संकल्प लेने वाले भूल
जाते हैं वायदा
अव्यवस्था से होती है
परेशानी
रमेश शर्मा /पत्थलगांव
शहर में दानदाता और समाज सेवियों की लम्बी कतार के बाद भी यहां का मुक्तिधाम
की बदहाली सुधारने की कोई पहल नहीं हो रही है। अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार के
वक्त यहां पहुंच कर अक्सर मुक्तिधाम का कायाकल्प करने का संकल्प तो लिया जाता है, लेकिन इस परिसर से बाहर
निकलते ही लोग अपने वादे को भुलकर व्यवसाय तथा अन्य गैर जरूरी कार्यो में उलझ जाते
हैं।
दो वर्ष पहले यहां अन्तरराष्ट्रीय
समाज सेवी संस्था ने मुक्तिधाम का जीर्णोद्धार करने का बीड़ा उठाया था, लेकिन मुक्तिधाम में
दरवाजा लगाने के बाद इस संस्था के पदाधिकारियों ने भी अपने हाथ खींच लिए हैं। शहर का
मुक्तिधाम पर चोरों की नजर पड़ जाने के बाद यहां अंतिम संस्कार करने वाले लोहे के गटर
काट कर गायब कर दिए गए हैं। बताया जाता है कि आस पास कबाड़ का व्यवसाय करने वाले यहां
का लोहा ,दरवाजे तथा अन्य सामान
खरीद लेने से मुक्तिधाम में अक्सर चोरो का डेरा लगा रहता है। यहां शव दाह स्थल से चोरों
ने कई बार लोहे के मोटे गटर काट कर गायब कर देने से बरसात के दिनों में अंतिम संस्कार
करने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मुक्तिधाम परिसर में चारों ओर
घांस और गंदगी का साम्राज्य बन जाने से यहां मृतक का अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी
बेहद कठिन काम हो गया है। इस परिसर में पानी की खाली बोतल और अन्य कचरे का ढ़ेर से लोगों
को दो घड़ी बैठ कर श्रध्दाजंलि देने के लिए भी जगह नहीं मिल पाती है।
यहां बने नवनिर्मित भवन के दरवाजे भी गायब |
नगर पंचायत ने इस परिसर में सीसी रोड़ बनवाने की पहल की थी लेकिन ठेकेदारी प्रथा
का भ्रष्टाचार यहां भी अछूता नहीं रहा। सीसी रोड का निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर
ध्यान नहीं देने से इस सड़क पर बरसात के बाद जगह जगह घास उग गई है। सीसी रोड का बेहद
घटिया कार्य को लेकर लोग अक्सर यहां चर्चा करने लग जाते हैं। लेकिन सीसी रोड़ का निर्माण
में भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदार के प्रति लोगों का आक्रोश चाय के उबाल की तरह रहता
है। यहां मुक्तिधाम परिसर में बनाई गई सीसी सड़क अब जर्जर हालत में जा पहुंची है। मुक्तिधाम
परिसर में ही पोस्ट मार्टम भवन के दरवाजे और खिड़कियों को भी चोरो ने निकाल कर इस भवन
को बदनुमा बना दिया है। इसका सुधार कराने के बजाए नगर पंचायत ने मुक्तिधाम परिसर में
बगैर जरूरत के फिर से लाखों रूपयों की लागत से नया भवन निर्माण कार्य का ठेका दे दिया
गया है। इस निर्माण कार्य की देख रेख नहीं होने से इस नए भवन की गुणवत्ता पर सवालिया
निशान लग गया है।
यहां पर अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों के सामने घास,कूड़ा से जीव जन्तु निकल
कर सामने आ जाने से अक्सर जान के लाले पड़ जाते हैं। ऐसे वक्त यहां पर हर बार की तरह
इस स्थल का कायाकल्प करने का संकल्प तो लेते हैं, लेकिन मुक्तिधाम से बाहर निकलते ही अपना वायदा
को भूल जाते हैं।
मिलजुल कर दें जिम्मेदारी
यहां
के प्रमुख व्यवसायी श्रवण अग्रवाल का कहना है कि शहर में जनहित के कार्य कराने के लिए
यहां दानदाताओं की कमी नहीं है। ऐसे कार्यो के लिए आपस में मिलजुल कर जिम्मेदारी बांटनी
चाहिए। उन्होंने कहा कि मुक्तिधाम का कायाकल्प करने के लिए रोटरी क्लब के डिस्ट्रीक्ट
गवर्नर सहित यहां दानदाता रामअवतार अग्रवाल, अनिल मित्तल, सुशील रामदास ने लाखों रू.उपलब्ध कराए हैं।
उन्हांेने कहा कि समाजसेवियों में दृढ इच्छाशक्ति के अभाव के चलते मुक्तिधाम का जीर्णोद्धार
आज भी अधूरा पड़ा है।
रोटरी क्लब करेगा पुनः पहल
मुक्तिधाम परिसर में चारों ओर उग गई घास |
रोटरी क्लब के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र
अग्रवाल पेटू ने बताया कि संस्था की ओर से इस मुक्तिधाम का कायाकल्प करने का बीड़ा उठाया
था लेकिन संस्था के अन्य पदाधिकारियों का सहयोग नही मिल पाने से उनका सपना अधूरा रह
गया। यहां मुख्य द्वार लगाने के बाद इस परिसर में छायादार वृक्षारोपण, विद्युत व्यवस्था की
योजना आज भी अधूरी पड़ी है। श्री अग्रवाल का कहना था कि यहां पर साफ सफाई का अभाव और
प्रकाश व्यवस्था का अभाव के चलते बरसात के दिनों में मुष्किलें और बढ़ जाती हैं। उन्होंने
कहा कि मुक्तिधाम का जीर्णोद्धार के लिए शहर के समाजसेवी व दानदाताओं की मदद से एक
बार फिर जीर्णोद्धार का प्रयास किया जाएगा ताकि इस महत्वपूर्ण स्थल को बेहतर बनाया
जा सके।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें