कन्या हाई स्कूल पत्थलगांव |
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पत्थलगांव का कन्या हायर सेकेन्डरी स्कूल की छात्राओं को बीते पांच वर्षो से गृह विज्ञान विषय के शिक्षको के बगैर ही अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड रही है। इस शासकीय स्कूल में इस वर्ष अन्य महत्वपूर्ण विषयों के भी षिक्षकों की कमी से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।कषक्षकों का अभाव के कारण इस स्कूल में अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है इसके बाद भी शिक्षा अधिकारी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस स्कूल की सुध नहीं ले रहे हैं।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहॉं की 2 छात्राओं ने बगैर शिक्षकों के गृह विज्ञान की पढ़ाई में अपने बलबूते से स्कूल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोस्ताहन का पुरूस्कार प्राप्त कर चुकी है। यहां की छात्राओं की गृह विज्ञान विषय को लेकर काफी रूचि के बाद भी शासकीय कन्या हाई स्कूल में बीते पांच वर्षो से गृह विज्ञान विषय के शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो रही है। इंदिरा गांधी कन्या हायर सेकेन्डरी स्कूल के प्राचार्य एम टोप्पो ने बताया वर्ष 2007 से यहॉं गृह विज्ञान विषय की कक्षाऐं प्रारम्भ की गई हैं। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने यहॉं पर जल्द ही गृह विज्ञान विषय के शिक्षकों को पदस्थ करने का आश्वासन दिया था।पर पांच साल का लम्बा समय व्यतित हो जाने के बाद भी इस स्कूल में गृह विज्ञान के शिक्षक पदस्थ नहीं हो पाए हैं। उन्होने बताया कि नए षिक्षा सत्र में यहॉं पर गणित, विज्ञान, भौतिक, अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषय के षिक्षकों का भी टोटा हो गया है। इस स्कूल में 16 षिक्षकों की पदस्थापना के विरूध्द केवल 8 षिक्षकों से ही काम चलाना पड़ रहा है। प्राचार्य ने बताया कि यहॉं कामर्स विषय की कक्षाऐं नहीं होने के बाद भी इस स्कूल में कामर्स विषय के दो व्याख्याताओं की पदस्थापना कर दी गई है। उन्होने बताया कि ऐसे विपरित हालात में यहॉं पर छात्राओं को शिक्षा देने का काम किसी चुनौती से कम नहीं है। श्री टोप्पो ने बताया कि गृह विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं होने के बाद भी यहॉं की छात्राओं ने अपने बलबूते पर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पत्थलगांव का कन्या हायर सेकेन्डरी स्कूल की छात्राओं को बीते पांच वर्षो से गृह विज्ञान विषय के शिक्षको के बगैर ही अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड रही है। इस शासकीय स्कूल में इस वर्ष अन्य महत्वपूर्ण विषयों के भी षिक्षकों की कमी से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।कषक्षकों का अभाव के कारण इस स्कूल में अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है इसके बाद भी शिक्षा अधिकारी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस स्कूल की सुध नहीं ले रहे हैं।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहॉं की 2 छात्राओं ने बगैर शिक्षकों के गृह विज्ञान की पढ़ाई में अपने बलबूते से स्कूल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोस्ताहन का पुरूस्कार प्राप्त कर चुकी है। यहां की छात्राओं की गृह विज्ञान विषय को लेकर काफी रूचि के बाद भी शासकीय कन्या हाई स्कूल में बीते पांच वर्षो से गृह विज्ञान विषय के शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो रही है। इंदिरा गांधी कन्या हायर सेकेन्डरी स्कूल के प्राचार्य एम टोप्पो ने बताया वर्ष 2007 से यहॉं गृह विज्ञान विषय की कक्षाऐं प्रारम्भ की गई हैं। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने यहॉं पर जल्द ही गृह विज्ञान विषय के शिक्षकों को पदस्थ करने का आश्वासन दिया था।पर पांच साल का लम्बा समय व्यतित हो जाने के बाद भी इस स्कूल में गृह विज्ञान के शिक्षक पदस्थ नहीं हो पाए हैं। उन्होने बताया कि नए षिक्षा सत्र में यहॉं पर गणित, विज्ञान, भौतिक, अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषय के षिक्षकों का भी टोटा हो गया है। इस स्कूल में 16 षिक्षकों की पदस्थापना के विरूध्द केवल 8 षिक्षकों से ही काम चलाना पड़ रहा है। प्राचार्य ने बताया कि यहॉं कामर्स विषय की कक्षाऐं नहीं होने के बाद भी इस स्कूल में कामर्स विषय के दो व्याख्याताओं की पदस्थापना कर दी गई है। उन्होने बताया कि ऐसे विपरित हालात में यहॉं पर छात्राओं को शिक्षा देने का काम किसी चुनौती से कम नहीं है। श्री टोप्पो ने बताया कि गृह विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं होने के बाद भी यहॉं की छात्राओं ने अपने बलबूते पर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
लाखों के कम्प्यूटर कचरे में
कन्या हाई स्कूल में छात्राओं को कम्पयूटर की शिक्षा देने के लिए पांच साल पहले भेजे गए लगभग 50 कम्प्यूटर सेट बगैर उपयोग के ही यहॉं कचरे के ढ़ेर में बदल गए हैं। प्राचार्य श्री टोप्पो का कहना है कि स्कूल में कम्प्यूटर के जानकार शिक्षक नहीं होने से यहॉं सभी महंगे उपकरण बीगड़ चुके हैं। इस अव्यवस्था को सुधारने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है पर यहॉं की व्यवस्था को सुधारने की अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है। श्री टोप्पो ने बताया कि यहॉं अभी भी 8 शिक्षकों की कमी है। इस दिशा में उच्च अधिकारियों व्दारा निदान नहीं करने से स्कूल की समस्या यथावत बनी हुई है। कन्या स्कूल की छात्राओं ने बताया कि वे कम्प्यूटर की शिक्षा लेना चाहती हैं पर उन्हे अपने स्कूल में कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है।
बगैर शिक्षक के 2 छात्राओं को ज्ञान पुरस्कार
कन्या हायर सेकेन्डरी स्कूल में वर्ष 2008 में कु नौमी ने गृह विज्ञान विषय में उत्कृष्ट अंक अर्जित कर 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर इस छात्रा को मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोत्साहन योजना के तहत 10 हजार रू.का नगद पुरूस्कार प्राप्त हुआ था। वर्ष 2010 में भी यहॉं की छात्रा कु.अमिला ने 12 वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर उसे भी मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोत्साहन योजना के तहत 10 हजार रू.का नगद पुरस्कार मिल चुका है।
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