाल जनसभा का भी आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम
में गांव के लोगों ने पूर्व अजाक मंत्री गणेश राम भगत का भव्य स्वागत किया। वनवासियों
की सभा को सम्बोधित करते हुए श्री भगत ने कहा कि जब भी मनुष्य अपनी भूल को जब भी समझ
लेता है उसी दिन से उसका नया सबेरा शुरू हो जाता है। उन्होने कहा कि जामजुनवानी का
नरवाटिकरा के लोगों ने पाष्चात संस्कृति को छोड़ने का जो साहस दिखाया है इससे अन्य सैकड़ों
लोगों को भी विकास की मुख्य धारा से जुड़ने में मदद मिलेगी। उन्हाने कहा कि अपने समाज
को मजबूत रखने से ही विकास के कार्यो को नई दिशा दी जा सकती है। श्री भगत ने कहा कि
हम लोग अपने दिवंगत नेता दिलीप सिंह जूदेव के दिखाए मार्ग पर चल कर उनके सपनों को साकार
करने का प्रयास कर रहे हैं।श्री भगत ने कहा कि श्री जूदेव ने भी आपरेशन घर वापसी का
कार्यक्रम चला कर हजारों वनवासियों को नया सबेरा में अच्छी राह का रास्ता दिखाया था।
इस कार्यक्रम में जशपुर के प्रमुख कट्टरवादी हिन्दू नेता रामप्रकाश पाण्डेय, सत्यप्रकाश
तिवारी, डा.आजाद, रम्मू शर्मा, बिशु शर्मा, रोशन साय
पैंकरा, बलदेव जोशी
सहित वनवासी कल्याण आश्रम के अनेक प्रमुख लोग उपस्थित थे।
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