शहर के मध्य में सुता तालाब की बदहाली |
नपं सीएमओ को निलंबन करने की मांग
पत्थलगांव/ रमेश शर्मा
चार दिवसीय छठ पूजा की बुधवार से
शुरुआत हो रही है।पत्थलगांव में काफी बड़ी तादाद में श्रध्दालुओं व्दारा छठ पूजा के
अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नगर पंचायत व्दारा शहर के तालाबों
की साफ सफाई पर ध्यान नहीं देने से इस बार सूर्य षष्ठी का त्यौहार मनाने वाले श्रध्दालुओं
में चिंता व्याप्त है। नगर पंचायत के उपाध्यक्ष सहित अनेक पार्षदों का आरोप है कि प्रभारी
सीएमओ नारायण सिंह की निष्क्रीयता के चलते यहां तालाबों की साफ सफाई का काम नहीं हो
पाया है।यहां के ज्यादातर तालाब घांस और गंदगी से अटे होने के कारण स्नान और पूजा करने
के स्थल लुप्त हो गए हैं।
छठ पूजा का त्यौहार मनाने वाले श्रध्दालु
पहले शहर के बीच में स्थित सुता तालाब में पहुंचकर ढ़लते सूर्य और अगले दिन भोर में
उगते सूर्य को अर्ध्य दिया करते थे। पर नगर पंचायत व्दारा इस तालाब में साफ सफाई के
नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी यहां की बदहाली ज्यों कि त्यों है।इस तालाब
में साफ सफाई काम की अनदेखी करने के बाद यह तालाब अब लुप्त होने के कगार पर पहुंच गया
है।
सुता तालाब के चारों ओर घास और कचरा
पट जाने के बाद श्रध्दालुओं को मजबूरीवश अब दूर जाकर छठ पूजा करनी पड़ रही है। इस बार
पुरन तालाब में भी गंदगी की साफ सफाई नहीं होने से शहर के लोग यह सोचकर दुखी हैं कि
इस बार नगर पंचायत अधिकारी का निकम्मापन के चलते उन्हे गंदगी के बीच में ही स्नान व
पूजा के लिए मजबूर होना पड़ेगा। नगर पंचायत ने पुरानी बस्ती का बेल तालाब और बैगा तालाब
की साफ सफाई के लिए कोई पहल नहीं की है।यहां के तालाबों में घांस के साथ गंदगी रहने
से निस्तार का काम दुभर हो गया है। तालाब पर अधेरा पसरा रहने से छठ पूजा के अवसर पर
श्रध्दालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
छठ पूजा के दौरान तालाबों की अव्यवस्था
से नगर पंचायत के पदाधिकारी और पार्षद भी काफी क्षुब्ध हैं। पार्षद वेदप्रकाश ने बताया
कि नगर पंचायत की बैठक में कई बार तालाबों की साफ सफाई कर बेहतर व्यवस्था के लिए आवाज
उठाने के बाद भी इस दिषा में कोई पहल नहीं हो पाना दुर्भाग्यजनक है। नगर पंचायत की
उपाध्यक्ष श्रीमती स्नेहलता शर्मा का कहना था कि नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ व्दारा
शहर के लोगों को सुविधा मुहैया कराने के सभी कार्यो के प्रति अनदेखी की जा रही है।उन्होने
कहा कि तालाबों का सरंक्षण के नाम पर भारी भरकम राषि खर्च करने के बाद भी तालाबों का
अस्तित्व नहीं बच पाया है।श्रीमती शर्मा ने कहा कि कलेक्टर एलएस केन को ऐसे अधिकारी
को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर देना चाहिए।
चार दिन चलेगी छठ पूजा
यहां के प्रमुख समाजसेवी विजय त्रिपाठी
ने बताया कि इस बार 8 नवंबर को ढलते सूर्य और 9 नवंबर को उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही चार दिवसीय
पर्व का समापन होगा। श्री त्रिपाठी ने बताया कि परिवार की सुख समृध्दि की कामना को
लेकर चार दिवसीय छठ पूजा की शुरूवात बुधवार को होगी। पहले दिन नहाना खाना की परम्परा
निभाई जाती है।दूसरे दिन गुरूवार को खरना किया जाएगा। तीसरे दिन शुक्रवार को महिलाऐं
बिना पानी पिए निर्जला उपवास रखकर शाम को तालाब किनारे कमर तक पानी में डूब कर ढ़लते
सूर्य को अर्ध्य देकर घर लौटेंगी। आधी रात के बाद महिलाएं पुनः तालाब किनारे एकत्रित
होकर पूजा अर्चना करेंगी और फिर उगते सूर्य को अर्ध्य देकर प्रसाद ग्रहण कर अपना उपवास
तोडेंगी।
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